आधुनिक भारतीय आर्यभाषा(1000 ई. से अब तक): आधुनिक भारतीय आर्यभाषा का समयकाल 1000 ई. से अब तक है। आधुनिक भारतीय आर्यभाषा का विकास अपभ्रंश से हुआ है। आधुनिक भारतीय आर्यभाषा से अभिप्राय सन् 1947 से पूर्व का अविभाजित भारत से है, जिसमें पाकिस्तान और बंगलादेश समाविष्ट थे। कुछ विद्वान तो भारत का अर्थ श्रीलंका और वर्मा सहित भारतीय आर्यभाषा में लेते हैं। वस्तुतः अंग्रेजों के आने से पूर्व
ये सब प्रदेश भारत के ही अंग थे। आधुनिक भारतीय आर्यभाषा का सर्वप्रथम वर्गीकरण डॉ. ए. एफ. आर. हार्नले ने सन् 1880 ई. में किया था । डॉ. हार्नले ने आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं को 4 वर्गों में विभाजित किया है, जो निम्नांकित हैं-
डॉ. हार्नले के अनुसार जो आर्य मध्यदेश अथवा केन्द्र में थे ‘भीतरी आर्य‘ कहलाये और जो चारों ओर फैले हुए थे ‘बाहरी आर्य‘ कहलाये। डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन ने (लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इण्डिया-भाग-1 तथा बुलेटिन ऑफ द स्कूल ऑफ ओरियंटल स्टडीज, लण्डन इन्स्टिट्यूशन- भाग-1 खण्ड 3, 1920) अपना पहला वर्गीकरण निम्नांकित ढंग से प्रस्तुत किया है-
डॉ. सुनीति कुमार चटर्जी ने ग्रियर्सन के वर्गीकरण की आलोचना ध्वनिगत एवं व्याकरणगत आधारों पर करते हुए अपना वैज्ञानिक वर्गीकरण निम्न वर्गों में प्रस्तुत किया:-
डॉ. धीरेन्द्र वर्मा ने डॉ. चटर्जी के वर्गीकरण में सुधार करते हुए अपना निम्नांकित वर्गीकरण प्रस्तुत किया:-
सीताराम चतुर्वेदी ने सम्बन्ध सूचक परसर्गों के आधार पर अपना वर्गीकरण प्रस्तुत किया, जो निम्न है:-
भोलानाथ तिवारी ने क्षेत्रीय तथा सम्बद्ध अपभ्रंशों के आधार पर अपना वर्गीकरण निम्न ढंग से प्रस्तुत किया है:-
डॉ. हरदेव बाहरी ने आधुनिक आर्य भाषाओं का वर्गीकरण इस प्रकार किया:-
भारतीय आर्य भाषाओं का इतिहासभारत से अभिप्राय सन् 1947 से पूर्व का अविभाजित भारत से है, जिसमें पाकिस्तान और बंगलादेश समाविष्ट थे। कुछ विद्वान तो भारत का अर्थ श्रीलंका और वर्मा सहित भारत लेते हैं। वस्तुतः अंग्रेजों के आने से पूर्व ये सब प्रदेश भारत के ही अंग थे। आर्य भाषा का इतिहास आर्यों के भारत आगमन से प्रारम्भ होता है। जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन के आर्यभाषाओं के वर्गीकरण के केन्द्रीय समुदाय में पश्चिमी हिंदी, पंजाबी, राजस्थानी, गुजराती और हिमालयी भाषाएं हैं। मध्य समुदाय में मात्र पूर्वी हिंदी को ही स्थान दिया गया है। इनके बताये पूर्वी समुदाय में बिहारी, उडिया, बंगला तथा असमी भाषाएँ हैं। दक्षिणी समुदाय में इन्होंने केवल मराठी को ही स्वीकार किया है। इनके अनुसार उत्तरी-पश्चिमी समुदाय में सिंधी, लहंदा और कश्मीरी भाषाएँ आती हैं। प्रमुख आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की विशेषताएँ एवं प्रकारसिन्धी
लहँदा
पंजाबी
गुजराती
मराठी
बंगला
असमी
उड़िया
निम्नलिखित में से कौन सी भाषा आर्यभाषाओं के अंतर्गत नहीं आती है?Detailed Solution. अरबी भाषा आर्य भाषा के अंतर्गत नहीं आती है। अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है।
आर्य भाषा परिवार में कौन सी भाषा शामिल नहीं है?अरबी भाषा आर्य भाषा में शामिल नहीं है। अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है।
निम्नलिखित कौनसी भाषा भारतीय आर्य भाषा?इस समूह में यह भाषाएँ आती हैं : संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, रोमानी, असमिया, गुजराती, मराठी, इत्यादि।
आर्य भाषाओं के अंतर्गत कौन सी संस्कृत है?आरंभिक प्राचीन हिंद: वैदिक संस्कृत (१५०० से ५०० ई. पू.) अतिकालिक प्राचीन हिंद: महाकाव्यिक संस्कृत, शास्त्रीय संस्कृत (५०० से ३०० ई.
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