भाखड़ा नांगल परियोजना क्या है आंसर? - bhaakhada naangal pariyojana kya hai aansar?

सामाजिक विज्ञान

Que : 263. भाखड़ा नांगल परियोजना क्या है?

Answer:

उत्तर. 1. भाखड़ा नांगल परियोजना सतलज नदी पर बनी है।
2. यह देश की सबसे बड़ी बहुउद्देशी नदी घाटी परियोजना है।
3. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल विद्युत उत्पादन है।

 


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इस बांध की योजना की बातचीत 1944 में शुरू हुई थी और इस पर तात्कालिक पंजाब के राजस्व मंत्री श्री छोटू राम और बिलासपुर के राजा के बीच नवम्बर 1944 में समझौता हुआ। 8 जनवरी 1945 को इस प्रोजेक्ट की प्लानिंग पूर्ण हुई।

इस बांध का शुरुआती निर्माण कार्य 1946 में शुरू हुआ तथा 1948 में बांध बनना शुरू हो गया। 17 नवम्बर 1955 को तात्कालिक प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में कंक्रीट के द्वारा बांध का निर्माण कार्य चालू हुआ।

निर्माण अमेरिकी इंजीनियर हार्वे स्लोकेम के निर्देशन में अक्टूबर,1963 में पूर्ण हुआ। इस बांध की ऊंचाई 225.55 मीटर (740 फीट) है । लंबाई 518.16 मीटर (1700 फीट) और चौड़ाई 9.14 मीटर (30 फीट) है यह 2.3लाख हैक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करती है

नदी[संपादित करें]

यह बांध सतलज नदी पर बना है। यह बांध दो बांधों भाखड़ा और नांगल बांधों से मिलकर बना है। भाखड़ा बांध नांगल बांध से 13 किमी दूर बना है।

उद्देश्य[संपादित करें]

जल विद्युत उत्पादन और सिंचाई

लाभान्वित होने वाले राज्य[संपादित करें]

भाखड़ा बांध का पानी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को मिलता है।

भाखड़ा नांगल कि परियोजना और इससे लाभ होने वाले[संपादित करें]

पंजाब में सतलज नदी पर स्थित भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। यह राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना है। इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2 प्रतिशत है। इसकी कुल लम्बाई 649 किमी है जिसमे से 169 किमी पंजाब तथा 14 किमी हरियाणा मे तथा शेष राजस्थान मे है !

  • भाखड़ा नांगल बाँध भूकंपीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है।
  • यह बाँध पंजाब राज्य के होशियारपुर ज़िले में सतलुज नदी पर बनाया गया है। यह बाँध 261 मीटर ऊँचे टिहरी बाँध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊँचा बाँध है। इसकी उँचाई 255.55 मीटर (740 फीट) है। अमेरिका का 'हुवर बाँध' 743 फीट ऊँचा है।

निर्माण कार्य[संपादित करें]

    • बाँध का निर्माण सन 1948 में शुरू हुआ था और यह 1963 में पूरा हुआ। सन 1970 में यह बाँध पूर्ण रूप से कार्य करने लगा था।
    • इस बाँध के पीछे बनी झील का नाम 'गोविन्द सागर' है, जो सिक्खों के 10वें गुरु गोविन्द सिंह के नाम पर है।
    • यह बाँध वर्ष 1963 में राष्ट्र को समर्पित किया गया था।
    • इसकी सहायक 'इंदिरा सागर परियोजना' के अंतर्गत राजस्थान तक इंदिरा नहर का विकास किया गया है, जो भारत की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है। इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन है।
    • इस परियोजना से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, झुंझुनू एवं चुरू ज़िलो को विद्युत प्राप्त होती है।
    • पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा इससे लाभान्वित होने वाले राज्य हैं।
    • भाखड़ा नांगल बाँध से 250 छोटे-बड़े क़स्बों और अनेक उद्योगों को लाभ मिलता है।[2]
    • इस बाँध की कुल जल विद्युत उत्पादन क्षमता 1325 मेगावाट है। बाँध से 'बिस्त दोआब नहर', 'सरहिंद नहर', 'नरवाना शाखा नहर' आदि निकाली गयी हैं।

[भाखडा़ बांध उद्घघाटन के समय बांधो और परीयोजना को "आधुनिक भारत का मन्दिर" तत्कालिन प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने कहा।]

भाखड़ा नांगल परियोजना क्या है आंसर? - bhaakhada naangal pariyojana kya hai aansar?

Sundaram Singh

7 months ago

भाखड़ा नांगल परियोजना (Bhakra-Nangal Project) सतलज नदी पर स्थित है। यह पंजाब में सतलज नदी पर स्थित भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। साथ ही यह बाँध भूकंपीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है।

भाखड़ा नांगल परियोजना क्या है आंसर? - bhaakhada naangal pariyojana kya hai aansar?

भाखड़ा नांगल परियोजना पंजाब में सतलुज नदी पर स्थित भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। यह राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना है। इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2 प्रतिशत है।

  • भाखड़ा नांगल बाँध भूकंपीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है।
  • यह बाँध हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में सतलुज नदी पर बनाया गया है। यह बाँध 261 मीटर ऊँचे टिहरी बाँध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊँचा बाँध है। इसकी उँचाई 255.55 मीटर (740 फीट) है। अमेरिका का 'हुवर बाँध' 743 फीट ऊँचा है।[1]
  • बाँध का निर्माण सन 1948 में शुरू हुआ था और यह 1963 में पूरा हुआ। सन 1970 में यह बाँध पूर्ण रूप से कार्य करने लगा था।
  • इस बाँध के पीछे बनी झील का नाम 'गोविन्द सागर' है, जो सिक्खों के 10वें गुरु गोविन्द सिंह के नाम पर है।
  • यह बाँध वर्ष 1963 में राष्ट्र को समर्पित किया गया था।
  • इसकी सहायक 'इंदिरा सागर परियोजना' के अंतर्गत राजस्थान तक इंदिरा नहर का विकास किया गया है, जो भारत की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है। इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन है।
  • इस परियोजना से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, झुंझुनू एवं चुरू ज़िलो को विद्युत प्राप्त होती है।
  • पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा इससे लाभान्वित होने वाले राज्य हैं।
  • भाखड़ा नांगल बाँध से 250 छोटे-बड़े क़स्बों और अनेक उद्योगों को लाभ मिलता है।[2]
  • इस बाँध की कुल जल विद्युत उत्पादन क्षमता 1325 मेगावाट है। बाँध से 'बिस्त दोआब नहर', 'सरहिंद नहर', 'नरवाना शाखा नहर' आदि निकाली गयी हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाएँ (हिन्दी) वाइवेस पेनोरमा। अभिगमन तिथि: 14 नवम्बर, 2014।
  2. भाखड़ा-नांगल परियोजना (हिन्दी) राजजीकेबुक। अभिगमन तिथि: 14 नवम्बर, 2014।

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भाखड़ा नांगल बांध कब बनाया?

भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण 1948 में शुरू हुआ था और यह 1963 में पूरा हुआ। सन 1970 में यह पूरी तरह काम करने लगा था। इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन है। इस बांध से 1325 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है।

भाखड़ा नांगल परियोजना क्या है पश्चिम बंगाल का शोक किस नदी को कहा जाता है और क्यों?

सही उत्तर सतलुज है। भाखड़ा नांगल बांध हिमाचल प्रदेश और पंजाब राज्य में स्थित है। यह सतलुज नदी पर स्थित है। यह भारत का 225 मीटर की ऊंचाई वाला सबसे बड़ा बांध है और पूरे एशिया में सबसे बड़े बांधों में भी दूसरे स्थान पर है।

भाखड़ा नांगल परियोजना में राजस्थान का हिस्सा कितना है?

भाखड़ा नांगल कि परियोजना और इससे लाभ होने वाले इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2 प्रतिशत है। इसकी कुल लम्बाई 649 किमी है जिसमे से 169 किमी पंजाब तथा 14 किमी हरियाणा मे तथा शेष राजस्थान मे है ! भाखड़ा नांगल बाँध भूकंपीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है।