हिंदी न्यूज़ उत्तराखंडपाकिस्तान के रिटायर जज जस्टिस खलीलुर्रहमान रमदे ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की भिजवाई थी केस हिस्ट्री, खुले थे कई राज Show
पाकिस्तान के रिटायर जज जस्टिस खलीलुर्रहमान रमदे ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की भिजवाई थी केस हिस्ट्री, खुले थे कई राजपाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस खलीलुर्रहमान रमदे के प्रयास से भारत को शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव पर अंग्रेजों के जमाने में चले मुकदमे के ट्रायल की कॉपी मिली थी।Himanshu Kumar Lallहरिद्वार,संवाददाता।Fri, 17 Jun 2022 02:19 PM पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस खलीलुर्रहमान रमदे गुरुवार को हरिद्वार में हुए कार्यक्रम में पहुंचे। खलीलुर्रहमान वही शख्स हैं, जिनके प्रयास से भारत को शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव पर अंग्रेजों के जमाने में चले मुकदमे के ट्रायल की कॉपी मिल सकी थी। फांसी देने संबंधित कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए थे। वर्ष 2009 में ट्रायल की कॉपी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को मिली थी। उस समय तक ट्रायल की कापी भारत सरकार के पास भी उपलब्ध नहीं थी। इस ट्रायल का अनुवाद करने वाले लक्ष्मण शर्मा ने बताया कि जस्टिस खलीलुर्रहमान और हरिद्वार गुरुकुल कांगड़ी विवि के तत्कालीन कुलपति स्वतंत्र कुमार के प्रयास से ट्रायल की कापी गुरुकुल कांगड़ी विवि को 2009 में प्राप्त हो सकी थी। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव पर चले केस के ट्रायल के हिंदी अनुवाद के लिए तब पाकिस्तान के नागरिक लक्ष्मण शर्मा को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में लाया गया था। लक्ष्मण शर्मा ने 3.5 साल में 1667 पन्नों के इस ट्रायल का अनुवाद उर्दू से हिंदी में किया था। लक्ष्मण शर्मा तब से हरिद्वार में ही रह रहे हैं। इस ट्रायल के हिंदी में अनुवाद होने के बाद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी देने संबंधित कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए थे। अक्तूबर 2016 में उर्दू से हिंदी अनुवाद के बाद इस ट्रायल के डिजिटल संस्करण का लोकार्पण उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था। आज भी यह ट्रायल गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है। कोई भी व्यक्ति गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आकर ट्रायल की कापी को पढ़ सकता है। लक्ष्मण कहते हैं, यह ट्रायल गुरुकुल कांगड़ी विवि हरिद्वार और उत्तराखंड को प्राप्त होना एक गर्व की बात है। डाक से भेजी गई थी ट्रायल की कॉपी पाक जज ने हिन्दुस्तान के इन शहीदाें की भेजी दी केस हिस्ट्री, खुले थे कई राजPM मोदी की मां के लिए बद्रीनाथ-केदारनाथ में हुई पूजा, देखें तस्वीरप्राइवेट-सरकारी स्कूलों में मास्क लगाना अनिवार्य, पढ़ें पूरी गाइडलाइनथर्टी फर्स्ट को जाना है मसूरी;कर लें होटल बुक,वरना नहीं मिलेगी एंट्रीयमुना ही असल में सरस्वती नदी, अध्ययन में नया दावा, कैसे हुआ यह बदलावनदी तट पर हो रहे निर्माण कार्यों पर रोक के निर्देश,पुराने पर ये निर्णयधामी का मरीजों के लिए राहत भरा फैसला,नहीं बढ़ेगा अस्पताल का यूजर चार्ज
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उत्तराखंड: स्कूल में अचानक चीखने-चिल्लाने लगे छात्र-छात्राएं, 32 बेहोशमुख्यमंत्री धामी की बढ़ेगी टेंशन! सरकार के खिलाफ ये बना है प्लानभगत सिंह को फांसी सुनाने वाले जज का नाम क्या है?Abhishek Mishra. उन्हें फांसी की सजा सुनाने वाला न्यायाधीश का नाम जी.सी. हिल्टन था.
भगत सिंह के खिलाफ गवाही देने वाले कौन थे?जिसकी गवाही से हुई भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी; उसे मौत के घाट उतारने वाला शख्स बिहार का था डा. चंद्रभूषण सिंह शशि, हाजीपुर।
सैयद आगा हैदर कौन थे?सैयद जरगाम हैदर,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे।
भगत सिंह का नारा क्या है?'इन्क़लाब ज़िंदाबाद! ' भगत सिंह ने अपनी माँ को एक वचन दिया था कि देश के लिए वो फाँसी के तख़्ते से 'इंक़लाब ज़िंदाबाद' का नारा लगाएंगे.
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