Health News: स्वस्थ व्यक्ति को समय से नींद आना बहुत जरूरी है। समय से नींद लेना भी बिमारियों को आमंत्रित करने जैसा है। यदि नींद आने का समय सही नहीं है तो इसके लिए आपकी लाइफस्टाइल और खान-पान जिम्मेदार हो सकता है। अगर नींद ऑफिस के समय आ जाए तो मुसीबत बन जाती है। काम करते हुए आंखें बंद होने लगें, थकान महसूस होने लगे और अगर ऐसे मौके पर नींद लेने का मौका ना मिले, तो सिरदर्द शुरू हो जाता है। ऐसे में करें तो क्या करे। Show
Excessive Sleepiness Causes in Hindi: कई लोगों को बार-बार और बहुत अधिक नींद आती है। यहां तक कि वे रात को पूरी नींद लेने के बाद भी सुबह या दिन में नींद का अनुभव करते हैं। खासकर लंच करने के बाद वे गहरी नींद में सो जाना चाहते हैं। अगर किसी व्यक्ति को ज्यादा नींद आने की दिक्कत कभी-कभार होती है, तो इसे सामान्य माना जा सकता है। लेकिन अगर हर रोज और हर समय नींद का ही अहसास होता है, तो इस स्थिति को सामान्य नहीं समझा जा सकता है। आपको बता दें कि अधिक या ज्यादा नींद आना कुछ मामलों में खराब गुणवत्ता वाली नींद या पर्याप्त नींद न लेने की वजह से हो सकती है। लेकिन कुछ मामलों में ज्यादा नींद आना किसी स्वास्थ्य स्थिति या गंभीर कारणों की वजह से हो सकता है। इसलिए अगर आपको भी ज्यादा नींद आती है या फिर आपको बार-बार सोने की इच्छा होती है, तो इसके पीछे ये बीमारियों या समस्याएं जिम्मेदार हो सकती हैं। तो चलिए जानते हैं, ज्यादा नींद आना किस बीमारी के लक्षण है: स्लिप डेप्रिवेशन, स्लीप एपनिया, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम, नार्कोलेप्सी और अनिदर्ा ज्यादा नींद आने के मुख्य कारण हो सकते हैं। इसलिए अगर आपको भी इनमें से कोई दिक्कत हो, तो अपनी जीवनशैली और नींद की आदतों में बदलाव कर सकते हैं। अधिक नींद आना या हाइपरसोमनिया (Hypersomnia) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी व्यक्ति को इतनी नींद आती है कि वह दिन के समय भी जागकर नहीं बिता सकता। जो लोग हाइपरसोमनिया की समस्या से पीड़ित होते हैं वे कहीं भी सो सकते हैं। उदाहरण के लिए काम के समय और यहां तक कि ड्राइविंग आदि करते समय भी वे सो सकते हैं। उनको नींद से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे ऊर्जा में कमी और स्पष्ट रूप से सोचने में कठिनाई महसूस होना। इस समस्या से पीड़ित लोग 24 घंटे के समय में 9 घंटे से भी ज्यादा समय सोकर बिताते हैं। अधिक नींद आने की वजह से रात के समय इनकी नींद बधित नहीं होती और ये रात के समय बार-बार नहीं उठते। इसके लक्षणों का इलाज करने के लिए आमतौर पर उत्तेजक दवाओं (Stimulants) का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, ये दवाएं अधिक नींद आने की समस्या के मुकाबले नार्कोलेप्सी (एक प्रकार का निद्रा रोग) रोग के लिए अधिक प्रभावी रूप से काम करती हैं। उपचार के दौरान बेहतर स्वच्छता अपनाने और कैफीन (चाय-कॉफी आदि) या अल्कोहल (शराब आदि) आदि से बचने की सलाह दी जाती है। (और पढ़ें - अनिद्रा का उपचार) अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद बेहद जरूरी होती है, लेकिन जब यही नींद अत्यधिक मात्रा में व्यक्ति लेने लगे तो यह बीमारी का कारण बन सकती है। स्वस्थ शरीर और दिमाग के लिए हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद लेना पर्याप्त माना जाता है (1)। वहीं, कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें हर समय नींद आती रहती है। इससे न सिर्फ उनके अगले दिन की कार्यप्रणाली बुरी तरह से प्रभावित होती है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम ज्यादा नींद आने के कारण और इसके लक्षण पर विस्तार से चर्चा करेंगे। स्क्रॉल करें लेख में सबसे पहले जानते हैं कि हमें प्रतिदिन कितना सोना चाहिए। विषय सूची
आपको कितनी नींद की आवश्यकता होती है? – How much sleep do you need?कई शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि उम्र के हिसाब से हर किसी की नींद की आवश्यकता अलग होती है। नीचे हम नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक उम्र के हिसाब से किसे कितनी नींद की जरूरत होती है, एक तालिका के माध्यम से बता रहे हैं (2)। उम्रआवश्यक नींद0-3 महीने14 से17 घंटे4-11 महीने12 से 15 घंटे1-2 साल11 से 14 घंटे3-5 साल10 से 13 घंटे6-13 साल9 से 11 घंटे14-17 साल8 से 10 घंटे18-64 साल7 से 9 घंटे65 साल से अधिक7 से 8 घंटेपढ़ते रहें लेख में आगे ज्यादा नींद आने के प्रकार से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। ज्यादा नींद आने के प्रकार – Types of Hypersomnia in Hindiबार-बार नींद आने को हाइपरसोमनिया कहा जाता है। नीचे क्रमवार तरीके से हाइपरसोमनिया यानी ज्यादा नींद आने के प्रकार के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (3) (4) (5): 1. नैरोकोलेप्सी टाइप-1 (एनटी 1) : नार्कोलेप्सी टाइप-1 एक तरह का स्लीप डिसऑर्डर हैं, जो नींद के पैटर्न को प्रभावित करता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को पूरी रात पर्याप्त नींद लेने के बावजूद दिन में अत्यधिक दिन आने की समस्या हो सकती है। यह समस्या मस्तिष्क में मौजूद हाइपोथैलेमिक हाइपोकैट्रिन न्यूरॉन्स के कम होने के कारण और कैटाप्लेक्सी के कारण हो सकती है। बता दें किअचानक मांसपेशियों में कमजोरी को कैटाप्लेक्सी कहते हैं। मजबूत भावनाएं इसे ट्रिगर करती हैं। 2. नैरोकोलेप्सी टाइप-2 : यह भी हाइपरसोमनिया का एक प्रकार है, जो आमतौर पर किशोरों में देखने को मिलता है। एनटी 1 की तरह इसमें भी व्यक्ति हर समय नींद आने की शिकायत से परेशान हो सकता है। बस इसमें कैटाप्लैक्सी की समस्या नहीं होती है। इसी वजह से इसे एनटी 1 का पहला चरण भी माना जा सकता है। इससे ग्रसित लोग दिन के समय कुछ देर की नींद लेकर खुद को तरो ताजा महसूस कर सकते हैं। 3. आइडियोपैथिक हाइपरसोमनिया : आइडियोपैथिक हाइपरसोमनिया से ग्रसित लोगों को भी रात में पर्याप्त नींद लेने के बावजूद दिन भर नींद आती है। इसमें व्यक्ति का अपनी स्लीप साइकिल पर कंट्रोल नहीं रहता है। नार्कोलेप्सी से ग्रसित लोगों की तुलना में इससे पीड़ित व्यक्ति दिन में सोने के बावजूद भी तरोताजा महसूस नहीं करते हैं। 4. क्लेन-लेविन सिंड्रोम : यह भी हाइपरसोमनिया का एक प्रकार है, जो दुर्लभ है। मुख्य रूप से यह रोग किशोर पुरुषों को प्रभावित कर सकता है। इससे पीड़ित व्यक्ति लगातार 20 घंटों तक सो सकते हैं, जो सिर्फ भोजन करने के लिए जागते हैं और फिर सो जाते हैं। यह स्थिति कुछ हफ्तों या महीनों तक परेशान कर सकती है। इसके पीछे संज्ञानात्मक, व्यवहारिक और मानसिक स्थितियों से जुड़ी गड़बड़ी को मुख्य कारण माना जा सकता है। बने रहें हमारे साथ आइए, अब जानते हैं कि ज्यादा नींद आने के कारण क्या हो सकते हैं। ज्यादा नींद आने के कारण – Causes of Oversleeping in Hindiहाइपरसोमनिया यानी ज्यादा नींद आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से मुख्य इस प्रकार हैं (4):
आगे पढ़ें लेख चलिए अब ज्यादा नींद आने के लक्षण क्या हो सकते हैं, इससे जुड़ी जानकारी हासिल करेंगे। ज्यादा नींद आने के लक्षण – Hypersomnia Symptoms in Hindiहाइपरसोमनिया के लक्षण जानना जरूरी है, क्योंकि किसी भी बीमारी के सही इलाज के लिए उसके लक्षणों से अवगत होना आवश्यक है। अगर शरीर में नीचे बताए गए लक्षण नजर आते हैं, तो ये हाइपरसोमनिया के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं (4) (6):
लेख में आगे बढ़ें लेख के इस भाग में ज्यादा नींद आने के निदान से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। ओवरस्लीपिंग का निदान -Diagnosis of Oversleeping in Hindiनीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि हाइपरसोमनिया का निदान कैसे किया जाता है (4) (7) :
लक्षणों की जांच करने के बाद चिकित्सक हाइपरसोमनिया के निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण की सलाह दे सकते हैं (3 ):
पढ़ते रहें लेख में आगे जानते हैं कि ज्यादा नींद का इलाज कैसे किया जा सकता है। ज्यादा नींद का इलाज – Treatment For Oversleeping in Hindiहाइपरसोमनिया का इलाज मुख्य रूप से इसके भिन्न कारणों पर निर्भर करता है। डॉक्टर इसके कारणों के आधार पर इस परेशानी का उपचार कर सकते हैं। ज्यादा नींद आने की समस्या के उपचार कुछ इस प्रकार हैं (3) (7) :
हाइपरसोमिया से बचाव के लिए स्लीप हाइजीन का ध्यान रखना जरूरी है। स्लीप हाइजीन को बनाए रखने के लिए नीचे बताए गए उपायों को अपनाया जा सकता है (4)।
Subscribe पढ़ना जारी रखें लेख के अगले भाग में नींद भगाने के उपाय बता रहे हैं। नींद भगाने के तरीके – Tips to Avoid OverSleep in Hindiनीचे नींद भगाने के उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं: 1. कॉफी: नींद भगाने के लिए कॉफी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि कॉफी में कैफीन की मात्रा पाई जाती है। कैफीन का सेवन सीधे मस्तिष्क प्रणाली पर असर डालता है। यह दिमाग और तंत्रिका प्रणाली की एक्टिविटी बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह रिफ्रेश करने के साथ नींद को दूर कर सकता है। हालांकि अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन फायदे की जगह नुकसान का कारण बन सकता है। यह नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है (8)। 2. पानी: एक शोध में साफ तौर से बताया गया है कि पानी कम पीने से शरीर में थकान और किसी काम में ध्यान केंद्रित करने में समस्या होने के साथ हर समय नींद आने की परेशानी हो सकती है। ऐसे में दिनभर में पर्याप्त पानी पीना फायदेमंद साबित हो सकता है (9)। 3. प्रतिदिन एक्सरसाइज: लेख में ऊपर बताया जा चुका है कि हाइपरसोमनिया का एक कारण मोटापा है। ऐसे में हाइपरसोमनिया से पीड़ित व्यक्ति प्रतिदिन आधे से एक घंटे तक किसी भी प्रकार की कसरत कर सकते हैं। इससे वजन को नियंत्रित रखने के साथ व्यक्ति तरोताजा महसूस कर सकता है। 4. शॉवर: जब शरीर में थकान महसूस होती है, तो नींद आने लगती है। ऐसे में शॉवर लेना लाभकारी हो सकता है। नहाने से मूड रिफ्रेश होता है, जो नींद को भगाने में सहायक हो सकता है (10)। इस तरह शॉवर लेने से बहुत ज्यादा नींद आने के कारण होने वाली थकान से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। 5. झपकी लेना: नींद आने पर एक छोटी सी झपकी लेना भी नींद से दूर रखने में मददगार हो सकता है। दरअसल, एक छोटी झपकी सुस्ती और उनींदापन को दूर करने के साथ नींद को दूर करने में लाभकारी हो सकती है। एक रिसर्च में साफ तौर पर लिखा है एक छोटी झपकी मेमोरी को तेज करने के साथ बेहतर कार्य क्षमता जैसे लाभ प्रदान कर सकती है(11)। हाइपरसोमनिया की समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन बार बार नींद आना कुछ लोगों के लिए ये जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में लेख में बताए गए लक्षणों को देखने के बाद डॉक्टरी सलाह जरूर लें। हालांकि, हाइपरसोमनिया का इलाज के मुताबिक किया जा सकता है। ऐसे में ज्यादा नींद आने के उपचार के लिए देर न करें और मेडिकल ट्रीटमेंट का सहारा ले सकते हैं । हम उम्मीद करते हैं लेख में बताई गई ज्यादा नींद आने के कारण, लक्षण और इसको दूर करने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी मिल गई होगी। अगर ये लेख पंसद आया हो तो इसे अपने दोस्तों और करीबियों के साथ जरूर शेयर करें। अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:क्या हाइपरसोमनिया एक मानसिक बीमारी है? नहीं, हाइपरसोमनिया मानसिक बीमारी नहीं है। हालांकि, मानसिक रोग नींद अधिक आने के कारण में से एक हो सकते हैं (3)। ज्यादा नींद आने की समस्या को आप कैसे ठीक कर सकते हैं? जीवनशैली व खानपान की आदतों में बदलाव करने से बार बार नींद आने की समस्या से कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है। इसके अलावा लेख में कुछ उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर हाइपरसोमनिया का इलाज किया जा सकता है। वहीं, अगर नींद बहुत आने के कारण अत्यधिक समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं। क्या हाइपरसोमनिया अवसाद का कारण बनता है? हां, हाइपरसोमनिया अवसाद का कारण बन सकता है (12)। क्या हाइपरसोमनिया से वजन बढ़ सकता है? हां, कुछ मामलों में हाइपरसोमनिया के कारण वजन बढ़ सकता है (13)। डिप्रेशन में हाइपरसोमनिया कितना आम है? हाइपरसोमनिया के मुख्य कारणों में से एक डिप्रेशन है (4)। संदर्भ (Sources)Articles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
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Saral Jainसरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन... more ज्यादा नींद आना कौन सी बीमारी का लक्षण है?हाइपरसोम्निया (अधिक नींद), नींद का एक विकार है जिसके कारण व्यक्ति को दिन में बहुत नींद आती है। इसे दिन में अत्यधिक नींद आना या ईडीएस कहा जाता है। हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) से पीड़ित व्यक्ति को सतत नींद की ज़रूरत महसूस होती है और शायद ही कभी पूरी तरह से उसे आराम महसूस हो पाता है।
ज्यादा नींद आने का क्या मतलब है?अधिक नींद आने या हाइपरसोम्निया के कारण
उदाहरण के लिए, स्लीप एप्निया हाइपरसोम्निया का कारण बन सकता है, क्योंकि स्लीप एप्निया में रात में सांस लेने में परेशानी होती है, जिससे लोगों को कई बार रात में नींद नहीं आ पाती है. कुछ दवाओं के सेवन से भी हाइपरसोम्निया का कारण बन सकती हैं.
नींद भगाने के लिए क्या खाएं?नींद भगाने के लिए क्या खाएं? (what to eat to reduce sleepiness). एवोकाडो है फायदेमंद भरपूर नींद लेने के बावजूद अगर आपको सुबह या काम के वक्त नींद आती है, तो इस स्थिति में अपने आहार में एवोकाडो को शामिल करें। ... . तरबूज का करें सेवन नींद भगाने के लिए तरबूज काफी हेल्दी ऑप्शन हो सकता है। ... . बादाम है जरूरी ... . केला खाएं ... . पालक भी है जरूरी. नींद कम करने के लिए क्या करें?अगर रात में नींद परेशान करें तो च्यूइंग गम हमेशा चबाते रहे. इसके अलावा आप कॉफी का भी सहारा ले सकते हैं.. संतुलित डाइट लेना जरूरी है ... . इतने घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी ... . गैप देकर पढ़ाई करें ... . चेहरे को पानी धोते रहना चाहिए ... . कॉफी का सेवन करें. |