अमेरिकी कांग्रेस के सभा स्थल को क्या कहते हैं? - amerikee kaangres ke sabha sthal ko kya kahate hain?

होम /न्यूज /नॉलेज /Explainer : मध्यावधि चुनावों के बाद अमेरिकी कांग्रेस में क्यों हुई विचित्र स्थिति

अमेरिकी कांग्रेस के सभा स्थल को क्या कहते हैं? - amerikee kaangres ke sabha sthal ko kya kahate hain?

अमेरिका का मध्यावधि चुनाव हर बार काफी सरगर्मियां लिये रहता है. इस बार माना जा रहा था कि चुनाव में रिपब्लिकन स्वीप करेंगे लेकिन वैसा हुआ नहीं , (फोटो न्यूज 18)

अमेरिका में हर दो साल पर मध्यावधि चुनाव होते हैं और ये खासे महत्वपूर्ण होते हैं. इससे ये पता लग जाता है कि अमेरिका में हवा किस ओर बह रही है. इससे दोनों मुख्य पार्टियों रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी की ताकत का अंदाजा होता है तो ये पता लगता है कि दोनों पार्टियों में राष्ट्रपति पद के लिए कौन मजबूत दावेदार होगा. इस बार के मध्यावधि चुनाव के परिणाम काफी उलझाने वाले हैं.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : November 11, 2022, 13:29 IST

हाइलाइट्स

हर दो साल में होता है अमेरिका में मध्यावधि चुनाव जो बहुत कुछ तय करता है, पता लगता है कि कौन कितने पानी में
चुनाव के बाद तस्वीर मिली, सीनेट में डेमोक्रेट्स को बहुमत तो हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन बहुमत की ओर
मध्यावधि चुनाव के आधार पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स राष्ट्रपति पद के लिए अपने दावेदार भी तय करते हैं

अमेरिका के मध्यावधि चुनाव परिणाम बेशक पूरी तरह नहीं आए हैं. इसमें कुछ समय और लग सकता है लेकिन तस्वीर काफी हद तक साफ हो चुकी है. तस्वीर ये कह रही है कि अमेरिका के दो सदनों में एक सीनेट में डेमोक्रेट्स को बहुमत तो मिल गया लेकिन बहुत मामूली. साथ ही दूसरे सदन हाउस रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन मामूली बहुमत हासिल करने के करीब हैं. लेकिन अब रिपब्लिकन इस स्थिति में तो रहेंगे ही कि वो डेमोक्रेटिक पार्टी के लाए विधेयकों में रोड़ा अटका सकें और बाइडन प्रशासन पर दबाव बढ़ा सकें.

हालांकि मध्यावधि चुनाव से पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि सीनेट के साथ हाउस ऑफ रिप्रेटेंटिव्स में रिपबल्किन बहुमत में आ जाएंगे तब डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी. यहां ये बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन डेमोक्रेटिक पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. अमेरिका में मध्यावधि चुनाव 08 नवंबर को होते हैं. चुनाव अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा यानि हाउस ऑफ रिप्रेंटेटिव्स की सभी 435 सीटों और सीनेट की 35 सीटों के लिए हुए थे.

इस मध्यावधि चुनाव को एक तरह से अगले राष्ट्रपति चुनाव से पहले जनता का रुख भी माना जाता है. रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों इसके जरिए ये जान पाते हैं कि वो कितने पानी में हैं. जाहिर सी बात है कि इस मध्यावधि चुनाव में दो दिग्गज नेताओं की किस्मत भी दांव पर लगी थी. अगर सीनेट में रिपब्लिकन बहुमत खो देते तो बाइडन के लिए बड़ा झटका होता हालांकि उनके ये भी झटका ही है कि हाउस ऑफ रिप्रेटेंटिव्स में वो बहुमत गंवा चुके हैं.

दूसरे नेता जिनकी किस्मत और भविष्य दोनों दांव पर लगा था, वो डेमोक्रेट्स नेता और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थे. रिजल्ट जो आए हैं, वो उनके लिए कम से कम बहुत उत्साह देने वाले नहीं हैं और उनके बड़े बड़े दावों के अनुकूल भी नहीं. चुनाव से पहले उन्होंने दावा किया था कि सीनेट में डेमोक्रेट्स बहुमत पा ही जाएंगे और हाउस ऑफ रिप्रेटेंटिव्स में तो रिपब्लिकन बड़े बहुमत के साथ आने वाले हैं. दोनों दावे पूरी तरह हकीकत नहीं बन गए. इस स्थिति के बाद अगले चुनावों में फिर डेमोक्रेट्स प्रेसीडेंट दावेदार बनने की ट्रंप की उम्मीदों को खासा झटका लगा है.

अमेरिकी कांग्रेस में दो सदन हैं – सीनेट और हाउस ऑफ कामंस. ये दोनों क्या करते हैं. इसमें कितने सदस्य होते हैं. इनकी क्या अहमियत है, इसका जिक्र हम आगे करेंगे. लेकिन इतना जान लीजिए कि जिस तरह भारतीय संसद में दो सदन हैं – लोकसभा और राज्यसभा-करीब वैसा ही सिस्टम अमेरिकी कांग्रेस का भी है.

अमेरिकी कांग्रेस के सभा स्थल को क्या कहते हैं? - amerikee kaangres ke sabha sthal ko kya kahate hain?

अमेरिका के मध्यावधि चुनाव के परिणाम उस दावे पर तो खरे नहीं उतरे हैं, जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी के पक्ष में किए थे. इससे ट्रंप की प्रेसीडेंट पद की दावेदारी पर भी असर पड़ सकता है. (Image: AP)

वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी ने अपने ब्लॉग प्रमतेश ब्लागस्पाट डॉट कॉम में अमेरिकी मध्यावधि चुनावों का विस्तृत विश्लेषण किया है. उनका मानना है कि डेमोक्रेट्स पराजित जरूर हुए हैं लेकिन उन्हें वैसी पराजय नहीं मिली, जैसा अंदेशा है. ये मध्यावधि चुनाव आमतौर पर अगले राष्ट्रपति चुनावों के लिए दोनों मुख्य पार्टियों के राष्ट्रपति दावेदार प्रत्याशियों के चयन का भी काम करते हैं. लिहाजा डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर बाइडन और रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप के दावेदार होने की संभावनाएं अब काफी कमजोर नजर आ रही हैं.

क्या है अब सीनेट में स्थिति
अमेरिकी कांग्रेस का सीनेट सदन 100 सदस्यीय होता है. फिलहाल इसमें मध्यावधि चुनाव के बाद 48 सीटों पर डेमोक्रेट्स और 49 सीटों पर रिपब्लिकन हैं. तीन सीटों के रिजल्ट अभी आने हैं. जिसमें एक सीट पर दोबारा चुनाव 06 दिसंबर को फिर होगा. हालांकि इस मध्यावधि चुनावों में सीनेट के लिए 35 सीटों पर वोट डाले गए थे. इस तरह लग रहा है कि कांग्रेस के ऊपरी सदन सीनेट में डेमोक्रेट्स बहुमत हासिल कर लेंगे. चुनाव से पहले दोनों दल 50-50 की स्थिति में थे.

कैसे होता है सीनेट के लिए चुनाव
सीनेट के सदस्यों का कार्यकाल 06 बरस के लिए निर्धारित है. लेकिन हर दूसरे वर्ष एक तिहाई सदस्यों का नया निर्वाचन होता है. संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट का निर्माण हर राज्य के दो-दो प्रतिनिधियों से होता है जो उसकी जनता द्वारा छह वर्ष के लिए चुने जाते हैं.
पहले सीनेट का चुनाव अप्रत्यक्ष तौर पर किया जाता था लेकिन इसमें कई तरह की गड़बड़ियां हुईं. इसके बाद संविधान में संशोधन करते हुए सीनेटरों के चुनाव के लिए सीधी पद्धति अपनाई गई. इससे हुआ ये कि जनता ही सीनेट सदस्यों को भी चुनती है.

अमेरिकी कांग्रेस के सभा स्थल को क्या कहते हैं? - amerikee kaangres ke sabha sthal ko kya kahate hain?

अमेरिका में हर दो साल के बाद मध्यावधि चुनाव होते हैं. जिसमें सीनेट की कुछ सीटों और हाउस ऑफ कामंस के लिए चुनाव होते हैं. इस बार चुनावों में सीनेट में डेमोक्रेट्स के बहुमत और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिब्लिकन पार्टी के बहुमत की स्थिति बन रही है. (विकीस कामंस)

हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में क्या है फिलहाल स्थिति
अब तक जो रिजल्ट आए हैं, उसके अनुसार हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में डेमोक्रेटिक पार्टी 197 सीटों पर जीत चुकी है तो 211 सीटों पर रिपब्लिकन का कब्जा हो गया है. 27 सीटों पर परिणाम और आएंगे लेकिन उसमें रुझान रिपब्लिकन की ओर हैं, जिससे लगता है कि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन बहुमत पा जाएंगे.

हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स क्या है
ये अमेरिकी कांग्रेस का निचला सदन है. सदन उन प्रतिनिधियों से बना है, जो कांग्रेस के लिए जिलों से आते हैं. प्रत्येक जिले से एक जनप्रतिनिधि चुना जाता है. इसकी कुल संख्या कानून द्वारा 435 पर तय की गई है, हालांकि इसमें इसके अलावा 03 स्पेशल सीटें होती हैं. विशेष प्रावधान के तहत वॉशिंगटन डीसी के 3 सदस्य को रखा जाता है. इस हाउस के सदस्यों का कार्यकाल 2 साल होता है. इसके बाद तुरंत सदन के नए सदस्य चुने जाते हैं.

हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव्स के सदस्यों की संख्या संघांतरित राज्य की आबादी के अनुसार तय की गई है. इसमें 03 लाख व्यक्तियों के पीछे एक प्रतिनिधि चुना जाता है लेकिन एक शर्त ये भी है कि प्रत्येक राज्य का कम से कम एक प्रतिनिधि जरूर चुना जाए.

कैसे काम करते हैं अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदन
जैसा कि आपको ऊपर ही पता चल गया है कि अमेरिकी कांग्रेस दो हिस्सों में बंटी है, जिनमें से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स को निचला सदन कहते हैं और सीनेट ऊपरी सदन होता है. ये दोनों सदन एक तरह से शक्ति संतुलन का काम करते हैं, यानी अगर सदन का एक पक्ष किसी बात पर अड़ जाए तो दूसरा ढांचा संतुलन बिठाता है.

वैसे शक्ति के तौर पर देखा जाए तो सीनेट के पास फैसले लेने की ताकत काफी ज्यादा होती है. इस समय अमेरिका में 50 स्टेट हैं. हर स्टेट से, चाहे उसकी आबादी कितनी ही कम या ज्यादा क्यों न हो, दो प्रतिनिधि चुनकर सदन आते हैं. यानी सीनेट में कुल मिलाकर 100 सदस्य होते हैं. ये राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं.
सीनेट को कभी भंग नहीं होना चाहिए. ये तय करने के लिए अमेरिका में एक अलग ही तरीका अपनाया गया. वैसे तो सीनेटरों के रहने की अवधि 6 साल है लेकिन इसका लगभग एक तिहाई हिस्सा एक दो साल के बाद रिटायर हो जाता है और उनकी जगह नए सीनेटर ले लेते हैं.

कौन होता है सीनेट का सभापति
देश का उप-राष्ट्रपति सीनेट का सभापति होता है. वो सदन की अध्यक्षता करता है लेकिन किसी बहस का हिस्सा नहीं होता. उप-राष्ट्रपति को केवल तभी अपना वोट देने की अनुमति है जब किसी मामले में सीनेट में वोट बराबर हो जाएं. ऐसे में वो जिस ओर जाता है, वही फैसला अंतिम माना जाता है.

कितनी ताकतवर होती है सीनेट
सदन का ये हिस्सा इतना ताकतवर है कि राष्ट्रपति के फैसलों को इससे होकर गुजरना होता है. अगर राष्ट्रपति कोई ऐसा फैसला करें जो सीनेट को मंजूर नहीं तो फैसला रुक जाता है. किसी भी संधि की मंजूरी के लिए सीनेट के दो-तिहाई सदस्यों की मंजूरी जरूरी है. यहां तक कि सीनेट राष्ट्रपति या उप-राष्ट्रपति को अपने पद से हटा सकता है. इसे महाभियोग कहते हैं, जो तब चलाया जाता है जब राष्ट्रपति पर देशद्रोह, भारी भ्रष्टाचार या दुष्कर्म का आरोप हो.

पहले बिल किस हाउस से पास होता है
पहले कोई भी बिल हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से पास होता है. इसी हाउस में कोई फैसला लिया जाता है, जिसे बिल कहते हैं. यहां से वो सीनेट जाता है और वहां से सहमति मिलने पर राष्ट्रपति के पास पहुंचता है. ये तो हुईं कुछ बुनियादी ताकतें. इसके अलावा हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के पास कई विशेष ताकतें हैं. जैसे यहां के सदस्य चाहें तो राजस्व से जुड़े सभी विधेयकों पर अपने-आप फैसला ले सकते हैं.

अब ट्रंप का क्या होना है
रिपब्लिकन पार्टी के भीतर ट्रंप के सबसे बड़े विरोधी है डेसेंटिस. उन्होंने इस चुनाव में ट्रंप की मदद कतई नहीं ली. चुनावों में ट्रंप ने 300 से ज्यादा रैलियां और सभाएं की थीं.

डीसैंटिस फिर फ़्लोरिडा के चुनाव जीत गए हैं. इस बार काफ़ी अच्छे अंतर से. ये जीत उनके लिए काफी अहम है. वो ऐसे पहले रिपब्लिकन गवर्नर बनने की राह पर हैं जो डेमोक्रेटिक पार्टी के गढ़ में अच्छे खासे अंतर से जीतेंगे. उनसे पहले जेब बुश साल 2002 में ऐसा कर पाए थे. कहा जा रहा है कि वह राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ना चाहते हैं ऐसे में रिपब्लिकन में उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप ही हैं. ट्रंप उन्हें नापसंद करते हैं. हालांकि 2024 के चुनाव को लेकर दोनों में किसी ने अपना इरादा जाहिर नहीं किया है.

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Tags: US, US elections, USA

FIRST PUBLISHED : November 11, 2022, 13:29 IST