Andhra Pradesh BIEAP AP Inter 1st Year Hindi Study Material पद्य भाग 6th Poem अकाल और उसके बाद Textbook Questions and Answers, Summary. Show सारांश प्रश्न 1. अब अकाल चल गया । बहुत दिनों के बाद घर मे अनाज आया । चूल्हे जलने से घर के आंगन मे धुंआ उठा । घर के सभी लोगो की आँखों मे चमक उठी अर्थात सब लोगों मे असाह भर गया । भोजन के बाद केंके हए अन्न से अपने पेट भरने की आशा से काँठा भी पंख खुजलाकर इत्तर इन्तजार कर रही हैं। इस्प्रकार कवि ने अकाल से पीडित जनता की दयनी स्थिति और बाद की स्थिति का मार्मिक रूप से चित्रण किया है । अकल की दुस्थिति केवल लोंगों पर ही नहीं बल्कि उनके चारों ओर वातारिण को किस प्रकार प्रभावित करती है, उस्का स्पश्ट चित्रण किया है । उनकी भाषा सरल खडी बोली है। संदर्भ सहित व्याख्या प्रश्न 1. सन्दर्भ :- इस्में कवि अकाल के समय देश की स्थिति और लोगों की दयनीय स्थिति की ओर सकेत कर रहे है। व्याख्या :- अकाल के समय अनाज न मिलने के कारण घर में चूलहा नही जल रहे हैं । आटा न पिसने के कारण चक्की भी बन्द भी। चूलहे ‘न जलने से उसे घर का कुत्ता सो रहा है । घर के लोगों की उदासी से दीवार के छिपकलियां मस्तसे गस्ती दे रहे है और अनाज न मिलने से घर के चूहों की स्थिति भी दयनीय हो गयी।. विशेषताएँ :-
प्रश्न 2. सन्दर्भ :- अकाल समाप्त होने के बाद जिसप्रकार की रोशनी घर के चारो ओर दिखाई पड़ती है, उसका मार्मिक चित्रण इसमें मिलता है। व्याख्या :- अकाल के बाद अनाज घर को आया । खाना पकाने के लिए घर मे चूलहा जलाया गया । इस खुशी मे घर के सारे लोगों के मन : उत्साह से भर गया । भोजन के बाद केंके हुए अन्न से पेट भरने की । आशा मे कौए भी पँस खुजलाकर इन्तजार कर रही है। विशेषताए :
एक शब्द में उत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. कवि परिचय कवि नागार्जुन का जनम सन् 1911 ई.मे बिहार के दरभंगा जिले के तरौनी ग्रम मे हुआ । उनका वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्रा रहा । उन्होने श्रीलंका में बौद्ध भिक्षु के रूप मे प्रवास किया और अपना नाम नागार्जुन रखा। वे धुमक्कडी प्रकृति के व्यक्ति थे । हिन्दी साहित्य जगत् मे आधुनिक कबीर की उपाधि भी उन्हे दी गयी । वे प्रगतिवादी विचारधारा के प्रमुख लेखक थे। युगधारा, सतरंग पंखकिली, तालाब की मखलिमाँ, रतिनाथ की चाची, नाई पौध उनकी प्रमुख रचनाग है । सन् 1969 ई. मे पत्रहीन – नग्न गाध के लिए साहित्य अकाडमी पुरस्कार भी मिला । सन् 1968 ई. मे उनके मुत्यु हुई । कठिन शब्दार्थ 1. चुल्हा = मिट्टी या लोहे का बना वह जिस पर भोजन पकाते है; భోజనం వండే పాత్ర. 5. भीत = दीवार; గోడ. अकाल और उसके बाद की कविता में कवि का क्या संदेश है बताइये?प्रंसग-कवि ने इन पंक्तियों में अकाल की भीषण स्थिति का चित्रण किया है। चूल्हे ओर चक्की के भावो को भी कवि ने दिखाया है। अकाल की स्तिथि में अनाज के अभाव में मानव तो क्या अन्य जीवों की दशा दयनीय रही। व्याख्या- अकाल पड़ने की वजह से आम आदमी का जीवन बहुत ही कठिन हो गया।
अकाल और उसके बाद का प्रकाशन वर्ष क्या है?'अकाल और उसके बाद' कविता वर्ष 1952 में प्रकाशित हुई थी।
अकाल और उसके बाद कविता का लेखक कौन है?नागार्जुन (30जून 1911- 5 नवम्बर 1998) हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार नागार्जुन ने हिन्दी के अतिरिक्त मैथिली संस्कृत एवं बाङ्ला में मौलिक रचनाएँ भी कीं तथा संस्कृत, मैथिली एवं बाङ्ला से अनुवाद कार्य भी किया।
बाबा नागार्जुन का जन्म कब हुआ था?30 जून 1911यात्री (वैद्यनाथ मिश्र नागार्जुन) / जन्म तारीखnull
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