अंडकोष पुरुषों में पायी जाने वाली एक थैली जैसी ग्रंथि है. इस थैली जैसी ग्रंथि के अंदर दो अंडकोष होते हैं. अंडकोष लाखों छोटे-छोटे शुक्राणु कोशिकाएं पैदा करते हैं और उन्हें सुरक्षित रखते हैं. इसके अलावा ये टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन भी बनाते हैं. आपको बता दें लड़कों में शुक्राणु उत्पन्न करने की क्षमता इसी हार्मोन के कारण आती है. साथ ही टेस्टोस्टेरॉन मांसपेशियों और बालों के लिए जरूरी होता है. इसे मर्दाना हार्मोन भी कहते हैं. लेकिन कई कारणों से टेस्टिस में दर्द होता है परंतु उसका उपचार भी संभव है. Show
अंडकोष बहुत अधिक संवेदनशील होता है और आसानी से उनको नुकसान पहुंच सकता है. यदि इसपर हल्का सा भी दबाव हो पड़े तो इसमें दर्द हो सकता है. इसके अलावा कुछ बीमारियों जैसे - टेस्टिकुलर टॉर्सन और एसटीआई के कारण भी अंडकोष में दर्द हो सकता है. पुरानी चोट के कारण भी इसका दर्द बाद में उभर सकता है. आइए निम्लिखित लेख के माध्यम से अंडकोष में होने वाले दर्द के उपचार के बारे में जानें. अंडकोष में दर्द के अन्य कारणपुरुष के अंडकोष में दर्द के अंडकोष से संबंधित बीमारियों के लिए कई अन्य बीमारियां भी जिम्मेदार हैं. डाययबिटिक नेफ्रोपैथी के कारण अंडकोष की नसें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, यह भी दर्द का प्रमुख कारण है. इसके अलावा क्लैमीडिया जैसे यौन संचारित रोग भी अंडकोष में दर्द के लिए जिम्मेदार होते हैं. हाइड्रोशील के कारण भी अंडकोषों में दर्द होता है. यदि किसी व्यक्ति के टेस्टिकल्स में पहले से मरोड़ की समस्या हुई हो और उसने इसका उपचार कराया है तो टेस्टिकल्स के आसपास के कुछ ऊतक उपचार के दौरान खत्म हो जाते हैं और इसकी वजह से बाद में व्यक्ति को दर्द होता है. टेस्टिकुलर कैंसर के उपचार के बाद भी यह समस्या बाद में हो सकती है. कुछ अन्य बीमारियों के कारण भी टेस्टिकल्स में दर्द हो सकता है. किड्नी में स्टोन इसमें प्रमुख है, स्टोन होने पर पेशाब करने में परेशानी होती है और पेशाब के दौरान अंडकोष में दर्द होता है.
टेस्टिस में दर्द का उपचारटेस्टिस के दर्द को कम करने के लिए आप सपोर्टर का सहारा ले सकते हैं, सपोर्टर का प्रयोग ज्यादातर एथलीट करते हैं. सपोर्टर आपके अंडकोष को आरामदायक स्थिति में रखता है जिसके कारण दर्द नहीं होता. सपोर्टर अंडकोष को बढ़ने से भी रोकता है.
Also Read: Testis Problem in Hindi 4 people found this helpful अंडकोष पुरुषों का एक संवेदनशील अंग है, इसमें तनिक भी धक्का लग जाने से उठने वाला दर्द त्रिलोक की सैर करा देता है। ज्यादातर मामलों में अंडकोष की नसों का सूजन सामान्य माना जाता है और इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन कुछ मामलों में यह प्रभावित पुरुष के दैनिक दिनचर्या में कई प्रकार की असहजता का कारण बन सकता है। आइये जानते हैं कि इसके क्या कारण हो सकते हैं और इलाज करने की सबसे अच्छी विधि क्या है।
अंडकोष की नसों में सूजन होना क्या है?यह पैर में होने वाले वैरिकोज वेंस की तरह ही होता है। इसे वैरीकोसेल (varicocele) भी कहा जाता है। बन सकता है चिंता का विषयवास्तव में, लगभग 15% वयस्क पुरुष वैरीकोसेल से पीड़ित होते हैं, लेकिन उन्हें इसके लक्षण नहीं नजर आते हैं या फिर इससे कोई परेशानी नहीं होती है। लेकिन, गंभीर रूप धारण कर लेने के बाद भी इसका निदान या उपचार नहीं करने पर यह कई जटिलताओं को जन्म दे सकता है। अंडकोष की नसों में सूजन आ जाने के कारण स्पर्म के क्वालिटी और उत्पादन में कमी आ जाती है। इससे इनफर्टिलिटी भी हो सकती है। कई मामलों में ये वृषण के आकार में बदलाव करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, नतीजन टेस्टिकल परिस्थिति के अनुसार अपने आकार में बदलाव नहीं कर पाता है। इसका निदान और इलाज बहुत आसान होता है। कई बार यह अपने आप ठीक हो जाता है। अगर यह दर्दनाक लक्षण पैदा करता है तो सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है। अंडकोष की नसों में सूजन के लक्षणअंडकोष की नसों में सूजन होने पर यह लक्षण नजर आ सकते हैं:
डॉक्टर से कब मिलेंज्यादातर मामलों में यह खुद ठीक हो जाता है अथवा किसी भी तरह की असहजता का कारण नहीं बनता है। अगर आकड़ों पर गौर किया जाए तो लगभग 15 परसेंट वयस्क अपनी पूरी जिन्दगी अंडकोष की नसों में हल्के सूजन के साथ गुजार देते हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है। यदि अंडकोष की नसों में सूजन बहुत अधिक है और उनकी वजह से दर्द एवं असहजता होती है अथवा अंडकोष का आकार बड़ा दिखाई देता है तो आपको देरी न करते हुए डॉक्टर से निदान करवाने की आवश्यकता है। अंडकोष की नसों में सूजन का कारणअंडकोष की नसों में सूजन का मुख्य कारण क्या है, अब तक इसका पता नहीं चल पाया है। हालांकि कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अंडकोष की नसें, जो खून प्रवाहित करती हैं, उसमें बाधा आने पर यह समस्या होती है। अंडकोष की नसों के वाल्व में खराबी होने पर भी सूजन आ सकता है। युवाओं के अंडकोष की नसों में सूजन अधिक देखा जाता है। यह अधिकतर बाएँ अंडकोष में होता है। जटिलताएंअंडकोष की नसों में सूजन आने पर यह जटिलताएं हो सकती हैं:
अंडकोष की नसों में सूजन का निदानअंडकोष की नसों में सूजन का निदान करने के लिए डॉक्टर इसका फिजिकल टेस्ट कर सकते है। अंडकोष का आकार बढ़ जाता है और रोगी को भारीपन महसूस होता है। डॉक्टर इसका निदान केवल देखकर कर सकते हैं। अगर सूजन ज्यादा नहीं है तो डॉक्टर आपको एक गहरी सांस लेकर इसे रोकने को कहते हैं। इससे नसों की असामान्य वृद्धि का अंदाजा लगाया जा सकता है। अगर फिजिकल टेस्ट से सही निदान नहीं हो पा रहा तो डॉक्टर एक अल्ट्रासाउंड की सलाह दे सकते हैं। इस टेस्ट में रोगी के अंडकोष में उच्च फ्रीक्वेन्सी वाले साउंड वेव भेजे जाते है। इससे नसों की असामान्यता का सही पता लगता है। अंडकोष की नसों में सूजन होने पर अल्ट्रासाउंड टेस्ट अवश्य कराना चाहिए। कई बार अंडकोष की थैली में ट्यूमर का निर्माण होने लगता है जिससे अंडकोष की नसों में सूजन आ जाता है। अल्ट्रासाउंड टेस्ट के जरिए इस ट्यूमर का पता आसानी से लग जाता है। क्या अंडकोष की नसों में सूजन का घरेलू इलाज संभव है?जी नहीं, आप अंडकोष की नसों में सूजन का इलाज घरेलू तरीकों से नहीं कर सकते हैं। यह सिर्फ समय की बर्बादी है। अगर यह खुद से ठीक हो गया है तो चिंता की कोई बात नहीं है लेकिन, समस्या कई दिनों से बनी हुई है तो उचित निदान और सर्जरी कराना चाहिए। हालांकि, यदि यह सामान्य है तो डॉक्टर वैरीकोसेल के कुछ घरेलू उपचार की सलाह दे सकते हैं। लेकिन, इन्हें अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अंडकोष की नसों में सूजन का इलाजकई बार इसके इलाज की कोई जरूरत नहीं होती है। यह स्वतः ठीक हो जाता है। लेकिन असहनीय दर्द होता है तो आपको सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। यह पुरुष के प्रजनन क्षमता में बुरा प्रभाव डालता है इसलिए इसका इलाज आवश्यक हो जाता है। इसके अलावा अगर आप सहायक प्रजनन तकनीक की मदद से संतान प्राप्ति चाहते हैं तो अंडकोष की नसों में सूजन की सर्जरी आवश्यक है। युवाओं के अंडकोष में सूजन है तो सर्जरी से पहले वीर्य की जांच की जा सकती है। सर्जरी के बाद शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार आता है। इलाज न कराने से शुक्राणु कमजोर होते हैं इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है। अंडकोष की नसों में सूजन का इलाज के यह तरीके हैं: ओपन सर्जरीयह एक पारंपरिक सर्जरी है जिसमें लोकल या जनरल एनेस्थीसिया का प्रयोग किया जाता है। सर्जन पेट के निचले हिस्से, जांघ का ऊपरी भाग या कमर की तरफ से सर्जरी कर सकते हैं। सर्जरी की प्रक्रिया सर्जिकल माइक्रोस्कोप और अल्ट्रासाउंड की मदद से संपन्न की जाती है। प्रभावित या सूजी हुई नसों में हो रहे रक्त प्रवाह को रोका जाता है। रक्त प्रवाह के लिए सर्जन आस-पास की स्वस्थ नसों का चयन करते हैं। सर्जरी सफल होने के 2 दिन बाद से रोगी अपने सामान्य कार्य कर सकता है। सर्जरी के बाद कई दिनों तक अंडकोष में हल्का दर्द रह सकता है। डॉक्टर कुछ दिनों के लिए दर्द निवारक लिख सकते हैं। एक छोटी अवधि तक डॉक्टर आपको सेक्स से दूर रहने की सलाह देंगे। लगभग 2-3 हफ़्तों तक खिंचाव उत्पन्न करने वाली एक्सरसाइज से बचना चाहिए। लेप्रोस्कोपिक सर्जरीयह प्रक्रिया जनरल एनेस्थीसिया के प्रभाव में की जाती है। सर्जन पेट में एक छोटा चीरा लगाते हैं और चीरा के माध्यम से एक एक छोटा और पतला उपकरण (लेप्रोस्कोप) प्रभावित क्षेत्र में भेजा जाता है। इस उपकरण की मदद से सर्जन प्रभावित क्षेत्र को कंप्यूटर स्क्रीन पर देखते हुए सर्जरी करते हैं। सर्जरी के बाद सावधानियांअंडकोष की नसों में सूजन का इलाज अगर सर्जिकल प्रक्रिया के साथ हुआ है तो रोगी को यह सावधानियां बरतनी चाहिए:
कई मामलों में अंडकोष की नसों में सूजन को ठीक करने के लिए इलाज की कोई जरूरत नहीं पड़ती है, तो कई बार इसके लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि क्या आपके अंडकोष की नसों में सूजन गंभीर है या यह खुद से ठीक हो जाएगा तो आपको डॉक्टर से निदान करवाना पड़ेगा। आप चाहे तो हमें फोन कर सकते हैं और ऑनलाइन कंसल्टेशन ले सकते हैं। हमारे अनुभवी डॉक्टर आपके लक्षणों के अनुसार उचित उपचार की सलाह देंगे। यदि वैरिकोसेल का इलाज करने के लिए सर्जरी की जरूरत होगी तो हमारे डॉक्टर लेजर सर्जरी का चयन करेंगे। Pristyn Care से वैरीकोसेल का उपचार करवाने से निम्न फायदे हैं –
निष्कर्ष अंडकोष की नसों में सूजन होने को वैरिकोसील कहा जाता है। इससे पीड़ित लगभग 15 परसेंट वयस्क लक्षण रहित होते हैं और उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं होती है। इसके उपचार के लिए कई तरह की सर्जिकल विधि मौजूद हैं, जिनमें लेजर सर्जरी सबसे अच्छी प्रक्रिया है। डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें| एक अंडकोष में दर्द क्यों हो रहा है?डायबिटिक नेफ्रोपैथी के कारण अंडकोष की नसे क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, यह भी दर्द का प्रमुख कारण है। इसके अलावा क्लैमीडिया जैसे यौन संचारित रोग भी अंडकोष में दर्द के लिए जिम्मेदार होते हैं। टेस्टिकल कैंसर-टेस्टिस में दर्द का कारण टेस्टिकुलर कैंसर भी हो सकता है। इसके लिए हमेशा सतर्क रहने की जरूरत होती है।
अंडकोष के दर्द को कैसे शांत करें?आइए जानते हैं अंडकोष में दर्द का घरेलू उपचार व इलाज (Testicular Pain Treatment) क्या है... सपोर्टर पहनें. अंडकोष की सिंकाई करें. गुनगुने पानी से नहाएं. यौन संक्रमण से बचें. अंडकोष में इन्फेक्शन क्यों होता है?फंगल संक्रमण, अधिक पसीना या स्वच्छता के अभाव की वजह होने वाली जलन समेत कुछ कारण हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में, नियमित स्नान, पाउडर या एक एंटिफंगल क्रीम लगाने और सूती अंडरवियर पहनने से मदद मिलेगी। यौन संचारित रोग भी खुजली का कारण बन सकते हैं। यदि यह दूर नहीं होती है तो अपने आप की एक डॉक्टर से जांच करवाएं।
अंडकोष की जांच कैसे की जाती है?अंडकोषों (testicles) को नरम, बिना किसी गांठ या गड्ढे (lump or bump) और कठोर होने की जगह दृढ़ होना चाहिए। आप अपने अंडकोषों (testicles) के पीछे नरम ट्यूब को महसूस कर सकते हैं जिसे एपिडिडिमिस (epididymis) कहते हैं। यदि आप अपने अंडकोषों (testicles) में कोई बदलाव या कुछ असमान्य देखते हैं तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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