4. निर्मेय में रचना को दिखाया जाता है - 4. nirmey mein rachana ko dikhaaya jaata hai

ज्यामिति में किसी ज्यामितीय निर्माण (construction) से सम्बन्धित समस्या को निर्मेय कहते हैं। निर्मेय का अर्थ है - 'जिसका निर्माण करना है, वह'। ये निर्माण केवल पटरी और परकार (ruler-and-compass) की सहायता से बनाने होते हैं, चाँदा इत्यादि के प्रयोग से नहीं।

परकार और पटरी किसी रेखा-खण्ड का लम्ब-समद्विभाजक खींचना पटरी एवं परकार द्वारा समषटभुज का निर्माण किसी वृत्त के समान क्षेत्रफल वाले वर्ग का निर्माण ज्यामिति में किसी ज्यामितीय निर्माण (construction) से सम्बन्धित समस्या को निर्मेय कहते हैं। निर्मेय का अर्थ है - 'जिसका निर्माण करना है, वह'। ये निर्माण केवल पटरी और परकार (ruler-and-compass) की सहायता से बनाने होते हैं, चाँदा इत्यादि के प्रयोग से नहीं। .

6 संबंधों: चाँदा, प्रमेय, सरल रेखा, ज्यामिति, घन, वर्ग।

वृत्ताकार चाँदा चाँदा (protractor) एक औजार है जो कोण नापने या कोण बनाने के काम आता है। यह प्रायः वर्गाकार, वृत्ताकार या अर्धवृत्ताकार होता है और पारदर्शी प्लास्टिक का बना होता है। चाँदे अनेकों प्रकार के यांत्रिक एवं तकनीकी कार्यों में प्रयुक्त होते हैं किन्तु इनका सबसे आम उपयोग स्कूलों में ज्यामिति से सम्बन्धित निर्मांण में होता है। .

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पाइथागोरस का प्रमेय; इसे प्राचीन भारतीय गणितज्ञ बौधायन ने सबसे पहले प्रस्तुत किया था। प्रमेय (Theorem) का शाब्दिक अर्थ है - ऐसा कथन जिसे प्रमाण द्वारा सिद्ध किया जा सके। इसे साध्य भी कहते हैं। गणित में (और विशेषकर रेखागणित में) बहुत से प्रमेय हैं। प्रमेयों की विशेषता है कि उन्हें स्वयंसिद्धों (axioms) एवं सामान्य तर्क (deductive logic) से सिद्ध किया जा सकता है। .

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तीन रेखाओं के समीकरण तथा ग्राफ: लाल रेखा तथा नीली रेखा परस्पर समान्तर हैं। सरल रेखा गणित मैं शून्य चौडाई वाला अनन्त लम्बाई वाला एक आदर्श वक्र होता है, यूक्लिडीय ज्यामिति (Euclidean Geometry) के अन्तर्गत दो बिन्दुओ से होकर एक और केवल एक ही रेखा जा सकती है। एक सरल रेखा दो बिदुओ के बीच की लघतुत्तम दूरी प्रदर्शित करती है। सरल रेख बिन्दुओं का सरलतम बिन्दुपथ होता है। किसी द्वी-विमीय समतल पर दो सरल रेखाएं या तो समानान्तर होंगी अथवा प्रतिछेदी। इसी प्रकार त्रिविम में दो रेखाएं परस्पर समानान्तर, प्रतिछेदी या skew (न प्रतिछेदी न ही समानान्तर) हो सकती हें। .

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ब्रह्मगुप्त ब्रह्मगुप्त का प्रमेय, इसके अनुसार ''AF'' .

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घन का अर्थ होता है बादल। .

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वर्ग (Square) ज्यामिति की एक आकृति है। यदि किसी चतुर्भुज की चारों भुजाएं बराबर हों और चारो कोण समकोण हों तो उस चतुर्भुज को वर्ग कहते है। .

ज्यामिति में किसी ज्यामितीय निर्माण (construction) से सम्बन्धित समस्या को निर्मेय कहते हैं। निर्मेय का अर्थ है - 'जिसका निर्माण करना है, वह'। ये निर्माण केवल पटरी और परकार (ruler-and-compass) की सहायता से बनाने होते हैं, चाँदा इत्यादि के प्रयोग से नहीं।

उदाहरण के लिये कुछ निर्मेय नीचे दिये गये हैं:

  • पटरी और परकार की सहायता से किसी सरल रेखा को समद्विभाजित करना, अर्थात इस रेखा-खण्ड का मध्य बिन्दु ज्ञात करना
  • पटरी और परकार की सहायता से किसी कोण को दो बराबर भागों में बाँटना
  • यदि किसी त्रिभुज की दो भुजाएँ और उनके बीच का कोण दिया हो तो उसकी रचना करना
  • तीन बिन्दुओं से होकर जाने वाले वृत्त की रचना करना
  • किसी वृत्त के अन्दर समबाहु त्रिभुज, वर्ग, समपंचभुज, समषटभुज आदि का निर्माण
  • किसी वृत्त के क्षेत्रफल के बराबर क्षेत्रफल वाले वर्ग की रचना करना

कुछ ज्यामितीय निर्माण केवल पटरी और परकार द्वारा नहीं बनाए जा सकते।

वृत्त के समान क्षेत्र वाले वर्ग का निर्माण (स्क्वायरिंग द सर्कल)[संपादित करें]

एक ऐसी रेखा खींचना जिसकी लम्बाई का घन, किसी दी गई रेखा की लम्बाई के घन के दो-गुना हो।

किसी दिए गए कोण के एक-तिहाई (१/३) के बराबर कोण का निर्माण

केवल पटरी या केवल परकार द्वारा निर्माण[संपादित करें]

पटरी और परकार के अलावा कुछ ऐसे औजार हैं जिनकी सहायता से ऐसे निर्माण भी सम्भव हैं जो केवल पटरी और परकार से सम्भव नहीं हैं। इनमें चिह्नित पटरी (मार्केबल रूलर) तथा ओरिगामी (Origami) प्रमुख हैं।

सन १९९८ में साइमन प्लोफी (Simon Plouffe) ने एक विधि बताई जिसके द्वारा पटरी और परकार द्वारा कुछ संख्याओं के बाइनरी अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। इस विधि में एक कोण को बार-बार दोगुना किया जाता है। किन्तु २० बाइनरी अंकों के बाद यह विधि अव्यवहार्य (impractical) हो जाती है।