बिहार को बंगाल में कब मिलाया गया? - bihaar ko bangaal mein kab milaaya gaya?

रोहतास एक जिला ही नहीं, बल्कि इतिहास की उस समृद्ध गौरवगाथा का नाम है, जहां से बिहार-बंगाल की शासन-सत्ता की बागडोर संभाली जाती थी। कभी बिहार-बंगाल की संयुक्त राजधानी रोहतास हुआ करती थी। यहीं से राजा मान सिंह दोनों प्रदेशों में शासन करते थे। 1587 ई. में मुगल सम्राट अकबर ने राजा मान सिंह को बिहार व बंगाल का संयुक्त सूबेदार बनाकर रोहतास भेजा था। राजा मान सिंह ने उसी वर्ष रोहतासगढ़ को प्रांतीय राजधानी घोषित किया था। अकबर के शासनकाल में रोहतास सरकार थी, जिसमें सात परगना शामिल थे। 1784 में तीन परगना को मिलाकर रोहतास जिला बनाया गया। 22 मार्च 1912 को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग होकर बिहार स्वतंत्र राज्य बना और उसकी राजधानी पटना बनी। हालांकि 1935 में उड़ीसा व 2000 में झारखंड इससे अलग होकर स्वतंत्र राज्य बना।

जिला मुख्यालय सासाराम से 75 किमी दूर कैमूर पहाड़ी पर स्थापित सूर्यवंशी राजा हरिशचंद्र के पुत्र रोहिताश्व द्वारा स्थापित रोहतासगढ़ के नाम पर इस क्षेत्र का नामकरण रोहतास पड़ा। मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में ही 1582 ई. में रोहतास सरकार थी, जिसमें सात परगना शामिल थे। शाहाबाद गजेटियर के अनुसार रोहतास सरकार में रोहतास, सासाराम, चैनपुर के अलावा जपला, बेलौंजा, सिरिस व कुटुंबा परगना शामिल थे। शाहजहांनामा के अनुसार इखलास खां को 1632-33 में रोहतास का किलेदार नियुक्त किया गया। अकबरपुर से सटी पहाड़ी के नीचे स्थित एक शिलालेख के अनुसार किलेदार नवाब इखलास खां को मकराइन परगना तथा चांद, सीरिस, कुटुंबा से बनारस तक फौजदारी प्राप्त थी। वह चैनपुर, मगसर, तिलौथू, अकबरपुर, बेलौंजा, विजयगढ़ व जपला का जागीरदार था। यानी उसके क्षेत्र में पुराना शाहाबाद, गया, पलामू व बनारस क्षेत्र शामिल थे। जिसका शासन वह रोहतास से करता था। 25 फरवरी 1702 को वजीर खां के पुत्र अब्दुल कादिर को रोहतास का किलेदार नियुक्त किया गया। सर्वप्रथम 1764 ई. में मीर कासिम को बक्सर युद्ध में अंग्रेजों से पराजय के बाद यह क्षेत्र अंग्रेजों के हाथ आ गया। 1774 ई. में अंग्रेज कप्तान थामस गोडार्ड ने रोहतासगढ़ को अपने कब्जे में लिया और उसे तहस-नहस कर दिया। अंग्रेजों के समय में भी यह क्षेत्र पुरातात्विक महत्व का रहा है। फ्रांसिस बुकानन को इस क्षेत्र में सर्वेक्षण का कार्य सौंपा गया। 30 नवंबर 1812 को वह रोहतास आया और कई पुरातात्विक जानकारियां एकत्रित कीं। 1881-82 में एचबीडब्ल्यू गैरिक ने इस क्षेत्र का पुरातात्विक सर्वेक्षण किया और रोहतासगढ़ से राजा शशांक की मुहर का सांचा प्राप्त किया। बाद में 1784 ई. में तीन परगना को मिलाकर रोहतास जिला बनाया गया। इसके बाद यह शाहाबाद जिले का अंग बन गया। शाहाबाद से 10 नवंबर 1972 को अलग होकर रोहतास पुन: जिला स्थापित हो गया। कहते हैं पुरातत्वविद् :

मुगल सम्राट अकबर ने 1587 में बिहार-बंगाल का संयुक्त सूबेदार राजा मान सिंह को बनाया था। राजा मान सिंह ने रोहतासगढ़ किले को ही अपनी प्रांतीय राजधानी घोषित कर दिया। वे यहीं से शासन सत्ता चलाते थे। यह किला सत्ता का केंद्र था। हालांकि इससे पांच वर्ष पूर्व 1582 में भी रोहतास सरकार के नाम से इसे जाना जाता था, जिसमें सात परगना शामिल था।

सुपौल। वैसे तो बिहार को बंगाल से अलग करना अंग्रजों की मजबूरी थी। परन्तु उससे कहीं ज्यादा बिहार के तत्कालीन ईमानदार नेताओं द्वारा शुरू किया गया अभियान था। इस अभियान ने आंदोलन का रूप ले लिया। इसके बाद 1912 में बिहार नामक एक अलग प्रांत भारत के मानचित्र पर उदित हुआ। बिहार दिवस के मौके पर बच्चों को बिहार प्रांत के गठन एवं इसके इतिहास से रूबरू कराते हुए सेवानिवृत प्रधानाध्यापक सुरेश चन्द्र मिश्र ने कहा कि 22 मार्च 1912 को ब्रिटिश इंडिया के गवर्नर लार्ड हार्डिंग्स ने सम्राट जार्ज पंचम के निर्देशानुसार बंगाल, बिहार, और उड़ीसा तथा असम प्रांत के गठन की अधिसूचना जारी की थी। कोलकाता से प्रकाशित अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र अमृत बा•ार के 23 मार्च 1912 के अंक में नए प्रांतों के गठन की विस्तृत खबर प्रकाशित की थी। जिसकी प्रति कोलकाता की नेशनल लाइब्रेरी में आज भी सुरक्षित है। इसके अनुसार भारतीय परिषद् अधिनियम 1861 की अनुसूची ख'' के अंतर्गत नियम कानून शांति एवं अनुशासन के उद्देश्य से बंगाल के फोर्ट विलियम प्रांत से बिहार, उड़ीसा और असम प्रांत का गठन किया गया। इसे 1 अप्रैल 1912 से प्रभावी होने की घोषणा की गई थी। श्री मिश्र ने बताया कि सर चा‌र्ल्स स्टुअर्ट वेली को संयुक्त बिहार और उड़ीसा प्रांत जिसका एकीकृत नाम बिहार था को प्रथम लेफ्टिनेंट गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया। अधिनियम के अनुसार बिहार को पांच प्रमंडलों में बांटा गया। ये प्रमंडल भागलपुर, पटना, तिरहुत, छोटानागपुर और उड़ीसा प्रमंडल थे। उन्होंने बताया कि बिहार को अपने वर्तमान स्वरूप प्राप्ति हेतु तीन बार विभाजन के दौर से गुजरना पड़ा। पहली बार 1 अप्रैल 1936 को उड़ीसा प्रमंडल को बिहार से अलग कर उड़ीसा नामक प्रांत का गठन किया गया। दूसरी बार 01 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन की सिफारिश पर बिहार के पुरुलिया जिला और पूर्णिया जिले के इस्लामपुर को पश्चिम बंगाल में मिला दिया गया। फिर तीसरी बार 15 नवंबर 2000 को बिहार के खनिज एवं वन संपदा से संपन्न 18 जिलों को मिलाकर झारखंड राज्य बनाया गया। तबसे लेकर आजतक बिहार अपने वर्तमान स्वरूप के साथ विकास की राह पर अग्रसर है।

Edited By: Jagran

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बिहार के उस क्रान्तिकारी का नाम बताइए जिसने सितम्बर 1928 में हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी की बैठक में भाग लिया था|

📌   केवल वह स्तम्भ जिसमें अशोक ने स्वयं को मगध्या का सम्राट बताया है ?

📌   पाटलिपुत्र का संस्थापक था

📌   मूल रुप से बिहार शब्द का अर्थ है

📌   मगध की प्रारम्भिक राजधानी कौन-सी थी ?

📌   प्रभावती देवी किस क्षेत्र की स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थी ?

📌   1830 के दशक में पटना नगर केंन्द्र था

📌   श्री. निवारणचन्द्र दासगुप्ता थे

📌   निम्नलिखित में से मगध का कौन-सा राजा सिकन्दर महान् का समकालीन था?

📌   सम्राट शाहआलम द्वितीय ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी को बंगाल, बिहार तथा उडीसा की दिवानी प्रदान की ?

📌   करो या मरो का सम्बन्ध किस आन्दोलन से है ?

📌   नन्द वंश के पश्चात् मगध पर किस राजवंश ने शासन किया ?

📌   विश्व का पहला गणतन्त्र वैशाली में किसके द्वारा स्थापित किया गया ?

📌   गुप्त सम्राट, जिसने हुणों को पराजित किया, थे

📌   निम्नलिखित में से कौन-सी पुस्तक तिलक ने लिखी है ?

📌   सैण्ड्रोकोटस से चन्द्रगुप्त मौर्य की पहचान किसने की ?

📌   इल्ततिमिश ने बिहार में अपना प्रथम सुबेदार नियुक्त किया था ?

📌   देवबन्द के उस विद्वान का नाम बताइए जिन्होंने स्वतन्त्रता आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

📌   किस शासक द्वारा सर्वप्रथम पाटलिपुत्र का राजधानी के रुप में चयन किया गया ?

📌   गाँधीजी का चम्पारण सत्याग्रह किससे जुडा था ?

📌   महात्मा गाँधी ने सर्वप्रथम किस किसान आन्दोलन में भाग लिया ?

📌   चम्पारण आन्दोलन से कौन सम्बन्धित नहीं था ?

📌   राजकुमार शुक्ला किस गाँव के निवासी थे ?

📌   बिहार में अलग प्राप्त के लिए आन्दोलन, जिसके परिणामस्वरुप वर्ष 1911 में बिहार एवं उडीसा के नए प्रान्त का निर्माण हुआ, का नेतृत्व किया था ?

2 बंगाल से बिहार कब अलग हुआ था?

पटना के साथ 22 मार्च 1912 को बिहार और उड़ीसा बंगाल से अलग हो गए थे।.

बिहार बंगाल से कब प्रथम हुआ?

बंगाल से अलग बिहार राज्य की स्थापना साल 1912 में हुई थी. बिहार के अलग राज्य के रूप में स्थापित होने की ख़ुशी में हर साल 22 मार्च को हर साल बिहार दिवस (Bihar Diwas) मनाया जाता है.

बिहार और पश्चिम बंगाल का विभाजन कब हुआ था?

History of 16 October: भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने 20 जुलाई 1905 को बंगाल विभाजन की आधिकारिक घोषणा की थी. 16 अक्टूबर, 1905 को कर्जन ने मुस्लिम बहुल पूर्वी हिस्से को असम के साथ मिलाकर अलग प्रांत बनाया. दूसरी ओर हिंदू-बहुल पश्चिमी भाग को बिहार और उड़ीसा के साथ मिलाकर पश्चिम बंगाल नाम दे दिया.

बिहार कब अलग राज्य अस्तित्व में आया?

१८५७ के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। १९०५ में बंगाल का विभाजन के फलस्वरूप बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया