31 दिसंबर 1929 को क्या हुआ? - 31 disambar 1929 ko kya hua?

विषयसूची

  • 1 दिसंबर 1929 को लाहौर अधिवेशन का प्रमुख प्रस्ताव क्या था?
  • 2 यंग इंडिया और हरिजन के संपादक कौन थे?
  • 3 1929 लाहौर अधिवेशन में भारतीय तिरंगा का विरोध करने वाले लोग कौन थे?
  • 4 कांग्रेस का 1920 का प्रस्ताव क्या है?
  • 5 26 जनवरी को 1947 से पहले क्या कहा जाता था?
  • 6 कांग्रेस का १९२० का प्रस्ताव क्या था?

इसे सुनेंरोकें31 दिसंबर 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित कर भारत के लिए पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी। हमारे लिए स्वाधीनता है, पूर्ण स्वतंत्रता।” इसी दिन, रावी (भारत-पाकिस्तान) नदी के तट पर भारतीय स्वाधीनता का तिरंगा झंडा फहराया गया था।

बेलगांव का युद्ध कब हुआ?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का 39वाँ अधिवेशन, जो 26-27 दिसम्बर, 1924 ई. को बेलगाँव में ही हुआ था, उसकी अध्यक्षता राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने की थी।

यंग इंडिया और हरिजन के संपादक कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंइसके लेखों में अनेक सूक्तियाँ होती थीं जो लोगों के लिये महान प्रेरणा का कार्य करती थीं।……. यह पत्रिका 1919 से 1931 तक महात्मा गांधी द्वारा प्रकाशित की गई. महावीर प्रसाद द्विवेदी.

इसे सुनेंरोकें31 दिसम्बर 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन तत्कालीन पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ। इस ऐतिहासिक अधिवेशन में कांग्रेस के ‘पूर्ण स्वराज’ का घोषणा-पत्र तैयार किया तथा ‘पूर्ण स्वराज’ को कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य घोषित किया। जवाहरलाल नेहरू, इस अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गये।

स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में 1929 के लाहौर अधिवेशन का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंकांग्रेस ने 26 जनवरी, 1930 को पूर्ण स्वाधीनता दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया। अतः देश भर में स्वाधीनता दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। दिसम्बर 1929 के लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में कांग्रेस कार्यसमिति को सविनय अवज्ञा आन्दोलन आरम्भ करने की स्वीकृति दी गई थी। इसलिए लाहौर अधिवेशन स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण है।

1929 लाहौर अधिवेशन में भारतीय तिरंगा का विरोध करने वाले लोग कौन थे?

इसे सुनेंरोकें1929 में लाहौर के कांग्रेस अधिवेशन में कांग्रेस कार्यकारिणी ने गांधीजी को यह अधिकार दिया की वह सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करे। तदनुसार 31 दिसंबर, 1929 को अर्धरात्रि को ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारों के साथ रावी नदी के तट पर अपार जनसमूह के मध्य जवाहर लाल नेहरू ने नवगृहीत तिरंगा फहराया।

नेहरू जी ने लाहौर अधिवेशन में क्या फहराया था *?

इसे सुनेंरोकेंनेहरू ने कहा था, “हमारा लक्ष्य सिर्फ स्वाधीनता प्राप्त करना है। हमारे लिए स्वाधीनता है, पूर्ण स्वतंत्रता।” इसी दिन, रावी (भारत-पाकिस्तान) नदी के तट पर भारतीय स्वाधीनता का तिरंगा झंडा फहराया गया था।

कांग्रेस का 1920 का प्रस्ताव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंNotes: 1920 में कांग्रेस के विशेष अधिवेशन में गांधीजी ने असहयोग आन्दोलन का प्रस्ताव प्रस्तुत किये, लाला लाजपत इस अधिवेशन के अध्यक्ष थे। यह आन्दोलन दो मुख्य कारणों से शुरू किया गया था : खिलाफत आन्दोलन के प्रति ब्रिटिश सरकार का रवैया और पंजाब में निरपराध लोगों की रक्षा करने में सरकार की असफलता।

पं० नेहरू ने पूर्ण स्वतंत्रता का प्रस्ताव कब पारित किया?

इसे सुनेंरोकेंजवाहरलाल नेहरू ने पहली बार 1927 में मद्रास (चेन्नई) में आयोजित कांग्रेस के 42 वें सत्र में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया था।

26 जनवरी को 1947 से पहले क्या कहा जाता था?

इसे सुनेंरोकेंसही उत्‍तर पूर्ण स्वराज दिवस है।

गुलाम भारत में पहली बार स्वतंत्रता दिवस कब मनाया गया * 1 Point 26 अगस्त 1950 26 जनवरी 1930 26 जनवरी 1931 26 अगस्त 1949?

इसे सुनेंरोकेंसन् 1929 को पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में इंडियन नेशनल कांग्रेस के जरिये एक सभा का आयोजन किया गया था। जिसमें आम सहमति से इस बात का ऐलान किया गया कि अंग्रेजी सरकार, भारत को 26 जनवरी 1930 तक डोमिनियन स्टेटस का दर्जा दे। इस दिन पहली बार भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था।

कांग्रेस का १९२० का प्रस्ताव क्या था?

लाहौर में कब भारतीय झंडा फहराया गया था?

इसे सुनेंरोकें54 साल पहले गलथनी गांव के ब्रिगेडियर हरिसिंह देवड़ा के नेतृत्व में भारतीय सेना ने 8 सितंबर 1965 को पाकिस्तान में लाहौर जिले के बर्की पुलिस थाने पर तिरंगा फहराकर पाली का नाम पूरे देश में अमर कर दिया था।

  • 31 दिसम्बर 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन का आयोजन किया गया।
    अध्यक्ष – पं. जवाहर लाल नेहरू
    सम्मेलन में नेहरू रिपोर्ट को पूरी तरह निरस्त घोषित किया गया।
  • पं. जवाहर लाल नेहरू ने अध्यक्षीय भाषण कि आज हमारा सिर्फ एक लक्ष्य है स्वाधीनता का लक्ष्य। हमारे लिए स्वाधीनता के मायने है ब्रिटिश साम्राज्यवाद से पूर्ण स्वतंत्रता।’
  • उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से यह स्वीकार करता हूं कि मैं समाजवादी और गणतंत्रवादी हूं और राजाओं, नरेशों या उस व्यवस्था में मेरा कोई विश्वास नहीं है जो आधुनिक औद्योगिक सम्राट उत्पन्न करती है।’
  • 31 दिसम्बर, 1929 को रात के 12 बजे जवाहरलाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर अपार जनसमूह के मध्य नवगृहीत तिरंगे झण्डे को फहराया गया।
  • इस अवसर पर नेहरू ने कहा कि ‘ब्रिटिश सत्ता के सामने अब अधिक झुकना मनुष्य और ईश्वर दोनों के विरूद्ध अपराध है।’
  • अधिवेशन में 26, जनवरी 1930 को प्रथम स्वाधीनता दिवस मनाने का निश्चय किया गया।
  • कांग्रेस ने प्रतिवर्ष 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने का निश्चय किया।
  • पूर्ण स्वराज्य के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ करने का नेतृत्व गांधीजी को सौंपा गया।

31 दिसंबर 1929 को क्या हुआ था?

31 दिसम्बर 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन तत्कालीन पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ। इस ऐतिहासिक अधिवेशन में कांग्रेस के 'पूर्ण स्वराज' का घोषणा-पत्र तैयार किया तथा 'पूर्ण स्वराज' को कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य घोषित किया। जवाहरलाल नेहरू, इस अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गये।

दिसंबर 1929 में लाहौर अधिवेशन का मुख्य प्रस्ताव क्या था?

31 दिसंबर 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित कर भारत के लिए पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी। नेहरू ने कहा था, "हमारा लक्ष्य सिर्फ स्वाधीनता प्राप्त करना है।

पूर्ण स्वराज दिवस कब मनाया जाता है?

सही उत्तर 26-01-1930 है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 19 दिसंबर 1929 को ऐतिहासिक 'पूर्ण स्वराज' - (पूरी स्वतंत्रता) प्रस्ताव - अपने लाहौर सत्र में पारित किया। 26 जनवरी 1930 - एक दिन जिसे कांग्रेस पार्टी ने भारतीयों से 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाने का आग्रह किया था, को एक सार्वजनिक घोषणा की गई थी।

पहली बार स्वराज की मांग कब की गई?

पूर्ण स्वराज की मांग पहली बार कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन 1929 में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया।