Show We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma 1. लेखक को क्यों लगता है कि इन सब पिछड़े खयालातों का हमारे घर में गुजर
नहीं हो सकेगा। 2. अमरूद के पेड़ की छाया किस प्रकार लेखक को उनके भाई-बहनों के साथ जोड़ती है ? 3. लेखक अपने घर वापस जाकर उदासी का अनुभव क्यों करता है ? 4. लेखक की माँ अमरूद के पेड़ के लगे रहने का क्या दुष्परिणाम मानती थी ? 5. लेखक को मिद् का क्षोभ क्यों अच्छा लगा ? 6. आशय स्पष्ट करें लेखक को क्यों लगता है कि इन सब पिछड़े ख्यालों का हमारे घर में गुजर नहीं हो सकेगा?अमरूद के पेड़ को देखकर सबसे पहले बाबू कन्हैयालाल की बूढ़ी पत्नी ने एक दिन टोका कि पश्चिम की तरफ अगर मकान का मुखड़ा हो और सामने ही अमरूद का पेड़ तो 'राम-राम बड़ा अशुभ होता है और माँ के चेहरे पर थोड़ा-सा भय दिखा पर लेखक को विश्वास था कि इन सब पिछड़े खयालातों का हमारे घर में गुजर नहीं हो सकेगा क्योंकि उसके घर के लोग ...
लेखक की मां अमरूद के पेड़ के लगे रहने का क्या दुष्परिणाम मानती थी?Solution : लेखक की माँ अमरुद के पेड़ के लगे रहने का कारण अपने दिल में यह मान बैठी थी कि बड़ी बहु का अलगाव भावना , सबसे छोटे का निठल्लापन , खुद उनकी बिमारियों और लोगों का धंधे से बिखर जाना और कुछ नहीं हैं, बल्कि बहुत दिनों तक दरवाजे पर उसी अमरुद पेड़ के लगे रहने का दुष्परिणाम हैं।
अमरूद के पेड़ का लेखक कौन है?( ( ( ( जयपाल सिंह मुंडा ।
घर में अमरूद का पेड़ होने से क्या होता है?दोस्तों यदि आपके घर के अंदर संतान प्राप्त नहीं हो रही है तो अपने घर के आस पास आप अमरूद का पेड़ लगा सकते हैं। यह संतान प्राप्ति मे काफी मददगार होता है। इन सबके अलावा अमरूद के पेड़ को देखना भी शुभ माना जाता है। यदि कोई उठकर सुबह सुबह अमरूद के पेड़ के दर्शन करता है तो यह काफी शुभ माना जाता है।
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