या मुरलीधर की अधरान धरी अधरा ना धरौंगी काव्य पंक्ति में कौन सा अलंकार है? - ya muraleedhar kee adharaan dharee adhara na dharaungee kaavy pankti mein kaun sa alankaar hai?

“या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?

ya murli murlidhar ki adharaandhari adharaan dharaungi mein kaun sa alankar hai

“या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ”

प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार है। जब किसी काव्य पंक्ति में एक ही शब्द दो बार आए और दोनोंही बार उसका अर्थ अलग अलग हो तो वहाँ यमक अलंकार होता है। इस काव्य पंक्ति में अधरान और अधरा नशब्द का प्रयोग दो बार हुआ है जिसमे अधरानका अर्थ होंठों पर और अधरा न का अर्थ होंठों पर नहीं,इसलिए इसमें यमक अलंकार है। ( अधरान – होठों पर , अधरा न – होठों पर नहीं )

प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:

चूंकि इसमें शब्द को ज्यों का त्योंप्रयोग न करके बल्कि तोड़ मरोड़ कर प्रयोग किया गया है इसलिए यह सभंग यमक का भेद है। ( अधरान – होठों पर , अधरा न – होठों पर नहीं )

यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:

आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:

सभंग यमक अलंकार को अन्य उदाहरण के द्वारा भी समझा जासकता है।

“ तेरी बरछी ने बर छीने है खलनके “ यहाँ बरछी के दो अर्थ है – तलवार और बल को हरनेवाला।

काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार – (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

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अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण 

  • “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
  • ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
  • ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
  • ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?
  • ऐसे दुरादुरी ही सों सुरत जे करैं जीव, साँचो तिन जीवन को जीवन है जग में। में कौन सा अलंकार है?

मुरली मुरलीधर की अदनान अदरा में कौन सा अलंकार है?

इसमें यमक अलंकार है.

अधरान धरी अधरा न धरौंगी पंक्ति में कौन सा अलंकार है?

'अधरान धरी अधरा न धरौंगी' में यमक अलंकार है।

या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी से गोपी का कौन सा भाव पता चलता है?

या मुरली मुरलीधर की अधरन धरी अधरा न धरौंगीभाव सौंदर्य - इस छंद में गोपी दूसरी सखी से श्री कृष्ण की भाँति वेशभूषा धारण करने को कहती है। सखी उसके इस आग्रह पर तयार तो हो जाती हैगोपी अपनी सखी के कहने पर कृष्ण के समान वस्त्राभूषण तो धारण कर लेगीं परन्तु कृष्ण की मुरली को अधरों पर नहीं रखेगीं।

मोहन मुरली में कौन सा अलंकार प्रयुक्त हुआ है?

2. 'भाव - भगती', 'मोर मुकुट', 'मोहन- मुरली' में अनुप्रास अलंकार है।