विषयसूची विशिष्ट आवश्यकता वाले बालकों का क्या अर्थ है?इसे सुनेंरोकेंविशिष्ट बालक की परिभाषा क्रूशैंकं के अनुसार-”एक विशिष्ट बालक वह है जाे शारीरिक, बौद्धिक, संवेगात्मक एवं सामाजिक रूप, सामान्य बुद्धि एवं विकास की दृष्टि से इतने अष्टिाक विचलित होते है कि नियमित कक्षा- कार्यक्रमो से लाभान्वित नही हो सकते है तथा जिसे विद्यालय में विशेष देखरेख की आवश्यकता होती है।” प्रतिभाशाली बालकों की शिक्षा में क्या आवश्यक है?इसे सुनेंरोकेंप्रतिभाशाली बालकों के लिए विशेष शिक्षा की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे बालकों को शिक्षित करने लिए अध्यापकों का भी विशेष रूप से प्रशिक्षित रहना अनिवार्य है। प्रतिभाशाली बालक पाठ्यक्रम को समझने में सामान्य बालकों से कम समय लेते हैं। इस बचे हुए समय में उन्हें किसी और सृजनात्मक कार्य में व्यस्त कर देना चाहिए। प्रतिभाशाली बालक की क्या विशेषता होती है? इसे सुनेंरोकेंप्रतिभाशाली बालक (gifted children) बालिकाओं में उच्च बुद्धि लब्धि (high intelligence quotient) वाले बालक होते हैं। प्रतिभाशाली बालक वे होते हैं जो अपनी आयु के बालकों की योग्यता व क्षमताओं से अधिक योग्यता व क्षमता रखते हैं। ऐसे बालकों की बुद्धि लब्धि उच्च होती है। दृष्टि अक्षम बालकों के अंतर्गत कौन से बालक आते हैं?इसे सुनेंरोकेंदृष्टि बाधित बालक वह होते हैं, जो कि अपनी आंखों से ठीक प्रकार से नहीं देख पाते हैं। यह बाधित बालक मानसिक योग्यता की दृष्टि से सामान्य बालकों से कम नहीं होते हैं। शोध तथा अनुसंधान कायोर्ं से यह पता चला है कि यदि इन्हें समुचित शिक्षा दी जाये या शिक्षा का अवसर मिल सके, तब इनकी बुद्धि-लब्धि अचानक बढ़ जाती है। प्रतिभाशाली बालकों में कौन सा चिंतन होता है?इसे सुनेंरोकें1 प्रतिभाशाली बालक ऐसे बालक, जो अपनी श्रेष्ठ क्षमता एवं क्रियात्मक योग्यता के बल पर शैक्षिक उपलब्धियों में विद्यालय स्तर पर उच्च स्थान प्राप्त करते हैं या किसी विशेष क्षेत्र- जैसे – गणित, कला, विज्ञान, सृजनात्मक लेखन इत्यादि में उच्च स्तरीय प्रतिभा रखते हैं, प्रतिभाशाली बालकों की श्रेणी में आते हैं, प्रतिभाशाली छात्र … शैक्षिक रूप से पिछड़े बालकों से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंपिछड़े बालक का अर्थ: पिछड़े बालकों से तात्पर्य ऐसे बालकों से है जो शिक्षा प्राप्त करने में सामान्य बालकों से पिछड़ जाते हैं अतः जो बालक अपनी कक्षा में अन्य बालकों से शिक्षा की दृष्टि से पिछड़ जाते हैं उन्हें पिछड़े बालक कहा जाता है। पिछड़े बालक के लिए मन बुद्धि होना आवश्यक नहीं है। प्रतिभाशाली बालक से क्या आशय है?इसे सुनेंरोकेंप्रतिभाशाली बालकों का अर्थ– वह बालक जिसकी मानसिक आयु अपनी आयु वर्ग के अनुपात में औसत से बहुत अधिक हो, उसे प्रतिभावान या प्रतिभाशाली बालक कहा जाता है। संगीत, कला या किसी अन्य क्षेत्र में अत्यधिक योग्यता रखने वाला बालक भी प्रतिभाशाली बालकों की श्रेणी में आता है। दृष्टिबाधित आ से आप क्या समझते हैं?इसे सुनेंरोकेंदृष्टिबाधित बालक की परिभाषा आयुर्विज्ञान में दृष्टिहीनता का तात्पर्य नेत्रों से कुछ भी न देखने की स्थिति है। 1. शैक्षिक दृष्टि से -“दृष्टिबाधिता एक ऐसा दृष्टि विकास है, जिसके परिणामस्वरूप दृश्य – सामगी के प्रयोग से शिक्षण आशिंक रूप से भी संभव न हो सके।” इसे सुनेंरोकेंविशिष्ट आवश्यकता वाले बालक वह बालक जो के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, शैक्षणिक और व्यवहारिक व्यवस्थाओं के अनुसार सामान्य बच्चों से अलग होते हैं, उन्हें विशिष्ट बालक कहा जाता है। विशिष्ट आवश्यकता वाले बालक कई प्रकार के हो सकते हैं,जैसे कि पिछड़े बालक, समस्यात्मक बालक, मंदबुद्धि बालक और प्रतिभाशाली बालक हो सकते है। विशिष्ट बालकों के कितने प्रकार होते हैं? विशिष्ट बालक के प्रकार (kinds of exceptional children)
विशिष्ट बालकों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है?इसे सुनेंरोकेंविशिष्ट बालक की बुद्धि लब्धि पढ़ाया 90 से कम या 110 से ऊपर होती हैं। विशिष्ट बालक उन बालको कहा जाता है जो विभिन्न तरह से सामान्य बच्चों से भिन्न होते है, जैसेः उनमे शारीरिक,मानसिक, सामाजिक तथा व्यक्तिगत समस्याएँ विशिष्ट प्रकार की होती है- सामान्यत: ऐसे बालक जो आपनी योग्यताओं, क्षमताओं, व्यक्तित्व एवं व्यवहार के द्वारा अपनी उम्र के अन्य बच्चों से भिन्न होते हैं, ऐसे बालकों को विविध या विशिष्ट आवश्यकता वाले बालक कहते है। इन बालकों का मानसिक विकास या तो इतना अधिक होता है कि वो अगे निकल जाते हैं या फिर इतना कम होता है कि वे अन्य बालकों से पीछे रह जाते हैं। इन दोनों ही स्थितियों में इस प्रकार के बच्चों को अलग प्रकार की शिक्षा एवं अन्य सुविधाओं की आवश्यकता होती हैै। और यह विशिष्टता इस स्तर की होती है कि उसे आपने विकास के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता पड़ती हो, ऐसे बालक को विशिष्ट बालक कहा जाता है। प्रतिभाशाली, सृजनात्मक तथा विशिष्ट बालकों की पहचान Identifying the Talented, Creative and Especially-able Children प्रत्येक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत से सामान्य बालक आते हैं। इसके अलावा, कुध ऐसे बालक भी आते है, जिनको अपनी कुछ शारीरिक और मानसिक विशेषताएँ होती है। ऐसे बालको को विशिष्ट अथवा आवादी बालक भी कहा जाता है। विशिष्ट बालको में सामान्य बालको की अपेक्षा कुध असामान्यताएं तथा विशेषतायें पाई जाती है। क्रो एव क्रो के के अनुसार :वह बालक जो मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और संवेगात्मक आदि विशेषताओं में औसत से विशिष्ट हो और यह विशिष्टता इस स्तर की हो कि उसे अपनी विकास क्षमता की उच्चतम सीमा तक पहुंचने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता हो, ऐसे बालक असाधारण या विशिष्ट बालक कहलाते है। हेक के अनुसार:विशिष्ट बालक वह बालक हैै जो एक अथवा कई गुणों की दृष्टि से सामान्य बालक से पर्याप्त मात्रा में भिन्न होते हैं। हेवेट तथा फोरनेस के अनुसारःविशिष्ट ऐसा व्यक्ति है जिसकी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक इंद्रिया मांसपेशियों की क्षमता अनोखी हो अर्थात सामान्यत: ऐसी दुर्लभ गुण हों, ऐसी दुर्लभ क्षमताएँ उसकी प्रकृति तथा कार्यो के स्तर में भी हो सकती है। विशिष्ट बालको को निम्नलिखित वर्गो में विभाजित किया जा सकता हैः
प्रतिभाशाली बालक: ( Gifted / Talented Child)
विशिष्ट बालक की प्रकृति एवं विशेषता:
विशिष्ट बालक और सामान्य बालक में अंतरविशिष्ट बालक (Exceptional Child)
सामान्य बालक ( Normal Child )
विशिष्ट बालकों की पहचान:विशिष्ट बालक सामान्य बालक से किस प्रकार भिन्न होते हैं इनकी पहचान करने का तरीका निम्नलिखित है-
इस प्रकार उपर्युक्त सभी विधियों के प्रयोग से विशिष्ट बालक की विशेषताओं की पहचान की जा सकती है। उत्तम सहायक किताब खरीदेयह भी पढ़ें
विशिष्ट बालक से आप क्या समझते हैं?विशिष्ट बालक की परिभाषा
क्रूशैंकं के अनुसार-”एक विशिष्ट बालक वह है जाे शारीरिक, बौद्धिक, संवेगात्मक एवं सामाजिक रूप, सामान्य बुद्धि एवं विकास की दृष्टि से इतने अष्टिाक विचलित होते है कि नियमित कक्षा- कार्यक्रमो से लाभान्वित नही हो सकते है तथा जिसे विद्यालय में विशेष देखरेख की आवश्यकता होती है।”
विशिष्ट बालकों की विशेषताएं क्या है?(1) शारीरिक दृष्टि से इनकी ज्ञानेन्द्रियाँ तीव्र होती है। ये सामान्य बालकों की अपेक्षा अधिक स्वस्थ होते हैं । (2) मानसिक दृष्टि से इनकी बुद्धि लब्धि 120 से अधिक होती है। (3) रुचियों की दृष्टि से इन बालकों की विशेषताओं में मुख्यतः तुलनात्मक, कल्पना प्राप्ति, धैर्य, तर्क व खोजबीन की प्रवृत्ति पायी जाती है ।
विशिष्ट बालकों से आपका क्या अभिप्राय है यह कितने प्रकार के होते हैं?विशिष्ट बालक का अर्थ (Meaning of exceptional children)
जिनमें विशेष प्रकार की शारीरिक और मानसिक विशेषताएं पाई जाती हैं। इनमें से कुछ बालक प्रतिभाशाली तो कुछ मंदबुद्धि और कुछ पिछड़े होते है। और कुछ शारीरिक दोष वाले होते हैं। इनको हम विशिष्ट बालक की संज्ञा देते हैं।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों से आप क्या समझते हैं?इनमें से किसी एक क्षेत्र में भी कठिनाई व्यक्ति के लिए बाधा उत्पन्न कर सकती है और व्यक्ति को इस असमर्थता से निपटने के लिए अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता होती है। कोई बच्चा अथवा व्यक्ति जो इन क्षेत्रों में से एक या उससे अधिक क्षेत्रों में कोई कठिनाई महसूस करता है, वह विशिष्ट बच्चा / व्यक्ति कहलाता है ।
|