उपयोगिता के प्रकार | जहां सीमांत उपयोगिता शून्य होती है, वहां पर कुल उपयोगिता अधिकतम होती है उपयोगिता के प्रकार–किसी वस्तु में किसी मानवीय आवश्यकता को संतुष्ट करने की जो शक्ति, गुण अथवा क्षमता होती है उसे आर्थिक भाषा में उपयोगिता कहा जाता है। उपयोगिता दो प्रकार की होती है-
MU n =TU n -TU (n-1) MU n =nवीं इकाई की सीमांत उपयोगिता n TU n =n इकाई से प्राप्त कुल उपयोगिता TU (n-1) = (n-1) इकाइयों से प्राप्त उपयोगिता। किसी वस्तु की सीमांत उपयोगिता ओं को एक सारणी में व्यवस्थित करने के लिए सर्वप्रथम यह में रखने की आवश्यकता है कि वस्तु की सभी इकाइयां समरूप (गुण, आकार में समान)हो तथा उसकी मात्रा संचित हो अर्थात वस्तु की प्रत्येक इकाई में मनुष्य की आवश्यकता को एक महत्वपूर्ण अंश तक संतुष्ट करने की क्षमता होनी चाहिए। वस्तु की इकाइयां निश्चित करके जब हम गणनावाचक विधि द्वारा उनकी उपयोगिता ओं को संख्यात्मक इकाइयों में एक सारणी के अंतर्गत व्यक्त करते हैं तो संपूर्ण सारणी की सीमांत उपयोगिता सारणी कहलाती है। तालिका 1
सीमांत उपयोगिता की सारणी अवलोकन से यह विशेष तथ्य प्रकट होता है कि जैसे-जैसे उपभोक्ता नाम की अतिरिक्त इकाइयां उपभोग करता जाता है वैसे वैसे आम का हर अगली इकाई पहली इकाई की तुलना में कम उपयोगिता प्रदान करती है अर्थात सीमांत उपयोगिता निरंतर घटती जाती है। जब कुछ इकाइयों से उपभोग के बाद हमारी आवश्यकता संतुष्ट हो जाती है (सारणी में 6वीं इकाई) तो उस वस्तु की सीमांत उपयोगिता शुन्य हो जाती है। इसके बाद भी यदि उपभोग जारी रखा जाता है तो उपयोगिता ऋणात्मक हो जाती है। अतः पूर्ण संतुष्टि के बिंदु के पहले तक सीमांत उपयोगिता धनात्मक तथा पूर्ण संतुष्टि बिंदु के पास सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक हो जाती है। सीमांत उपयोगिता तालिका के आधार पर सीमांत उपयोगिता को रेखाचित्र-1 की सहायता से भी दिखाया जा सकता है।AB रेखा सीमांत उपयोगिता की देखा है। 6वीं इकाई की सीमांत उपयोगिता शून्य है और यदि सातवीं इकाई का उपभोग किया जाता है तो ऋणात्मक उपयोगिता मिलती है। (ब) कुल उपयोगिता– किसी वस्तु के उपभोग की जाने वाली समस्त इकाइयों में प्राप्त सीमांत के योग को कुल उपयोगिता कहते हैं। तालिका 2
प्रोफ़ेसर मेयर्स के अनुसार, “किसी वस्तु की उत्तरोत्तर इकाइयों के उपभोग के परिणाम स्वरूप प्राप्त सीमांत उपयोगिता ओं का योग कुल उपयोगिता है।”इससे स्पष्ट है कि किसी वस्तु की जितनी इकाइयों का हम एक निर्धारित समय में उपभोग करते हैं, यदि उन सबको प्राप्त होने वाले उपयोगिता को जोड़ दिया जाए तो हमें कुल उपयोगिता प्राप्त हो जाएगी। तालिका-2मैं सीमांत उपयोगिता की सहायता से कुल उपयोगिता की गणना दिखाई गई है। इस तालिका से स्पष्ट है कि उपभोक्ता कुल 7 इकाइयों का उपभोग करता है और यदि उसे जोड़ते हैं तो कुल उपयोगिता प्राप्त हो जाती है। चित्र में कुल उपयोगिता को रेखाचित्र की सहायता से दिखाया गया है। तालिका-2 मैं दी गई कुल उपयोगिता के आधार पर AB कुल उपयोगिता वक्र की रचना की गई है। सीमांत उपयोगिता तथा कुल उपयोगिता का संबंध– तालिका-2मैं सीमांत उपयोगिता तथा कुल उपयोगिता का संबंध स्पष्ट हो जाता है। तालिका से स्पष्ट है कि प्रथम 5 इकाइयां धनात्मक उपयोगिता प्रदान करती है तथा कुल उपयोगिता घटते दर पर बढ़ती है। वस्तु की 6वीं इकाई उपयोगिता प्रदान करती है। अतः कुल उपयोगिता में कोई बढ़ोतरी नहीं होती है अर्थात 5 इकाइयों की जितनी कुल उपयोगिता है उतनी ही कुल उपयोगिता 6 इकाइयों की भी होती है। इसके बाद जब उपभोक्ता सातवीं इकाई का उपयोग करता है तो उसे ऋणात्मक उपयोगिता मिलती है। इसका परिणाम यह होता है कि कुल उपयोगिता भी घटना प्रारंभ हो जाती है। सीमांत और कुल उपयोगिता के संबंध को स्पष्ट करने में उपरोक्त प्रवृत्तियों को निष्कर्ष रूप मैं इस प्रकार रखा जा सकता है।
AF = धनात्मक सीमांत उपयोगिता F = शून्य सीमांत उपयोगिता FC = ऋणात्मक उपयोगिता AD = घटते दर पर बढ़ती हुई कुल उपयोगिता FB = घटती हुई कुल उपयोगिता ED = सामान कुल उपयोगिता चित्र में F बिंदु पर शून्य सीमांत उपयोगिता है जबकि इस स्थिति में B बिंदु पर कुल रेखाचित्र अधिकतम है क्योंकि इस बिंदु के बाद कुल उपयोगिता घटने लगती है। अर्थशास्त्र – महत्वपूर्ण लिंक
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उपयोगिता के कितने भाग हैं?सीमांत से आशय किसी वस्तु की अंतिम इकाई सीमांत इकाई और उससे मिलने वाली उपयोगिता को सीमांत उपयोगिता कहते हैं दूसरे रूप में किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई में वृद्धि या कमी से कुल उपयोगिता में जो वृद्धि या कमी होती है उसे हम सीमांत उपयोगिता कहते हैं सीमांत उपयोगिता धनात्मक ऋण आत्मक एवं शुन्य भी हो सकती है।
उपयोगिता क्या हैं विस्तार से बताइये?किसी वस्तु या सेवा का उपभोग करने से हमें जो संतुष्टि प्राप्त होती हैं, उसे ही उपयोगिता कहते हैं।
उपयोगिता का नाम क्या होता है?Upyogita Meaning in Hindi - उपयोगिता का मतलब हिंदी में
उपयोगिता संस्कृत [संज्ञा स्त्रीलिंग] उपयोगी होने की दशा या अवस्था ; उपयोग में आने की योग्यता ; किसी आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता। उपयोगिता- संज्ञा स्त्रीलिंग [संस्कृत] काम में आने की योग्यता लाभका- रिता ।
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