धातु और अधातु क्या है उदाहरण सहित? - dhaatu aur adhaatu kya hai udaaharan sahit?

अधातु (non-metals) रासायनिक वर्गीकरण में प्रयुक्त होने वाला एक शब्द है। आवर्त सारणी का प्रत्येक तत्व अपने रासायनिक और भौतिक गुणों के आधार पर धातु अथवा अधातु श्रेणी में वर्गीकृत किया जा सकता है। (कुछ तत्व जिनमें दोनों के गुण पाये जाते हैं उन्हें उपधातु (metaloid) की श्रेणी में रखा जाता है।) आवर्त सारणी में ये 14वें (XIV) से लेकर १८वें (XVIII) समूह में दाहिने-ऊपरी कोने में स्थित हैं। इसके अलावा प्रथम समूह में सबसे उपर स्थित उदजन भी अधातु है। हाइड्रोजन के अलावा जारक, प्रांगार, भूयाति, गंधक, भास्वर, हैलोजन, तथा अक्रिय गैसें अधातु मानी जाती हैं।

प्रायः आवर्त सारणी के केवल 18 तत्व अधातु की श्रेणी में गिने जाते हैं जबकि धातु की श्रेणी में 80 से भी अधिक तत्व आते हैं। फिर भी पृथ्वी के गर्भ का, वायुमण्डल और जलमण्डल का अधिकांश भाग अधातुएँ ही हैं। जीवों की संरचना में भी अधातुओं का ही अधिकांशता है।

गुण[संपादित करें]

वैसे 'अधातु' की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है। फिर भी मोटे तौर पर अधातुओं के निम्नलिखित गुण हैं-

  • धातुओं की तुलना में कम विद्युत चालकता
  • धातुओं की तुलना में कम ऊष्मा चालकता
  • अधातुएँ अम्लीय आक्साइड बनाती हैं। (जबकि धातुएँ क्षारीय आक्साइड बनाती हैं।)
  • जो अधातुएँ ठोस हैं, वे भी भंगुर (ब्रिटल) और चमकहीन होती हैं।
  • अधातुओं का घनत्व कम होता है।
  • अधातुओं का क्वथनांक और गलनांक धातुओं से काफी कम होता है।
  • अधातुओं की एलेक्ट्रान बंधुता सर्वाधिक होती है (अक्रिय गैसें अपवाद हैं।)।

धातु और अधातु के रासायनिक गुण –

धातु और अधातु के रासायनिक गुण – धरती पर उपस्थित सभी तत्वो को इनके गुणधर्मो के आधार पर मुख्य रूप से दो भागो मे विभक्त किया गया है।

1. धातु (Metal)

2. अधातु (Non-metal)

3.उपधातु (Metalloids)

धातु की परिभाषा –

ऐसे तत्व धातु कहलाते है जो –

1. धातुऐ विद्युत और उष्मा की सुचालक होते हैं।

2. धातुओं को तार के रूप में खींचा जा सकता है, इस गुण को धातु तन्यता कहते हैं।

3. इनको हथौड़े से पीटने पर यह टूटते नहीं हैं, बल्कि इनके पृष्ठ के क्षेत्रफल में वृद्धि होती है। इस गुण को आघातवर्धनीयता कहते हैं।

4. धातुओं में विशेष प्रकार के चमक होती है जिसे धात्विक चमक कहा जाता है।

5. धातुओं में धनायन बनाने की प्रवृत्ति होती है।

Na ——> Na+ + e-

धातुओ के उदाहरण – कॉपर, आयरन, मरकरी, सोना, चांदी, सोडियम आदि।

हाइड्रोजन ऐसा तत्व है, जिसमे धनायन और ऋणायन दोनो बनाने की प्रवृत्ति होती है। इसमें धातुओं के अन्य गुण भी नहीं होते है। अतः हाइड्रोजन धातु नहीं होता है

अधातु की परिभाषा –

ऐसे तत्व कहलाते हैं जो –

1. जो सामान्य रूप से विद्युत और उष्मा के कुचालक होते हैं।

2. यह तन्य नहीं होते हैं।

3. ये अघातवर्धनी नहीं होते, बल्कि यह भंगुर होते हैं। इसका मतलब यह हथोड़े से कितनी बार छोटे-छोटे भागों में टूट जाते हैं।

4. अधातु में कोई विशेष चमक नहीं होती है।

5. अधातु सामान्य रूप से ऋण आयन बनाने की प्रवृति रहते हैं।

अधातु के उदाहरण – सल्फर, ब्रोमीन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, कार्बन, क्लोरीन आदि।



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उप-धातु की परिभाषा –

कुछ ऐसे तत्व जिनमे धातु और अधातु दोनों के गुण उपस्थित होते हैं, उपधातु कहलाते हैं।

उपधातु के उदाहरण- आर्सेनिक और एंटीमनी उपधातु है। इनके आक्साइड उभयधर्मी होते हैं।

धातु और अधातु के रासायनिक गुण में अंतर –

धातुओ और अधातुओ के भौतिक और रासायनिक गुणो मे अनेक प्रकार के अन्तर पाये जाते है। जिन्हे नीचे दिया गया है।
1. भौतिक अवस्था –

अधिकांश ठोस अवस्था में पाए जाते हैं, जबकि अधातु तीनों अवस्था में मिलते हैं।

2. पारदर्शिता – धातु अपारदर्शी होते हैं, जबकि पारदर्शी अपारदर्शी और पारभाषक हो सकता है।

3. तन्यता – धातु तन्य होते हैं जबकि अधातु में तन्यता का गुण नहीं पाया जाता है।

4. आघातवर्धनीयता – धातुओं को हथौड़े से पीटने पर उनके पृष्ठ के क्षेत्रफल में वृद्धि होती है। जबकि अधातु आघातवर्धनीय नहीं होते हैं।

5. भंगुरता – धातुएं भंगुर नहीं होती है, जबकि अधातु को पीटने से छोटे – छोटे टुकड़ो में टूट जाते हैं।

6. वैद्युत अपघटन विद्युत- अपघटन के उपरांत धातु कैथोड पर एकत्रित होते हैं, जबकि अधातुए एनोड पर एकत्र होते हैं।

7. ऑक्साइडो की प्रकृति – धातुओं के ऑक्साइड छारीय होते हैं, जबकि अधातु के आक्साइड अम्लीय होते हैं।

8. धातुओं में धनायन बनाने की प्रवृत्ति होती है अतः यह धन विद्युतीय तत्व कहलाती है। अधातुओं में ऋणायन बनाने का गुण होता है इसलिए यह ऋण विद्युतीय तत्व कहलाते हैं।

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धातु और अधातु क्या है उदाहरण?

धातु के उदाहरण: तांबा, एल्यूमीनियम, लोहा, सोना, चांदी, टाइटेनियम, यूरेनियम आदि। अधातु के उदाहरण: हाइड्रोजन, कार्बन, नाइट्रोजन, आयोडीन, सल्फर आदि।

धातु क्या है उदाहरण सहित?

Solution : धातु-वे पदार्थ जो कठोर, चमकीले, आघातवर्ध्य, तन्य, ध्वानिक और ऊष्मा तथा विद्युत के सुचालक होते हैं, धातु कहलाते हैं। जैसे-आयरन, कॉपर, एलमिनियम आदि में उपरोक्त सभी गुण पाये जाते हैं अतः उन्हें धातु कहते हैं।

धातु और अधातु कितने हैं?

प्रायः आवर्त सारणी के केवल 18 तत्व अधातु की श्रेणी में गिने जाते हैं जबकि धातु की श्रेणी में 80 से भी अधिक तत्व आते हैं

धातु अधातु को कैसे पहचाने?

सभी धातुएं ऊष्मा और विद्युत के सुचालक होती है। अधातु ऊष्मा एवं ऊष्मा और विद्युत के कुचालक होते हैं। धातु कठोर होती है। अधातु अक्सर भंगुर होते हैं।