ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्या है इसके स्रोतों की व्याख्या करें? - thos apashisht prabandhan kya hai isake sroton kee vyaakhya karen?

विषयसूची

  • 1 ठोस अपशिष्ट के विभिन्न स्रोत क्या है?
  • 2 ठोस अपशिष्ट से आप क्या समझते हैं?
  • 3 ठोस अपशिष्ट की परिभाषा क्या है?
  • 4 ठोस कचरा कितने प्रकार का होता है?
  • 5 ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन क्या है?
  • 6 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से आप क्या समझते हैं?

ठोस अपशिष्ट के विभिन्न स्रोत क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमानव द्वारा उपयोग के बाद त्याग दिये जाने वाले ठोस तत्वों अथवा पदार्थों को ठोस अपशिष्ट कहते है। इसमे विविध प्रकार के डिब्बे, बोतल, काँच, पाॅलिथिन बैग, प्लास्टिक समान, राख, घरेलू कचरा, लौहा-लक्कड़ इत्यादि शामिल होते है।

ठोस अपशिष्ट से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंनगरपालिका ठोस अपशिष्ट (MSW), जिसे शहरी ठोस अपशिष्ट भी कहा जाता है, एक अपशिष्ट प्रकार है जिसमें मुख्य रूप से घर का कचरा (घरेलू अपशिष्ट) और कभी-कभी वाणिज्यिक अपशिष्ट भी शामिल होता है जिसे एक दिए गए क्षेत्र से नगरपालिका एकत्रित करती है। मिश्रित अपशिष्ट: बेकार कपड़े, टेट्रा पैक, बेकार प्लास्टिक जैसे खिलौने.

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्या है इसके स्रोतों की व्याख्या करें?

इसे सुनेंरोकेंकुशल ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली का मुख्य उद्देश्य कूड़े-करकट से अधिकतम मात्रा में उपयोगी संसाधन प्राप्त करना और ऊर्जा का उत्पादन करना है ताकि कम-से-कम मात्रा में अपशिष्ट पदार्थों को लैंडफिल क्षेत्र में फेंकना पड़े।

ठोस अपशिष्ट के कारण अथवा स्त्रोत

  • औद्योगिक अपशिष्ट
  • घरेलू व नगरपालिका अपशिष्ट
  • कृषिजनित अपशिष्ट
  • खनन अपशिष्ट

ठोस कचरे के प्रबंधन के विभिन्न तरीके क्या हैं?

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तरीके:

  • सैनिटरी लैंडफिल: यह आज प्रयोग की जाने वाली सबसे लोकप्रिय ठोस अपशिष्ट निपटान विधि है।
  • भस्मीकरण: इस विधि में उच्च तापमान पर ठोस कचरे को जलाया जाता है जब तक कि कचरा राख में बदल नहीं जाता।

ठोस अपशिष्ट की परिभाषा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंघरेलू, व्यवसायिक, शैक्षणिक, संस्थानिक व औद्योगिक गतिविधियों द्वारा उत्पन्न कार्बनिक एवं अकार्बनिक पदार्थ ठोस अपशिष्ट कहलाते हैं। ठोस अपशिष्टों की मात्रा में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण शहरों व गांव में भी पर्यावरण क्षरण एवं जन स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। ठोस अपशिष्ट भी प्रदूषण के प्रमुख कारक हैं।

ठोस कचरा कितने प्रकार का होता है?

इसे सुनेंरोकेंयंत्रीकृत पृथक्करण प्रणाली ठोस कचरे को धात्विक कचरे (मेटल बॉडी, मेटल कंटेनर आदि), जैव-अपघटनीय या बायोडिग्रेडेबल कचरे (खाद्य पदार्थ, सब्जियां, फल, घास आदि), गैर –जैव अपघटनीय या नॉन-बायोडिग्रेडेबल (प्लास्टिक, पैकेजिंग मटीरियल, पाउच, बोतलें आदि) तथा अक्रिय (कांच, पत्थर आदि) कचरे से अलग करती है।

ठोस अपशिष्ट पदार्थों का प्रबंधन कैसे किया जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंप्रथम चरण – अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न करने वालों द्वारा कचरे को सूखे और गीले कचरे के रूप में छांट कर अलग करना। द्वितीय चरण – घर घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करना और छंटाई के बाद इसे प्रसंस्करण के लिए भेजना। तृतीय चरण – सूखे कूड़े में से प्लास्टिक, कागज, धातु, कांच जैसी पुनर्चक्रित हो सकने वाली उपयोगी सामग्री छांटकर अलग करना।

अपशिष्ट प्रबंधन से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंअपशिष्ट प्रबंधन से तात्पर्य उस संपूर्ण श्रृंखला से है जिसके अंतर्गत अपशिष्ट के निर्माण से लेकर उसके संग्रहण (Collection) व परिवहन (Transport) के साथ प्रसंस्करण (Processing) एवं निस्तारण (Disposal) तक की संपूर्ण प्रक्रिया को शामिल किया जाता है।

ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउदाहरण किसी समुदाय में ठोस और तरल अपशिष्टों का उचित के लिए चावल का उपयोग खाना बनाने, चावल के भूसे प्रबंधन स्वच्छता की उन्नत व्यवस्था का द्योतक होता है। का ईंधन हेतु, चावल की पुआल को पशु के चारे के स्वच्छता का लक्ष्य तब बुरी तरह विफल हो जाता है, लिए, पशु गोबर का ईंधन और कंपोस्ट एवं राख का जब समुदाय के स्वास्थ्य और रहन- …

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से आप क्या समझते हैं?

अपशिष्ट पदार्थों का प्रबंधन कैसे किया जाता है?

अपशिष्ट प्रबंधन निम्नलिखित गतिविधियों का समूह है :

  1. कचरे का संग्रह, ढुलाई,प्रशोधन व निपटान
  2. उत्पादन का नियंत्रण, देखरेख व व्यवस्थापन, अपशिष्ट पदार्थों का संग्रह, ढुलाई, प्रशोधन व निपटान ; और
  3. प्रक्रिया में संशोधन, पुनः उपयोग व पुनर्चक्रण द्वारा अपशिष्ट पदार्थ की रोकथाम

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का संबंध अपशिष्ट पदार्थों के निकास से लेकर उसके उत्पादन व पुनःचक्रण द्वारा निपटान करने की देखरेख से है | अतः ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को निम्न रूप में परिभाषित किया जा सकता है : ठोस अपशिष्ट के उत्पादन का व्यवस्थित नियंत्रण, संग्रह, भंडारण, ढुलाई, निकास पृथ्थ्करण, प्रसंस्करण, उपचार, पुनः प्राप्ति और उसका निपटान | नगरपालिका अपशिष्ट पदार्थ (MSW ) शब्द का प्रायः इस्तेमाल शहर, गाँव या कस्बे के कचरे के लिए किया जाता है |

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्या है इसके स्रोतों की व्याख्या करें? - thos apashisht prabandhan kya hai isake sroton kee vyaakhya karen?

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का संबंध अपशिष्ट पदार्थों के निकास से लेकर उसके उत्पादन व पुनः चक्रण द्वारा निपटान करने की देखरेख से है| अतः ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को निम्न रूप में परिभाषित किया जा सकता है: ठोस अपशिष्ट के उत्पादन का व्यवस्थित नियंत्रण, संग्रह, भंडारण, ढुलाई, निकास पृथ्थ्करण, प्रसंस्करण, उपचार, पुनः प्राप्ति और उसका निपटान |

नगरपालिका अपशिष्ट पदार्थ (MSW ) शब्द का प्रायः इस्तेमाल शहर, गाँव या कस्बे के कचरे के लिए किया जाता है जिसमे रोज़ के कचरे को इकठ्ठा कर व उसे ढुलाई के द्वारा निपटान क्षेत्र तक पहुंचाने का काम होता है| नगरपालिका अपशिष्ट पदार्थ (MSW) के स्त्रोतों में निजी घर, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानो और संस्थाओं के साथ साथ औद्योगिक सुविधाएं भी आती हैं | हालांकि, MSW  औद्योगिक प्रक्रियाओं से निकले कचरे, निर्माण और विध्वंस के मलबे, मल के कीचड़, खनन अपशिष्ट पदार्थों या कृषि संबंधी कचरे को अपने में शामिल नहीं करता है |नगरपालिका अपशिष्ट पदार्थों में विविध प्रकार की सामग्री आती है | इसमे खाद्य अपशिष्ट जैसे सब्जियाँ या बचा हुआ मांस, बचा हुआ खाना, अंडे के छिलके आदि ,जिसे गीला कचरा कहा जाता है ,और साथ ही साथ कागज़, प्लास्टिक, टेट्रापेक्स,प्लास्टिक के डिब्बे, अखबार, काँच की बोतलें, गत्ते के डिब्बे, एल्युमिनियम की पत्तियाँ, धातु की चीज़ें, लकड़ी के टुकड़े इत्यादि ,जिसे सूखा कचरा कहा जाता है ,जैसे अपशिष्ट पदार्थ आते हैं |

अपशिष्ट प्रबंधन निम्नलिखित  गतिविधियों का समूह है :

  1. कचरे का संग्रह, ढुलाई,प्रशोधन व निपटान  
  2. उत्पादन का नियंत्रण, देखरेख व व्यवस्थापन, अपशिष्ट पदार्थों का संग्रह, ढुलाई, प्रशोधन व निपटान ; और
  3. प्रक्रिया में संशोधन, पुनः उपयोग व पुनर्चक्रण द्वारा अपशिष्ट पदार्थ की रोकथाम

अपशिष्ट प्रबंधन शब्द सभी प्रकार के कचरे से संबंध रखता है चाहे वह कच्चे माल की निकासी के दौरान उत्पन्न हुआ हो, या फिर कच्चे माल के मध्य और अंतिम उत्पाद के प्रसंस्करण के दौरान निकला हुआ हो या अन्य मानव गतिविधियों जैसे नगरपालिका (आवासीय, संस्थागत व वाणिज्यक), कृषि संबंधी और विशेष (स्वास्थ्य देखभाल, खतरनाक घरेलू अपशिष्ट, माल का कीचड़) से संबंधित हो | अपशिष्ट प्रबंधन का अभिप्राय स्वास्थ्य, पर्यावरण या सौदर्यात्मक पहलुओं पर कचरे के प्रभाव को कम करने का है |

अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित मुद्दे निम्न हैं:

  1. कचरे का उत्पादन
  2. कचरा कम करना
  3. कचरे को हटाना
  4. कचरे की ढुलाई
  5. अपशिष्ट प्रशोधन
  6. पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग
  7. भंडारण, संग्रह, ढुलाई और स्थानातरण
  8. उपचार
  9. भराव क्षेत्र निपटान
  10. पर्यावरण महत्व
  11. वित्तीय और व्यापारिक पहलू
  12. नीति और अधिनियम
  13. शिक्षण और प्रशिक्षण           
  14. योजना और कार्यान्वयन

अपशिष्ट प्रबंधन के साधन विभिन्न देशों (विकसित व विकासशील देश), प्रदेशों (शहरी और ग्रामीण क्षेत्र), व्यावसायिक क्षेत्रों (आवासीय और औद्योगिक) में एकसमान नहीं हैं |

शहरी और औद्योगिक कचरे के नियंत्रण के उपाय :

एक एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन के रणनीति के तीन मुख्य घटक निम्न हैं :

  1. कचरे की निकासी में कमी
  2. पुनर्चक्रण
  3. निपटान

भस्मीकरण ,नगरपालिका ठोस अपशिष्ट पदार्थों के जलाने की प्रक्रिया है जिसमें कचरे को सही प्रकार से बनाई गई भट्ठी में उचित तापमान व संचालन के तहत जलाया जाता है | भस्मीकरण एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें अपशिष्ट पदार्थ के जलने वाले भाग को, कार्बन डाइऑक्साइड और पानी के संयोजन से बनी आक्सीजन को वातवरण  में  छोड़ देते हैं |

सीसा, पारा और आर्सेनिक खतरनाक पदार्थ हैं जो भारी धातुओं के तहत आते हैं | सीसा प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला वज़नी  धातु है और इसे प्राप्त करना अपेक्षाकृत आसान है |इसका उपयोग बैटरी , ईंधन, कीटनाशकों, पैंट, पाइपों और अन्य दूसरे पदार्थों में किया जाता है ,जहां जंग से प्रतिरोध की आवश्यकता हो | ज़्यादातर सीसा लोगों व वन्य जीवों की हड्डियों में पाया जाता है | सीसा लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित कर उसकी आक्सीजन ले जाने के क्षमता को कम कर सकता है तथा लाल रक्त कोशिकाओं के जीवन काल को घटा सकता है | सीसा, तंत्रिका, ऊतकों को नष्ट कर सकता है जिससे कई मस्तिष्क रोग हो सकते  है | पारा कई रूपों में पाया जाता है | पारे का प्रयोग, क्लोरीन के उत्पादन में किया जाता है | इसका प्रयोग प्लास्टिक के उत्पादन के मुख्य स्त्रोत के तौर पर भी किया जाता है | पारे के कारण औद्योगिक प्रक्रियाओं के द्वारा उत्पादित क्लोरीन व प्लास्टिक अधिकांश तौर पर पर्यावरण के नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं | हमारे शरीर में पारे को हटाने की सीमित क्षमता है | भोजन श्रंखला में पारा अधिक संकेंद्रित हो जाता है क्यूंकि यह विभिन्न जीवों(जो कि बाद में मानव द्वारा खाए जाते हैं) ग्रहण किया जाता है | एक जलीय वातावरण में, प्लवक द्वारा पारे को अवशोषित किया जाता है जिसे बाद में मछ्ली द्वारा खाया जाता है | इसके अलावा, मछ्ली गलफड़ों के द्वारा व पारे से संक्रमित अन्य मछलियों को खाकर पारे को अपने अंदर ग्रहण करती है | वाईनिल क्लोराइड एक रसायन है जिसका इस्तेमाल व्यापक रूप से प्लास्टिक के निर्माण में किया जाता है | आमतौर पर लोग वाईनिल क्लोराइड के अत्यधिक ज्वलनशील स्तर को तभी पहचान पाते हैं जब वे इसके साथ या इसके पास काम करते हैं परंतु वाईनिल क्लोराइड गैस के लीक होने से भी जान को जोखिम हो सकता हैं | वाईनिल क्लोराइड जैसे  रसायन के साथ लंबे समय(1-3 वर्ष ) तक रहने से मानव में बहरापन, दृष्टि समस्या, परिसंचरण विकार व हड्डियों में विकार जैसे रोग उत्पन्न हो सकते  हैं |

ठोस अपशिष्ट के विभिन्न स्रोत क्या है?

ठोस अपशिष्ट के कारण अथवा स्त्रोत.
औद्योगिक अपशिष्ट औद्योगिक इकाइयों द्वारा अनेक प्रकार के अपशिष्ट त्यागे जाते है, जो भूमि या मृदा प्रदूषण के मुख्य कारक है। ... .
घरेलू व नगरपालिका अपशिष्ट घरो से निकलने वाला कूड़ा-करकट तथा सार्वजनिक स्थलों पर एकत्रित कचरा नगर निकायों के लिए भारी समस्या है। ... .
कृषिजनित अपशिष्ट ... .
खनन अपशिष्ट.

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्या है?

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्या है what is solid waste management उसको उपचारित (Treated) करके फिरसे उपयोग करने योग्य, तथा उन्हें उस स्थिति में परिवर्तित कर देते है जिनसे पर्यावरण तथा पर्यावरण के जीवों कों किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती है। और नियमन भी सम्मिलित किया जाता है।

ठोस अपशिष्ट से आप क्या समझते हैं?

ठोस अपशिष्ट वे पदार्थ होते हैं जो उपयोग के बाद निरर्थक एवं बेकार हो जाते हैं तथा जिनका कोई आर्थिक उपयोग नहीं होता है। जैसे-डिब्बे, काँच के सामान, प्लास्टिक, अखबार, आवासीय कचरा आदि। ठोस अपशिष्ट पूरे विश्व में एक समस्या बनकर उभरा है।

अपशिष्ट पदार्थ के स्रोत क्या है?

यातायात के साधन, अंगीठी, सिगरेट, बीड़ी, लकड़ी, कोयला, मरे हुए जीव जंतु आदि गैसीय अपशिष्ट पदार्थ के स्रोत है।