Show अंतर-ऊष्ण कटिबंध को लाल पट्टी से दर्शाते हुए विश्व मानचित्र । विश्व के ऊष्णकटिबन्धीय जलवायु वाले क्षेत्र (हरे रंग में) ऊष्ण कटिबंध (Tropics) यह विषुवत रेखा से 23 1/2%° उत्तर और 23 1/2%° दक्षिण के बीच का वह भाग हैं । जो उत्तर में कर्क रेखा और दक्षिण में मकर रेखा के बीच भूमध्य रेखा के आसपास स्थित है। यह अक्षांश पृथ्वी के अक्षीय झुकाव (Axial tilt) से संबन्धित है। कर्क और मकर रेखाओं में एक सौर्य वर्ष में एक बार और इनके बीच के पूरे क्षेत्र में एक सौर्य वर्ष में दो बार सूरज ठीक सिर के ऊपर होता है। विश्व की जनसंख्या का एक बड़ा भाग (लगभग ४०%) इस क्षेत्र में रहता है और ऐसा अनुमानित है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण यह जनसंख्या और बढ़ती ही जायेगी।[1] यह पृथ्वी का सबसे गर्म क्षेत्र है क्योंकि पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण सूर्य की अधिकतम ऊष्मा भूमध्य रेखा और उसके आस-पास के इलाके पर केन्द्रित होती है। यहाँ औसत तापमान 18°c रहता है। ऋतुएँ और जलवायु[संपादित करें]ऊष्णकटिबंध में औसतन मासिक वर्षा दर्शाता हुआ ग्राफ़ हालांकि आम जनमत यह है कि ऊष्णकटिबंध एक गर्म इलाका जहाँ हमेशा वर्षा होती रहती है और हरियाली रहती है परन्तु वास्तविकता ऐसी नहीं है। यहाँ ऐसे कई क्षेत्र हैं जहाँ पर ख़ुश्क और नम मौसम पाए जाते हैं। नम मौसम तब होता है जब उस इलाके में वर्ष के औसत की अधिकतम वर्षा होती है।[2] इसको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हरित् ऋतु का नाम भी दिया जाता है।[3] नम इलाके पूरे ऊष्ण और उप-ऊष्ण कटिबंध में फैले हुए हैं।[4] नम महीना वह होता है जिसमें ६० मि.मी. या अधिक वर्षा हो।[5] ऊष्णकटिबंधीय वनों में ख़ुश्क और नम मौसम नहीं पाया जाता है क्योंकि यहाँ पूरे साल भर समान रूप से वर्षा होती है।[6] आमतौर पर वर्षा ऋतु ख़ुश्क गर्म मौसम के अन्त में शुरू होती है। कुछ इलाकों में तो इतनी बारिश हो जाती है कि बाढ़ आ जाती है जिससे मिट्टी का कटाव होता है और मिट्टी की उर्वरता भी घटती है। इस क्षेत्र के अधिकांश जानवरों के लिए यह बहुतायत का मौसम होता है और उनका प्रजनन काल इसी से सम्बद्ध रहता है। बीमारियाँ[संपादित करें]विश्व की सबसे घातक बीमारियाँ भी इस क्षेत्र में भरपूर होती हैं। क्योंकि यहाँ का वातावरण मच्छरों के पनपने के लिए भी अनुकूल होता है इसलिए यहाँ मच्छर-सम्बन्धी बीमारियाँ भी बहुत अधिक होती हैं। कई बीमारियाँ तो और क्षेत्रो में पाई ही नहीं जाती हैं।[7] इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
शीतोष्ण कटिबंध में कौन कौन से देश आते हैं?इस जलवायु वाले क्षेत्रों में उत्तर - पश्चिमी यूरोप , उत्तर-पश्चिमी उत्तरी अमेरिका , दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी दक्षिण अमेरिका , दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया और अधिकांश न्यूजीलैंड शामिल हैं ।
भारत में उष्णकटिबंधीय वन कहाँ पाये जाते हैं?उष्णकटिबंधीय वर्षावन भारी वर्षा वाले क्षेत्रों तक ही सीमित हैं। ऐसे क्षेत्र पश्चिमी घाट, असम के ऊपरी हिस्से, तमिलनाडु तट और लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार के द्वीप समूहों में हैं। जिन क्षेत्रों में 200 सेमी से अधिक वर्षा होती है और कम शुष्क मौसम वाले क्षेत्र उष्णकटिबंधीय वर्षावन के लिए सबसे अच्छे क्षेत्र हैं।
कौन सा देश सबसे उष्णकटिबंधीय है?अमेज़ॅन विश्व का सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय वर्षावन है।. अमेज़ॅन विश्व का सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय वर्षावन है।. ये अमेज़ॅन नदी के जलनिकासी घाटी पर स्थित सबसे बड़े उष्णकटिबंधीय वर्षावन हैं और उत्तरी दक्षिण अमेरिका में इसकी सहायक नदियाँ और 6,000,000 वर्ग किमी क्षेत्र के भू भाग तक फैली हुई है।. भारत कौन सा कटिबंध में आता है?भारत का अधिकांशतः भाग उष्ण कटिबंध के अन्तर्गत आता है क्योकि विषुवत रेखा से 30° अक्षांश के मध्य या कर्क रेखा से मकर रेखा के मध्य उष्ण कटिबंध और 30°-45° अक्षांश के मध्य उपोष्ण कटिबंध पाया जाता है। भारत का अक्षांशीय विस्तार 6°4′ से 37°6′ उत्तरी अक्षांश पर है।
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