दुनिया के बारे में किसानों को बनाना क्यों आसान था? - duniya ke baare mein kisaanon ko banaana kyon aasaan tha?

भारत की चर्चा नेहरू कम और किससे करते थे?


नेहरू जी जब एक जलसे से दूसरे जलसे में जाते थे और इस तरह चक्कर काटते रहते थे तभी वे इन जलसों में श्रोताओं के सामने अपने हिन्दुस्तान या भारत की चर्चा करते थे। वे बताते थे कि ‘भारत’ शब्द संस्कृत का है और इस जाति के परंपरागत संस्थापक के नाम से निकला है। वे किसानों के नजरिए को बदलने और उसे व्यापक बनाने की कोशिश करते थे।

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भारत माता के प्रति नेहरू जी की क्या अवधारणा थी?


भारतमाता के प्रति नेहरूजी की अवधारणा यह थी कि हिन्दुस्तान के नदी और पहाड़, जंगल और खेत तो भारतामाता के अंग हैं ही, इसके साथ-साथ हिन्दुस्तान के लोग, जो सारे देश में फैले हुए हैं, ये ही लोग असल में भारतामाता हैं।
‘भारत माता की जय’ से मतलब इन्हीं लोगों की जय से है।

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किसान सामान्यत: भारतमाता का क्या अर्थ लेते थे?


किसान सामान्यत: भारतामाता का अर्थ धरती से लेते थे। वे धरती को ही भारतमाता समझते थे। वैसे स्पष्ट रूप से वे भारतमाता का अर्थ बता नहीं पाते थे।

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दुनिया के बारे में किसानों को बताना नेहरू बी के लिए क्यों आसान था?


दुनिया के बारे में किसानों को बताना इसलिए आसान था क्योंकि वे पुराने महाकाव्यों और पुराणों की कथा-कहानियों से भली- भाँति परिचित थे। इसी से नेहरू जी ने देश की कल्पना करा दी। कुछ ऐसे लोग भी मिल जाते जिन्होंने बड़े-बड़े तीर्थों की यात्रा कर रखी थी, जो हिन्दुस्तान के चारों कोनों पर हैं। उन्हें कुछ पुराने सिपाही भी मिल जाते थे, जिन्होंने बड़ी जग या धावों में विदेशी नौकरियाँ की थीं। सन् 1930 के बाद जो आर्थिक मंदी पैदा हुई थी, उसकी वजह से दूसरे मुल्कों के बारे में नेहरू जी के हवाले उनकी समझ में आ जाते थे।

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नेहरू जी भारत के सभी किसानों से कौन-सा प्रश्न बार-बार करते थे?


नेहरू जी भारत के सभी किसानों से यह प्रश्न बार-बार करते थे कि वे ‘भारतमाता की जय’ से क्या समझते हैं? यह भारतामा कौन है? जब वे धरती को भारतमाता बताते तो नेहरूजी उनसे प्रश्न करते कि कौन-सी धरती? खास उनके गाँव की धरती या जिले या सूबे की या सारे हिन्दुस्तान की, धरती से उनका मतलब क्या है? वे इसी प्रकार के प्रश्न बार-बार किसानों से करते रहते थे।

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दुनिया के बारे में किसानों को बताना क्यों आसान था?

दुनिया के बारे में किसानों को बताना इसलिए आसान था क्योंकि वे पुराने महाकाव्यों और पुराणों की कथा-कहानियों से भली- भाँति परिचित थे। इसी से नेहरू जी ने देश की कल्पना करा दी। कुछ ऐसे लोग भी मिल जाते जिन्होंने बड़े-बड़े तीर्थों की यात्रा कर रखी थी, जो हिन्दुस्तान के चारों कोनों पर हैं।

भारत के किसानों की समस्याएँ क्या थी?

भारत के किसानों की समस्याएँ क्या थी? पूरे भारत के किसान गरीबी, कर्ज़, निहित स्वार्थ, जमींदार, महाजन, भारी लगान और कर व पुलिस के अत्याचारों व विदेशी हुकूमत की समस्याओं से जूझ रहे थे।

नेहरू जी ने भारत के सभी किसानों से कौन सा प्रश्न बार बार करते थे?

नेहरू जी भारत के सभी किसानों से 'भारतमाता की जय' के विषय में प्रश्न बार-बार किया करते थे। वह उनसे पूछते थे कि किसान जिस भारतमाता की जय करते हैं, वह कौन है? नेहरू जी के इस प्रश्न पर जब लोग जवाब देते की धरती को वे भारतमाता कहते हैं, तो नेहरू जी उनसे फिर प्रश्न करते कि कौन-सी धरती के बारे में बात की जा रही है?

आप की दृष्टि से भारत माता और हिंदुस्तान की क्या संकल्पना है?

भारतमाता के प्रति नेहरूजी की अवधारणा यह थी कि हिन्दुस्तान के नदी और पहाड़, जंगल और खेत तो भारतामाता के अंग हैं ही, इसके साथ-साथ हिन्दुस्तान के लोग, जो सारे देश में फैले हुए हैं, ये ही लोग असल में भारतामाता हैं। 'भारत माता की जय' से मतलब इन्हीं लोगों की जय से है।