टिटहरी पैर ऊपर करके क्यों होती है? - titaharee pair oopar karake kyon hotee hai?

टिटहरी ऊपर पैर रखकर क्यों होती है?...


टिटहरी पैर ऊपर करके क्यों होती है? - titaharee pair oopar karake kyon hotee hai?

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

आपने पूछा है कि टिटहरी ऊपर पैर रखकर क्यों होती है प्रश्न है होना चाहिए इसका जवाब है कि टिटहरी ऊपर पैर करके सोती है क्योंकि या उसकी शारीरिक बनावट या या उसकी जो प्रकृति है ऐसा एक प्रकृति ने ही उसे ऐसा बनाया कि मैं ऊपर करके सोती है किंतु एक किवदंती है ऐसी एक लोक मान्यता ऐसी है क्रिकेटर इस बात को जानती है कि आसमान करेगा तो मैं अपने पैरों से उसे रोक लूंगी

Romanized Version

टिटहरी पैर ऊपर करके क्यों होती है? - titaharee pair oopar karake kyon hotee hai?

1 जवाब

Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!

Skip to content

टिटहरी पैर ऊपर करके क्यों होती है? - titaharee pair oopar karake kyon hotee hai?

मानसिक हलचल

मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में ग्रामीण जीवन जी रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर। वैसे; ट्रेन के सैलून को छोड़ने के बाद गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊


टिटिहरी या कुररी नित्य की मिलने वाली पक्षी है। मुझे मालुम है कि गंगा तट पर वह मेरा आना पसन्द नहीं करती। रेत में अण्डे देती है। जब औरों के बनाये रास्ते से इतर चलने का प्रयास करता हूं – और कोई भी खब्ती मनुष्य करता है – तब टिटिहरी को लगता है कि उसके अण्डे ही चुराने आ रहा हूं।

टिटहरी पैर ऊपर करके क्यों होती है? - titaharee pair oopar karake kyon hotee hai?
जिस तरह से एक ब्लॉगर अपनी पोस्टों के माध्यम से चमत्कारी परिणाम की आशा करता है, उसी तरह टिटिहरी विलक्षण करने की शेखचिल्लियत से परिपूर्ण होती है।
(चित्र हिन्दी विकीपेडिया से)

वह तेज आवाज में बोलते हुये मुझे पथ-भ्रमित करने का प्रयास करती है। फिर उड़ कर कहीं और बैठती है।

बहुत से कथानक हैं टिटिहरी के। एक है कि वह पैर ऊपर कर सोती है। यह सोच कर कि आसमान गिरेगा तो पैरों पर थाम लेगी। समुद्र के किनारे लहरें उसका अण्डा बहा ले गयीं तो टिटिहरा पूरे क्रोध में बोलता था कि वह चोंच में समुद्र का पानी भर कर समुद्र सुखा देगा। जिस तरह से एक ब्लॉगर अपनी पोस्टों के माध्यम से चमत्कारी परिणाम की आशा करता है, उसी तरह टिटिहरी विलक्षण करने की शेखचिल्लियत से परिपूर्ण होती है। टिटिहरी हमारी पर्यावरणीय बन्धु है और आत्मीय भी।

जब भदईं (भाद्रपद मास वाली) गंगाजी  बढ़ी नहीं थीं अपनी जल राशि में, तब टिटिहरी बहुत दिखती थी तट की रेत पर। हम लोग अनुमान लगाते थे कि उसके अंण्डे कहां कहां हो सकते हैं। एक बार तो गोल-गोल कुछ ढूंढे भी रेती पर। लेकिन वे कुकुरमुत्ता जैसे पदार्थ निकले। उसके बाद जब गंगाजी ने अचानक कछार के बड़े भूभाग को जलमग्न कर दिया तब मुझे यही लगा कि बेचारी टिटिहरी के अण्डे जरूर बह गये होंगे। एक रात तो टिटिहरी के अंडों की चिन्ता में नींद भी खुल गई!

अब, जब पानी कुछ उतर गया है, टिटिहरी देवी पुन: दिखती हैं। बेचारी के अण्डे बह गये होंगे। या यह भी हो सकता है कि मैं यूंही परेशान हो रहा होऊं! पर अब वह ज्यादा टुट्ट-टुट्ट करती नहीं लगती। यह रहा टिटिहरी का छोटा सा वीडियो, गंगा तट का। 


मैं श्री जसवन्त सिंह की जिन्ना वाली पुस्तक देख रहा था। पाया कि वे दादाभाई नौरोजी के शिष्य थे। दादाभाई नौरोजी चार सितंबर (आज के दिन) १८२५ को जन्मे। बम्बई में लगी, यह रही उनकी प्रतिमा और यह उसपर लगा इन्स्क्रिप्शन।

मुझसे अभी यह मत पूछियेगा कि जिन्ना प्रकरण में कौन साइड ले रहा हूं। जरा किताब तो देख/पढ़ लूं! 🙂

यह जरूर है कि पुस्तक पर बैन पर सहमत नहीं हूं। अन्यथा किताब लेता क्यूं?  


Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb View more posts

Post navigation

टिटहरी पैर ऊपर करके क्यों सोती है?

बहुत से कथानक हैं टिटिहरी के। एक है कि वह पैर ऊपर कर सोती है। यह सोच कर कि आसमान गिरेगा तो पैरों पर थाम लेगी। समुद्र के किनारे लहरें उसका अण्डा बहा ले गयीं तो टिटिहरा पूरे क्रोध में बोलता था कि वह चोंच में समुद्र का पानी भर कर समुद्र सुखा देगा।

टिटहरी का बोलना क्या संकेत देता है?

कहते हैं कि जब टिटहरी झुंड गोल घेरे में चक्कर लगाते हुए आवाज करता है तब किसी दुखद घटना का संदेश होता है। इस बात का प्रमाण मेने कई बार देखा है। टिटहरी जमीन पर झाड़ियों में अंडे देती है। टिटहरी की आवाज़ काफी तीखी होती है।

टिटिहरी बोलने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंटिटहरी की आवाज तेज और वेधक होती हैं। मातृत्व शक्ति और निडरता से भरी है मनमौजी चिड़िया एक ऐसा अनोखा पक्षी है जो उड़ता कम है और अपना अधिकांश समय जमीन पर बिताता है। भारत के सभी प्रदेशों में टिटहरी पाई जाती है

ऐसा कौन सा पक्षी है जो पैर ऊपर करके सोता है?

टिटहरी ऊपर पैर करके क्यों सोती है PART -1 जाने चमत्कारी दिव्य अद्भुत जादुई रहस्य, पूरा वीडियो देखें - YouTube.