संधारणीय विकास लक्ष्य (अंग्रेज़ी: Sustainable Development Goals, संक्षेपारित रूप में SDG) भविष्य के अंतरराष्ट्रीय विकास संबंधित लक्ष्यों के सेट हैं। संधारणीय विकास के लिए उनको संयुक्त राष्ट्र द्वारा बनाया गया है और वैश्विक लक्ष्यों के समान प्रचारित किया गया है। 2015 के अंत में सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों के निरस्त हो जाने पर ये उनको प्रतिस्थापित कर रहे हैं। यह लक्ष्य 2015 से 2030 तक चलेगा। उन लक्ष्यों के लिए 17 लक्ष्य और 169 विशिष्ट लक्ष्य हैं।[1] Show इतिहास[संपादित करें]२०१८ के अनुसार जो देश लक्ष्य प्राप्त करने के जितने नज़दीक हैं, उन्हें मानचित्र में उतने ही गहरे नीले रंग में वर्णित किया गया है।[2] सहस्राब्दी विकास लक्ष्य ( मिलेनियम डेवलपमेंट गोल/MDG)- सन 2000 में संयुक्त राष्ट्रसंघ के जनरल असेंबली की बैठक हुई। वहां उन्होंने सहस्राब्दी विकास लक्ष्य का प्रस्ताव पारित किया। इन लक्ष्यों को 2015 तक प्राप्त कर लेना था। इसमें 8 लक्ष्य थे तथा 'एसोसिएटेड टारगेट' की संख्या 18 थी। पृथ्वी सम्मेलन - यह सम्मेलन ब्राजील के रियो डी जनेरियो शहर में 1992 में हुआ था। ठीक इसके 20 वर्ष बाद रियो में ही 2012 में RIO+20 के नाम से सम्मेलन हुआ जहां यह तय हुआ कि क्योटो प्रोटोकॉल को 2020 तक ही जारी रखेंगे और 2020 के बाद क्या करना है, यह 2015 के पेरिस सम्मेलन में सभी देशो को तय करके रखना है। इस सम्मेलन में यह भी तय हुआ कि संधारणीय विकास लक्ष्य जैसी कोई चीज लेकर आएंगे। इसके अनुसंधान में सितंबर 2015 को संयुक्त राष्ट्र सस्टेनेबल डेवलपमेंट सम्मेलन में 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को अपनाया गया जिसको शुरू करने की तिथि 1 जनवरी 2016 है तथा गोल को प्राप्त करने की अंतिम तिथि 2030 तक है। धारणीय विकास लक्ष्य में एसोसिएटेड टारगेट की संख्या 169 है। 1987 में पर्यावरण और विकास पर सुझाव देने हेतु गठित आयोग जिसका नाम ब्रन्टलैण्ड आयोग (Brundtland Commission) था, ने सबसे पहले धारणीय विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट ) की परिभाषा दी। इकनोमिक सर्वे के अनुसार SDG में 17 गोल और 169 एसोसिएटेड टारगेट हैं जिन को पूरा करने के लिए काफी सारा पैसा चाहिए होगा। अतः 2030 तक सभी लक्ष्य पूरे हो जाएं ऐसा संभव नहीं है। इसलिए हम प्राथमिकता के आधार पर लक्ष्यों को पूरा करेंगे। 2016 के बजट में धारणीय विकास लक्ष्य को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान नामक योजना लाई गई। जिसके तहत सरकार नेे 655 करोड रुपए दिए। इसके तहत पंचायती राज संस्थाओं के गवर्नेंस संरचना को सुधारा जायेगा। लक्ष्य[संपादित करें]अगस्त 2015 में 193 देश निम्नलिखित 17 लक्ष्यों पर सहमत हुए:[3]
१७ सतत विकास लक्ष्यों को दर्शाता एक डाइयग्रैम। सन्दर्भ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
शहरों के विकास का लक्ष्य क्या है?आपके गाँव या शहर या स्थानीय इलाके के विकास के लक्ष्य क्या होने चाहिए? Solution : शहर के विकास के निम्नलिखित लक्ष्य होने चाहिए <br> (i) सड़कों व परिवहन व्यवस्था का उचित प्रबंध, (ii) जल की उत्तम व्यवस्था, (iii) बिजली की व्यवस्था, (iv) शिक्षा व्यवस्था, (v) सफाई की व्यवस्था ।
विकास का लक्ष्य क्या है?इसलिए लोगों के विकास के लक्ष्य केवल बेहतर आय के ही नहीं होते बल्कि जीवन में अन्य महत्त्वपूर्ण चीज़ों के बारे में भी होते हैं।
गांव के विकास का लक्ष्य क्या होना चाहिए?Model गाँव का लक्ष्य है कि गाँव का समावेशी और सतत विकास हो। यह प्रगति आर्थिक रूप से सशक्त, सामाजिक रूप से न्यायसंगत और पर्यावरण के अनुकूल हो। गाँवों को मॉडल गाँव में परिवर्तित करके, हम भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखने के अपने लंबे समय से प्रतीक्षित सपने को प्राप्त कर सकते हैं।
शहर के विकास क्या है?जरूरी है कि शहर सुनियोजित रूप से विकसित हों, आधुनिक बुनियादी सुविधाओं, यातायात और संचार साधनों से सुसज्जित हों। शहरों में विकास की मूलभूत संरचना, मानव संसाधन के बेहतर उपयोग, जीवन की मूलभूत सुविधाओं तथा सुरक्षा कसौटियों के लिए सुनियोजित प्रयास आवश्यक हैं। हमें नए शहरों की मौजूदा नई जरूरतों के लिए रोडमैप बनाना होगा।
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