शुगर में चिकन खाने से क्या होता है? - shugar mein chikan khaane se kya hota hai?

डायबिटीज एक विकार है, जिसमें रक्त शर्करा का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है, क्योंकि व्यक्ति का शरीर पर्याप्त इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन करने में असमर्थ होता है। मधुमेह विकार वाले लोगों को अपनी दैनिक जीवन शैली में स्वस्थ आहार को शामिल करना बेहद ज़रूरी है, जिसमें कम से कम, कार्बोहाइड्रेट, संतृप्त वसा और प्रोसेसिंग हो।

इसलिए, आज हम आपको बताएंगे कि अगर आपको डायबिटीज है, तो क्या आप मटन या चिकन का सेवन कर सकते हैं? और यह भी बताएंगे कि इनमें से क्या बेहतर है!

पहले जानते हैं रेड मीट के बारे में

रेड मीट में सूअर का मांस, बीफ, मटन, बकरी और भेड़ का मांस होता है। इनमें मटन भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला रेड मीट है। जब हम मटन कहते हैं, तो भारत में इसका मतलब बकरी का मांस होता है, भेड़ का नहीं। रेड मीट लोगों द्वारा पसंद किया जाता है क्योंकि यह पोषक तत्वों का भार प्रदान करता है जैसे:

शुगर में चिकन खाने से क्या होता है? - shugar mein chikan khaane se kya hota hai?

  1. आयरन
  2. जिंक
  3. फ़ॉस्फोरस
  4. राइबोफ्लेविन
  5. थायमिन
  6. विटामिन B12

रेड मीट का सेवन मधुमेह और हृदय रोगों से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का कारण बन सकता है। रेड मीट में सोडियम और नाइट्राइट इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 मधुमेह का कारण बनते हैं। ये इन्फ्लेमेशन का कारण बनता है जो कुछ प्रकार के कैंसर को जन्म दे सकता है। हालांकि, मटन के मामले में ये जोखिम कम हो सकते हैं!

क्या डायबिटीज वाले लोग मटन खा सकते हैं

नए शोध से पता चलता है कि बकरी के मांस में वास्तव में अधिक पोषक तत्व हो सकते हैं और यह पोल्ट्री की तुलना में ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक है। बकरी के मांस को अन्य रेड मीट की तुलना में बेहतर विकल्प माना जाता है।

इसमें सोडियम की तुलना में अधिक पोटेशियम है और इसलिए मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है। परंतु, यदि आपको डायबिटीज है तो मॉडरेशन में खाएं और खाने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।

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अब जानिए कि क्या डायबिटीज के मरीज चिकन खा सकते हैं?

चिकन मधुमेह की बीमारी वाले लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है क्योंकि चिकन प्रोटीन का एक उच्च स्रोत है और इसमें वसा की मात्रा बहुत कम होती है। यदि हम चिकन को हेल्दी तरीके से पकाते हैं, तो चिकन मधुमेह विकार वाले लोगों के लिए एक स्वस्थ विकल्प बन सकता है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स का कम मूल्य होता है। इसलिए हमारे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर कभी नहीं बढ़ेगा। चिकन प्रोटीन से भरपूर और वसा में कम होता है और आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे खनिजों और विटामिन B, A और D जैसे विटामिनों से भरपूर होता है।

डायबिटीज में मटन या चिकन क्या है बेहतर

जैसा की आप समझ ही गये होंगे कि मटन मूल रूप से रेड मीट है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए स्वास्थ्यवर्धक नहीं है। मगर फिर भी आप मॉडरेशन में इसे भी खा सकते हैं। बात रही चिकन की तो इसके साथ ऐसी कोई समस्याएं नहीं हैं। इसका मतलब है कि आप चिकन बेफिक्र होकर खा सकती हैं और मटन को कम ही खाएं!

मगर याद रहे कि दोनों हेल्दी तरह से ही पका कर खाएं!

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एशिया की सबसे बड़ी स्टडी के मुताबिक ज्यादा रेड मीट और चिकन खाने से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।

आजकल लोगों में मधुमेह बहुत आम हो गया है। यह एक विकार है जिसमें रक्त शर्करा का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है क्योंकि एक व्यक्ति का शरीर पर्याप्त हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन करने में असमर्थ होता है। मधुमेह वाले लोगों को अपनी दिनचर्या में स्वस्थ जीवनशैली के साथ-साथ स्वस्थ भोजन की आदतों की भी आवश्यकता होती है।

मधुमेह में कम से कम कार्बोहाइड्रेट और संतृप्त वसा का सेवन करना चाहिए। कई बार डायबिटीज के मरीज इस बात को लेकर असमंजस में पड़ जाते हैं कि डायबिटीज में मटन या चिकन खाना दोनों में ज्यादा हेल्दी क्या है ? आइए जानते हैं इनमें से कौन सा बेहतर है!

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मधुमेह और हृदय रोग के मरीजों को रेड मीट का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है। लाल मांस (Red Meat) में सूअर का मांस, बीफ, मटन, बकरी और भेड़ का बच्चा शामिल है। इनमें मटन भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला रेड मीट है। जब हम मटन कहते हैं, तो भारत में इसका मतलब बकरी का मांस होता है, भेड़ का नहीं। रेड मीट लोगों को बहुत पसंद आता है क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है जैसे: लोहा, जस्ता फास्फोरस, राइबोफ्लेविन, थायमिन, विटामिन बी 12 आदि

रेड मीट में सोडियम और नाइट्राइट इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 मधुमेह का कारण बनते हैं। इससे शरीर में सूजन भी हो सकती है। जिससे कुछ प्रकार के कैंसर हो सकते हैं। हालांकि, मटन के मामले में ये जोखिम कम हो सकते हैं! कुछ अध्ययनों के मुताबिक बकरी के मांस में अधिक पोषक तत्व हो सकते हैं। इसमें सोडियम की तुलना में अधिक पोटेशियम होता है और इसलिए मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि, आपको ब्लड शुगर की समस्या है, तो खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

शोध के मुताबिक चिकन में ग्लाइसेमिक इंडेक्स वैल्यू कम होता है। माना जाता है कि चिकन के सेवन से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता है। चिकन प्रोटीन से भरपूर और वसा में कम और आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे खनिजों और बी, ए और डी जैसे विटामिनों से भरपूर होता है।

इसलिए चिकन की बात करें तो मधुमेह वालों के लिए चिकन एक बढ़िया विकल्प बन सकता है। चिकन प्रोटीन का एक हाई सोर्स है जिसमें वसा की मात्रा बहुत कम होती है। यदि कोई भी व्यक्ति चिकन को हेल्दी तरीके से पकाकर खाते हैं तो यह एक हेल्दी ऑप्शन बन सकता है।

क्या चिकन खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है?

माना जाता है कि चिकन के सेवन से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता हैचिकन प्रोटीन से भरपूर और वसा में कम और आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे खनिजों और बी, ए और डी जैसे विटामिनों से भरपूर होता है

शुगर में मुर्गा खा सकते हैं क्या?

शुगर में चिकन खा सकते है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है जिसे पचाने में ज्यादा समय लगता है, जो ग्लूकोज़ अवशोषण को भी धीमा कर सकता है। इससे रक्त में शुगर लेवल को नियंत्रित रखा जा सकता है।

शुगर में कौन सा चिकन खाना चाहिए?

अन्य रेड मीट की तुलना में बकरी का मांस एक बेहतर विकल्प माना जाता है। इसमें सोडियम की तुलना में अधिक पोटेशियम होता है और इसलिए मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

शुगर को जड़ से खत्म करने के लिए क्या खाना चाहिए?

मेथी के बीज का चूर्ण मेथी के बीज ज्यादातर भारतीय रसोई में आसानी से उपलब्ध हैं। रात को दो चम्मच मेथी के दानों को पानी में भिगोकर सुबह बीज के साथ पीने से ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिल सकती है। आप इसे पीसकर चूर्ण बना सकते हैं और सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ लेने से फायदा होगा।