इस लेख में कुछ प्रश्न जैसे Show संविधान क्या है? संविधान की परिभाषा? (what is constitution in hindi), संविधान के प्रकार एवं वर्गीकरण, और लिखित और अलिखित का भेद जैसे सवालों का जवाब मिलेगा। संविधान ( ‘सम्’ + ‘विधान’ ), मूल सिद्धान्तों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। संविधान ऐसी कठिन परिभाषा तो आपको कही भी मिल जाएगी, में इसको सरल रूप से समजा ने की कोशिश करता हु। उदाहरण: मान लीजिये की पति-पत्नी और दो बच्चो का एक परिवार है। जिसमे पति पैसे कमाता है, पत्नी गृहिणी है और बच्चे पढ़ रहे है। पति अपनी आय को घर खर्च, बच्चो की पढाई, बचत के निर्णय लेकर घर की वित्तीय जवाबदारी संभालता है, पत्नी पति के पास से मिले पैसो से अनाज, कपडे, घर के बिल जैसी दैनिक जवाबदारी संभालती है, और बच्चे पर किया निवेश भविष्य में विकास और सुरक्षा प्रदान करता है। हर घर अपने तरीके से चलता है जिसमे सबकी जवाबदारी और कार्य निचित होते है, वैसे ही देश और राष्ट्र को भी चलाने के लिए नियम या कानून होते है, ऐसे कानून या नियम को एक-एक पेज में प्रिंट निकाल कर एक किताब बनाए, तो उस किताब या कानून के संग्रह को संविधान कहते है। संविधान एक मौलिक कानून है जो देश का संचालन करने, सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा तथा कार्य निर्धारण करने इवं नागरिको के हितो का संरक्षण करने के लिए नियम दर्शाता है। प्रत्येक स्वतंत्र देश को अपना एक संविधान होता है, जो सरकार के अंग विधानमंडल(Legislature), न्यायतंत्र(Judiciary), कार्यपालिका(Executive) के गठन और कार्य की परिभाषा करता है ओर उसके अधिकार और जवाबदारीयों को सुनिचित करता है। संविधान देश में बन रहे सभी कानून का मूल होने की वजह से उसे मूल कानून भी कहा जाता है। किसी भी गणतंत्र राष्ट्र का आधार संविधान होता है, इसमें उस देश या राष्ट्र के महत्वपूर्ण व्यक्तियों के द्वारा देश का प्रशासन चलाने के लिए नियम का निर्माण किया जाता है, जिससे सत्ता का दुरुप्रयोग रोका जा सकता है | संविधान के द्वारा मूल शक्ति वहां की जनता में निहित की जाती है, जिससे किसी गलत व्यक्ति को सत्ता तक पहुंचने पर उसको पद से हटाया जा सकता है | किसी भी देश का संविधान उस देश को आत्मा को भी कहते है क्योंकि संविधान में ही उस देश के सभी मूल भाव व कर्त्तव्य निहित होते है। संविधान देश के सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक, धार्मिक आदि परिस्थिति के आधारित बनाया जाता है। भारतीय संविधान से क्या मतलब है15 अगस्त 1947 के बाद भारत देश को का शासन कैसे चलेगा, सरकार कैसे चलेगी, सरकार को क्या अधिकार और क्या जवाबदारी होगी, शासन के लिए पैसे कहा से आयेंगे और खर्च कहा पर होगा, पडोशी देश के साथ व्यवहार कैसा होगा। ऐसे सभी प्रश्नों को एक संविधान की जरूरत थी इसीलिए भारतीय संविधान सभा का गठन हुआ। संविधान के कार्य
भारतीय संविधान के प्रकार (Types Of Indian Constitution)इसको संविधान का वर्गीकरण भी कहते है, यहा पर 4 प्रकार से वर्गीकृत किया है। केंद्र राज्य सबंध आधारित प्रकार
विधायिक और कार्यपालिका सबंध आधारित प्रकार
परिवर्तनशीलता आधारित प्रकार
निर्माण प्रक्रिया आधारित प्रकार
यहा पर सिर्फ निर्माण प्रक्रिया आधारित प्रकार पर लिखित और अलिखित प्रकार पर चर्चा करेंगे बाकि के प्रकार को विस्तृत में अगले आर्टिकल में पढेंगे। लिखित संविधान विरुद्ध अलिखित संविधान
नमस्ते! मैं मेहुल जोशी हूँ। मैंने इस ब्लॉग को संवैधानिक प्रावधानों और भारतीय कानूनों को बहुत आसान बनाने की दृष्टि से बनाया है ताकि आम लोग भी कानून आसानी से समझ सकें। संविधान का प्रमुख कार्य क्या है?संविधान के कार्य. सरकार के उद्देश्यों को स्पष्ट करना।. शासन की संरचना को स्पष्ट करना।. नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करना।. राज्य को वैचारिक समर्थन और वैधता प्रदान करना।. भविष्य की दृष्टि के साथ एक आदर्श शासन संरचना का निर्माण करना।. संविधान का प्रथम कार्य क्या है?संविधान का पहला काम यह है कि वह बुनियादी नियमों का एक ऐसा समूह उपलब्ध कराये जिससे समाज के सदस्यों में एक न्यूनतम समन्वय और विश्वास बना रहे।
संविधान का क्या अर्थ होता है?संविधान का अर्थ (samvidhan kise kahte hai)
samvidhan meaning in hindi;संविधान उन नियमों के समूह या संग्रह को कहा जाता है, जिनके अनुसार किसी देश की सरकार का संगठन होता है। ये देश का सर्वोच्च कानून होता है। सरल शब्दों मे संविधान किसी राज्य की शासन प्रणाली को विवेचित करने वाला कानून होता है।
संविधान क्या है और क्यों जरूरी है?संविधान, कानूनों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। जो सरकार की मूल संरचना और इसके कार्यों को निर्धारित करता है। जिसके अनुसार देश का शासन चलता है। प्रत्येक सरकार संविधान के अनुसार कार्य करती है।
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