सावन का महीना काफी खास होता है। इस दौरान वर्षा ऋतु के कारण पूरी प्रकृति हरी भरी हो जाती है। दुल्हन जिस प्रकार से अपना श्रृंगार करती है। ठीक उसी तरह सावन के महीने में प्रकृति भी हरे-भरे पेड़-पौधों और फूलों से अपना श्रृंगार करती है। Show
सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित होता है। ऐसे में श्रावण मास के दौरान पड़ने वाले सोमवार को शिव भक्त भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए व्रत आदि भी रखते हैं। शिव पुराण में सावन महीने का खास महत्व बताया गया है। शिव भक्तों के लिए सावन मास अत्यंत महत्वपूर्ण है। सावन का महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है और इस महीने में पूजा-पाठ के कार्य करना अत्यंत लाभदायक माना जाता है। Read More : * Sawan Special Mahakal Status in Hindi क्यों मनाई जाती है सावन ? (Why is Sawan Celebrate ? )महादेव शिव शंकर को सभी देवताओं में सबसे सरल माना जाता है और उन्हें मनाने में ज्यादा जतन नहीं करने पड़ते। भगवान सिर्फ सच्ची भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं. यही वजह है कि भक्त उन्हें प्यार से भोले नाथ बुलाते हैं. सावन के महीने में कांवर यात्रा का विशेष महत्व है । सावन सोमवार कब ? sawan Somwari Date List 2021 - 2026 सावन सोमवार व्रत 2021 Happy Sawan 2021 सावन सोमवार व्रत 2022 Happy Sawan 2022 सावन सोमवार व्रत 2023 Happy Sawan 2023 सावन सोमवार व्रत 2024 Happy Sawan 2024 सावन सोमवार व्रत 2025 Happy Sawan 2025 सावन सोमवार व्रत 2026 Happy Sawan 2026 ❮❯सोमवार को ही क्यों की जाती पुजा? ( Why is Worshipped Done on Monday ? )चंद्रमा का दूसरा नाम सोम है. जिसे भगवान शिव ने अपने मस्तक पर स्थान दिया है. यही वजह है कि सोमवार को भोलेबाबा की दिन माना जाता है। हर मनुष्य के मन की चेतनता और चंचलता को पकड़कर भगवान शिव ने अपने वश में कर रखा है. भक्त अपनी भक्ती से भोलेबाबा को प्रसन्न करके उस परमात्मा तक पहुंच सकें इसलिए महादेव की उपासना सोमवार को की जाती है. Read More : * Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi With Audio सावन महीने का महत्व- Importance of Sawan Monthयह महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. यही कारण है कि इस समय में भगवान शिव का पूजन विशेष फलदायी होता है. सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. खासतौर से सावन के सोमवार को की गई पूजा, व्रत, उपाय तुंरत फल प्रदान करने वाले कहे गए हैं. भगवान शिव और मां पार्वती की एक साथ पूजा करने से सौभाग्य का वरदान मिलता है. आर्थिक कष्ट दूर हो जाते हैं. सावन माह से जुडी धार्मिक कहानियां भगवान शिव को क्यों प्रिय है सावन का महीना ? Religious stories related to the month of Sawan and why is the month of Sawan dear to Lord Shiva?कहा जाता हैं श्रावण, भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता हैं. इसके पीछे की मान्यता यह हैं कि दक्ष पुत्री माता सति ने अपने जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक श्रापित जीवन जिया. उसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया. पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पुरे श्रावण महीने में कठोरतप किया, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की. अपनी भार्या से पुनः मिलाप के कारण भगवान् शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं. यही कारण हैं कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं. यही मान्यता हैं कि श्रावण के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था, जहाँ अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया हैं. Read More : Rakhsa Bandhan Story in Hindi धार्मिक मान्यतानुसार श्रावण मास में ही समुद्र मंथन हुआ था, जिसमे निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने ग्रहण किया, जिस कारण उन्हें नील कंठ का नाम मिला और इस प्रकार उन्होंने श्रृष्टि को इस विष से बचाया, और सभी देवताओं ने उन पर जल डाला था इसी कारण शिव अभिषेक में जल का विशेष स्थान हैं. वर्षा ऋतू के चौमासा में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और इस वक्त पूरी श्रृष्टि भगवान शिव के आधीन हो जाती हैं. अतः चौमासा में भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु मनुष्य जाति कई प्रकार के धार्मिक कार्य, दान, उपवास करती हैं. सावन में काँवर यात्रा ( Sawan me Kawad Yatara)श्रावण में काँवर यात्रा का बहुत अधिक महत्व हैं. इसमें लोग भगवा वस्त्र धारण करके पवित्र नदियों के जल को एक काँवर में बाँधकर पैदल चलकर शिवलिंग पर उस जल को चढ़ाते हैं. काँवर एक बाँस का बना होता हैं जिसमे दोनों तरफ छोटी सी मटकी होती हैं जिसमे जल भरा होता हैं और उस बाँस को फूलों एवं घुन्घुरों से सजाया जाता हैं. सावन में शिव की पूजा क्यों की जाती है?सावन माह में क्यों की जाती है भगवान शिव की पूजा
दरअसल, देवों के देव महादेव ने सृष्टि की रक्षा के लिए समुद्र मंथन से निकला हलाहल विष पी लिया था. विष का ताप इतना ज्यादा था कि इंद्र देव ने बारिश करके उन्हें शीतल किया था. देवासुर संग्राम में समुद्र मंथन से निकले विष को शिव जी ने पी लिया था.
सावन महीने की क्या विशेषता है?भारत के सभी शिवालयों में श्रावण सोमवार पर हर-हर महादेव और बोल बम बोल की गूँज सुनाई देगी। श्रावण मास में शिव-पार्वती का पूजन बहुत फलदायी होता है। इसलिए सावन मास का बहुत महत्व है। क्यों है सावन की विशेषता? :- हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन महीने को देवों के देव महादेव भगवान शंकर का महीना माना जाता है।
सावन महीने क्यों मनाया जाता है?सती ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अपना शरीर होम करने के बाद जब उन्होंने हिमालय की पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया तब उन्होंने श्रावण मास में भगवान शिव की विधिवत पूजा उपासना की थी। इसके कारण उन्होंने भगवान शिव को पुन: पति के रूप में प्राप्त किया। इसी कारण भगवान शिव को यह मास बहुत प्रिय है।
सावन महीने का मतलब क्या होता है?आपको बता दें कि सावन नाम का अर्थ हिन्दू वर्ष के पांचवें महीने जो मानसून के मौसम के दौरान बारिश भगवान से एक बलिदान प्रदान करता है, एक होता है।
|