संसाधन संरक्षण का क्या महत्व है? - sansaadhan sanrakshan ka kya mahatv hai?

तू प्रश्न किया है कि संसाधनों के संरक्षण की क्या आवश्यकता है स्पष्ट कीजिए तो देखे यहां पर बात की गई है संसाधनों के संरक्षण की समझ लेते हैं कि संरक्षण मतलब होता क्या है तू संरक्षण मतलब होता है एकत्रित करके रखना या बचा कर रखना या इकट्ठा करके रखना ठीक है अब यहां पर कह रहा है संसाधन कौन से संसाधन संसाधन कोई भी हो सकते हैं जैसे कि आप कहो तो पेट्रोलियम हो सकता है ठीक है खाद्य खाद्य भंडारण हो सकता है ठीक है और जैसे कि हमारा जल हो गया तो यह संसाधन संसाधन के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है ठीक है तो बताना हम जानते हैं कि जो मानव है उसने अपनी आवश्यकता पूर्ति के लिए काफी सारी संसाधनों का उपयोग किया अभी तक हम लोग उपयोग कर रहे हैं तो चाहे वह खाद्यान्न हो ठीक है चाहे कि कोई भी अन्य पदार्थों चाहे किसी प्रकार की धातु हो तो हम क्या कर रहे हैं हम लगातार इन संसाधनों का प्रयोग कर रहे हैं ठीक है

इन संसाधनों के उपयोग के लिए उनका कर रहे हैं हम लोग को अगर हम लोग खाद्यान्न चाहिए तो खाद्यान्न के लिए हम लोग क्या करते हैं खाद्यान्न के लिए हम लोग सिंचाई करते हैं ठीक है सिंचाई का प्रयोग करते हैं उसके साथ साथ हम लोग बने पदार्थों का भी शोषण कर रहे हैं ठीक है बने पदार्थों का भी शोषण कर रहे हैं साथ-साथ लोग खनिजों का भी शोषण कर रहे हैं खनिजों का शोषण ठीक है और जैसे-जैसे कुछ वर्षों जैसे जनसंख्या बढ़ी है वैसे वैसे क्या हो रहा है वैसे-वैसे इंदु संसाधनों का जो शोषण है वह और बढ़ गया क्योंकि अब क्या हो रहा है औद्योगिक उत्पादन वृद्धि हो रही है औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि की वजह से हम लोगों ने हम लोगों ने इन संसाधनों का प्रयोग करना है संसाधनों को तो शोषण है और करने लगे ठीक है इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कोई मेरे मानव तो कोई मानव किस प्रकार की किस प्रकार की उसकी आवश्यकता होती तो को भोजन हो गया वस्त्रों के आवास हो गया परिवहन के साधन हो गए विभिन्न प्रकार की यंत्र हो गए कच्चे माल की खपत होगी

मानव की आवश्यकता है परिवहन के साधन परिवहन के साधन ठीक है विभिन्न प्रकार के यंत्र विभिन्न प्रकार के यंत्र और अगर हम औद्योगिक की बात बारे में बात करें तो औद्योगिक कच्चे माल तो औद्योगिक कच्चे माल की खपत माल की खपत किस प्रकार का देखो तो हम लोग क्या करें हजूर क्या हो रहा है कि जैसे जनसंख्या में वृद्धि हो रही वैसे वैसे इन सब चीजों की खपत भी बढ़ बताओ अगर जो है हम लोग प्राकृतिक संसाधनों का तेजी से हम लोग का शोषण करते जाएंगे तो क्या होगा एक दिन यह होगा कि प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाएगा

ठीक है अगर आप ऐसे सोचो कि आज कल देखते हैं कितनी ऊंची इमारतें बनी होती है ठीक है अब अगर ऊंची इमारत बनानी है तो ऊंची मार रहे थे क्या चाहिए बस आने चाहिए होगा और लोहा भी चाहिए होगा इस दिल भी चाहिए होगा आपको मॉर्निंग चाहिए होगी सीमेंट चोरी सब क्या है कि प्राकृतिक चीजों से खुदाई करते जा रहे हैं अब इससे क्या होगा इससे होगा यह कि प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाएगा भाई पृथ्वी क्या हो गया अंदर से खोखले होती जा रही हो कि हम दोनों 3:30 पर बंद जीवन है उसको भी वही प्रभावित होकर भाई हम क्या करते जाते लगाकर वनों की कटाई करते जा रहे हैं वहां पर चेक किया लगाते जा रहे क्या हो रहा है एक जीवन पर भाई थोड़ा दूसरा कोई पृथ्वी है वह भी अंदर से खोखली होती जा रही है इस प्रकार से लगातार हम लोग प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते जा रहे हैं ठीक है इससे क्या होगा

साधु का प्राकृतिक संसाधनों का का तेजी से वह गलत व अविनाश अविनाश करें ढंग से विनाशकारी ढंग से शोषण करते जा रहे हैं से शोषण करते जा रहे हैं इससे क्या होगा इससे होगा जो प्राकृतिक संतुलन है प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने लगा है इसका हम लोग उदाहरण देख सकते हैं ग्लोबल वार्मिंग ठीक है तो लगातार लोग देखने की हर 1 साल गर्मी का जो है जहां कसूर अच्छी किताबें पढ़ता दर्द से ग्लेशियर भी क्या हो रहा है कि लगातार बारिश कभी एकदम चल ज्यादा बारिश हो जाती है कभी कम बारिश होती है कुछ भी संत्री तरीके से नहीं बोला अब इससे क्या होगा अगर अगर प्रकृति में संतुलन नहीं रहेगा तो इससे क्या होगा इससे होगा यह कि मानव का

अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा ऐसा आप कह सकते हो कि हम देख रहे हैं कि जल का जल कितना खत्म होता जा रहा है ठीक है तो हमारी पृथ्वी पर वैसे भी एक प्रतिशत जल है पीने योग्य ठीक है एक जगह है उसमें भी अब हम लोग देख रहे हैं कि वह पानी कितना कम बचा हुआ ठीक है तो पेयपल है वह बहुत ही कम बचा हुआ अब आप सोचो कि हम लोग पानी की और उसके बाद लोग क्या करते हैं पानी की बर्बादी करते हैं ठीक है उसको गलत तरीके से प्रयोग कर रहे हैं अब ऐसा क्या होगा ऐसे होगा यह कि अगर अगर जो है हम लोग ऐसे करते चले जाएंगे तो क्या होगा जो आगे आने वाली पीढ़ियां है उनको उनको तो मिलेगा ही नहीं पानी ठीक है जाओ देख लो

ऐसे हो गई है कि जिस प्रकार से डायनासोर हो गए या अन्य जीव जैसे विलुप्त हुए हैं वैसे ही क्या होगा 1 दिन मानव भी विलुप्त हो जाएगा क्योंकि उसका भी अस्तित्व खतरे में पड़ रहा है क्योंकि उसे तो मिलेगा ही नहीं सकते जो जो जो आवश्यकताएं चाहिए चाहते हैं कि मानव का अस्तित्व और मानव की प्रकृति है अगर मानव का अस्तित्व और प्रगति हम लोग चाहते हैं दोनों क्या करना पड़ेगा हमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना पड़ेगा ठीक है यहां पर लिख सकते हैं हम लोगों का उत्तर होगा वह क्या होगा अतः मानव के मानव के अस्तित्व एवं प्रगति के लिए के लिए प्राकृतिक संसाधनों का प्राकृतिक

संसाधनों का संरक्षण व संरक्षण व प्रबंधन आवश्यक है जितना हो सके उतना ही जितना दुरुपयोग नहीं करना चाहिए और जितना हो सके उतना जो मारे प्राकृतिक संसाधन है उनको बचा कर रखना चाहिए ठीक है प्रश्न का उत्तर है तो पूछ की क्या आवश्यकता है तो इसलिए आवश्यकता है कि हम चाहते हैं कि मानव का अस्तित्व बना रहे और मानव इसी प्रकार से प्रगति करते रहे थे इसलिए संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता है तेरी माय प्रश्न का उत्तर है धन्यवाद

संसाधन संरक्षण का महत्व क्या है?

ये प्राकृतिक पर्यावरण जैसे कि वायु, जल, वन और विभिन्न जैव रूपों का निर्माण करते हैं, जो कि मानवीय जीवन एवं विकास हेतु आवश्यक है। इन प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से मनुष्य ने घरों, भवनों, परिवहन एवं संचार के साधनों, उद्योगों आदि के अपने संसार का निर्माण किया है।

संसाधन संरक्षण का क्या अर्थ है?

संसाधनों का सतर्कतापूर्वक उपयोग करना और उन्हें नवीकरण के लिए समय देना,संसाधन संरक्षण कहलाता है। संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता और भविष्य के लिए उनके संरक्षण में संतुलन बनाये रखना सततपोषणीय विकास कहलाता है। प्रत्येक व्यक्ति उपभोग को कम करके वस्तुओं के पुन:चक्रण और पुन:उपयोग द्वारा योगदान दे सकता है।

संसाधन संरक्षण का क्या अर्थ है मनुष्य के लिए इसका क्या महत्व है?

संसाधनो के संरक्षण से तात्पर्य उनके विवेकपूर्ण व नियोजित उपयोग के साथ ही उनके अपव्यय, दुरुपयोग व अति-उपयोग से बचाव करते हुए प्राकृतिक संसाधनों का पुन: उपयोग करना है। संसाधनों का नियोजित ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए ताकि असंतुलन न उत्पन्न हो सके। संरक्षण के बारे में जागरूकता उत्पन्न की जाए।

प्राकृतिक संसाधनों का क्या महत्व है?

प्राकृतिक संसाधन प्रकृति से मिली वह सम्पदा है जिसे मनुष्य तथा जीव– जन्तुओं के कल्याण एवं सुखमय जीवन हेतु अलौकिक शक्ति (ईश्वर) ने बनाया है तथा हमें उपलब्ध कराया है। अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम इसका किस तरह उपयोग करें, क्योंकि यह जीवन को चलाने हेतु जरूरी तंत्र के क्रियाशील अवयव हैं ।