संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुखी कौन यहाँ सोना और जागना किसके प्रतीक हैं इसका प्रयोग यहाँ? - sansaar mein sukhee vyakti kaun hai aur dukhee kaun yahaan sona aur jaagana kisake prateek hain isaka prayog yahaan?

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए 
संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुखी कौनयहाँ 'सोनाऔर 'जागनाकिसके प्रतीक हैंइसका प्रयोग यहाँ क्यों किया गया हैस्पष्ट कीजिए।

कवि के अनुसार संसार में वो लोग सुखी हैं, जो संसार में व्याप्त सुख-सुविधाओं का भोग करते हैं और दुखी वे हैं, जिन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई है। 'सोना' अज्ञानता का प्रतीक है और 'जागना' ज्ञान का प्रतीक है। जो लोग सांसारिक सुखों में खोए रहते हैं, जीवन के भौतिक सुखों में लिप्त रहते हैं वे सोए हुए हैं और जो सांसारिक सुखों को व्यर्थ समझते हैं, अपने को ईश्वर के प्रति समर्पित करते हैं वे ही जागते हैं। वे संसार की दुर्दशा को दूर करने के लिए चिंतित रहते हैं, सोते नहीं है अर्थात जाग्रत अवस्था में रहते हैं।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 B)

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संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुखी व्यक्ति कौन है?

कवि के अनुसार संसार में वो लोग सुखी हैं, जो संसार में व्याप्त सुख-सुविधाओं का भोग करते हैं और दुखी वे हैं, जिन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई है। 'सोना' अज्ञानता का प्रतीक है और 'जागना' ज्ञान का प्रतीक है।

कबीर के अनुसार संसार में सुखी कौन हैं और दुखी कौन हैं?

Solution : कवि के अनुसार संसार में वो लोग सुखी हैं जो संसार में व्यापत सुख-सुविधाओं का भोग करते हैं और दुखी वे हैं जो ईश्वर और संसार के बारे में सोच रहे हैं। सोना अज्ञानता का प्रतीक है और जागना ज्ञान का प्रतीक है।

इस संसार में सबसे सुखी कौन है?

युधिष्ठिर महाराज जी ने उत्तर दिया कि संसार में सबसे सुखी व्यक्ति वह है जो अॠणी है, अर्थात् जिस पर कोई ॠण नहीं है। यहां पर युधिष्ठिर महाराज केवल धन की बात नहीं कर रहे हैं, उनका कहने का तात्पर्य है समस्त प्रकार के ॠण। आज के जगत् में आम धारणा हो गई है धन का ॠण लेने की।

सोना और जागना किसका प्रतीक है?

'सोना' अज्ञानता का प्रतीक है और 'जागना' ज्ञान का प्रतीक है। जो लोग सांसारिक सुखों में खोए रहते हैं, जीवन के भौतिक सुखों में लिप्त रहते हैं वे सोए हुए हैं और जो सांसारिक सुखों को व्यर्थ समझते हैं, अपने को ईश्वर के प्रति समर्पित करते हैं वे ही जागते हैं।