2 साल के बच्चे को बुखार आने पर क्या करें? - 2 saal ke bachche ko bukhaar aane par kya karen?

बच्चे को बुखार आने पर पेरासिटमोल ( Paracetamol ) देने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसके लिए कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. अक्सर पेरेंट्स बच्चों की देखरेख में इस दवा को देते समय करते हैं ये गलतियां.

2 साल के बच्चे को बुखार आने पर क्या करें? - 2 saal ke bachche ko bukhaar aane par kya karen?

बच्चे को पेरासिटामोल देते समय इन बातों का रखें ध्यान

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आजकल घरों में तेज बुखार आने पर लोग तुरंत मार्केट में मिलने वाली दवा पेरोसाटिमोल ( Paracetamol ) का सेवन कर लेते हैं. ज्यादातर मामलों में लोग डॉक्टर से सलाह किए बिना इस दवा का सेवन करने की भूल करते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये आपको बुखार से राहत, तो दे सकती है, लेकिन कभी-कभी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. देखा गया है कि ज्यादातर पेरेंट्स बुखार से ग्रसित होने पर बच्चों को इसी दवा का सेवन करवाते हैं. बुखार आने पर बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है और उसे भूख न लगना, डिहाइड्रेशन जैसी हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती है.

माना जाता है कि बच्चे के शरीर का तापमान अगर 100 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो, तो पेरासिटामोल को देना सुरक्षित होता है. वैसे इस दवा को देते समय पेरेंट्स को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. इस लेख में हम आपको इन्हीं चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं.

बच्चे को पेरासिटामोल देते समय इन बातों का रखें ध्यान

1. पेरासिटामोल का बच्चे को सेवन कराने से पहले डॉक्टर से सलाह कर लें कि कितनी मात्रा में से दवा दी जानी चाहिए. इंफेक्शन के कारण बुखार होने पर उसे ठीक होने में समय लगता है. ऐसे में डोज बढ़ाने से कोई फायदा नहीं होगा. कई बार पेरेंट्स डोज बढ़ाने की गलती करते हैं, जो बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकती है.

2. अगर आप ड्रोप या सिरप यानी ओरल ड्रग देने जा रहे हैं, तो इससे पहले ये जांच लें कि उस समय बच्चे के शरीर का तापमान कितना है. बच्चे की बॉडी का टेंपरेचर 100 से कम है, तो उसे दवा देने से परहेज करें.

3. पेरासिटामोल की खुराक को देते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे का वजन कितना है और उसी के अनुसार दवा दी जानी चाहिए. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर बच्चे का वजन 5 किलोग्राम से कम है, तो उसे डॉक्टर से पूछे बिना दवा बिल्कुल न दें.

4. कई बार टीकाकरण के बाद शिशु को बुखार आने की समस्या हो जाती है. ऐसे में पेरेंट्स उसे पेरासिटामोल की डोज देते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे टीकाकरण की प्रभावशीलता कम हो जाती है.

5. ऐसा भी होता है कि बच्चे को लगातार तीन दिन तक पेरासिटामोल देने के बाद भी उसका बुखार कम नहीं हो रहा होता. इस सिचुएशन में दवा की डोज बच्चे को देना बंद करें और उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं.

2 साल के बच्चे को तेज बुखार आने पर क्या करें?

बच्चों के बुखार का इलाज करने के लिए अन्य घरेलू उपाय (Other Home Remedies for Kids Fever in Hindi).
ठंडे पानी में पट्टियां भिगाकर बच्चे के माथे पर रखें। ... .
बच्चे को पानी और तरल पदार्थ उचित मात्रा में दें।.
शिशु के पैरों के तलवे में जैतून के तेल की मालिश करें।.
काकड़ासिंगी और पीपल का चूर्ण कर रख लें।.

बुखार नहीं उतरने पर क्या करना चाहिए?

आराम है सबसे ज़रूरी आपको जैसे ही हल्का सा बुखार महसूस होने लगे, फौरन जो भी काम कर रहे हैं उसे रोकें क्योंकि आपको सिर्फ और सिर्फ आराम की ज़रूरत है। ... .
ठंडे पानी की पट्टियां ठंडे पानी में कपड़े को डुबोकर माथे पर रखने से बुखार जल्दी उतरता है। ... .
खूब पानी पिएं ... .
हल्के कपड़े पहनें ... .
कमरे को ज़्यादा गर्म न रखें.