Show सूर्य को जल देते समय रखें इन बातों का ख्याल, बढ़ेगा मान-सम्मान
सारी सृष्टि को ऊर्जा और प्रकाश देने वाला सूर्य ही हैं. ज्योतिष में सूर्य को स्वास्थ्य, पिता, आत्मा का कारक माना जाता है. अगर कुंडली में सूर्य मजबूत होता है तो व्यक्ति को यश की प्राप्ति होती है. इसके अलावा कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण भी सूर्य को माना जाता है. Photo credit- pixabay
ऐसे में सूर्य को जल देने से जीवन से ज्यादातर समस्याओं से निजात मिल सकती है. यूं तो सूर्य को जल हर रोज दिया जाता है. लेकिन सूर्य को अर्घ्य देने के भी नियम होते हैं. अगर इन नियमों का पालन ना किया जाए तो आपको शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है. तो आइए जानते हैं पंडित शैलेंद्र पांडेय से कि सूर्य को जल देते समय किन नियमों का पालन किया जाना चाहिए और क्या सावधानी बरतनी चाहिए. Photo credit- pixabay
शैलेंद्र पांडेय कहते हैं कि सुबह जल्दी से जल्दी अर्घ्य देने पर ही इसका लाभ हो सकता है. जब सूर्य की रौशनी तेज हो या चुभने लगे तब जल देने से कोई लाभ नहीं होता है. सूर्य को जल देने के बाद ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ होता है.
पंडित शैलेंद्र पांडेय के अनुसार, बिना स्नान किए सूर्य को कभी अर्घ्य नहीं देना चाहिए. अगर जल चढ़ाते के बाद इसके छींटे आपके पैरों पर पड़ते हैं तो इसमें कोई दोष नहीं होता है.
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य को पिता का कारक माना जाता है. इसलिए जो व्यक्ति सूर्य को अर्घ्य देते हैं, उन्हें अपने पिता और परिवार का विशेष सम्मान करना चाहिए. Photo credit- pixabay
अगर आप शिक्षा संबंधी या एकाग्रता को बढ़ाना चाहते हैं तो सूर्य को अर्घ्य देने वाले जल में नीला रंग मिलाएं. ऐसा करने से शुभ फल प्राप्त होंगे. photo credit- pixabay
स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए सूर्य को अर्घ्य देने वाले जल में रोली या लाल चंदन मिलाकर जल चढ़ाएं. इसके अलावा, शीघ्र विवाह और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए हल्दी मिलाकर जल चढ़ाएं.
अगर आप किसी इंटरव्यू, परिक्षा या किसी काम में विजय प्राप्त करना चाहते हैं तो जल में लाल गुड़हल का फूल डालकर जल चढ़ाएं.
पितृ शांति और बाधा के निवारण के लिए जल में तिल और अक्षत मिलाकर जल चढ़ाएं.
अगर जीवन में हर तरीके का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो सूर्यदेव को सादा जल चढ़ाएं. जल चढ़ाने के बाद थोड़ा जल बचा लें. इसे अपने मस्तक, कंठ और दोनों भुजाओं पर लगाएं. इससे आपका सूर्य प्रबल होना शुरू हो जाएगा. photo credit- getty images सूर्य भगवान को जल में क्या डालकर देना चाहिए?ऐसे करें सूर्य को जल अर्पित करें
सूर्यदेव को जल चढ़ाने के लिए स्नान के बाद तांबे के बर्तन से सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य को जल चढ़ाने से पहले पानी में लाल फूल, कुमकुम और चावल भी अवश्य डालें और जल अर्पित करें. सूर्य को अर्घ्य देते समय जल की गिरती धार के साथ सूर्य की किरणों को अवश्य देखना चाहिए.
सूर्य को जल कितने बजे तक चढ़ाना चाहिए?1-आपको हमेशा ही सूर्य भगवान को जल चढ़ाने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद आपको साफ और धुले हुए कपड़ों को पहनना चाहिए. कहा जाता है कि अगर आप रोज सू्र्यदेव को जल चढ़ाते हैं तो जीवन में धन की समस्या नहीं होती है.
रविवार को सूर्य को जल कैसे दे? सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. ... . संभव हो तो उगते हुए सूर्य को ही जल चढ़ाएं. ... . सूर्य देव को जल का अर्घ्य अर्पित करने के बाद तीन बार परिक्रमा अवश्य लगाएं और इसके बाद धरती के पैर छू कर ओम सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें.. सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से क्या होता है?सूर्य देव को जल चढ़ाने से हर इंसान की नौकरी में उन्नति और लाभ होता है। इससे आपके आत्मविश्वास बना रहेगा जिससे अधिकारीगण आपसे खुश रहते हैं। इसके लिए सूर्य को जल देना बहुत ही लाभप्रद होता है। इसकी वजह यह है कि ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को राजा, राजकीय क्षेत्र, पिता और नौकरी में अधिकारी का कारक माना गया है।
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