संरचनात्मक प्रकार्यात्मक उपागम की खोज किसने की

सरचनात्मक प्रकार्यवाद (Structural functionalism) या केवल प्रकार्यवाद समाजशास्त्र की प्रमुख अवधारणा है। प्रकार्यवादी सोच को विकसित करने वाले समाजशास्त्रियों में जिन दो विचारकों को महत्वपूर्ण माना जाता है उसमें दुर्खिम (1858-1917) तथा टालकाट पार्सन्स (1902-1979) प्रमुख रहे हैं। अमेरीकी समाजशास्त्र में प्रकार्यवादी सिद्धान्त का एक खास स्थान रहा है।

समाजशास्त्र में प्रत्यक्षवाद के साथ ही साथ प्रकार्यवादी सोच का एक विशेष स्थान रहा है। प्रकार्यवादी सिद्धान्त के समर्थक यह मानते हैं कि समाज की क्रियाएँ व्यवस्थित तरीकें से चलती है और इसलिए वह समाज को एक व्यवस्था (सिस्टम) के रूप में देखतें हैं। सामाजिक व्यवस्था को व्यवस्थित रूप से चलाए रखने में विभिन्न तत्वों के बीच आत्मनिर्भरता पाई जाती है। समाज के ये विभिन्न तत्व एक सम्पूर्ण व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं। अतः समाज एक सम्पूर्ण व्यवस्था है जिसके व्यवस्थित स्वरूप को बनाए रखने में विभिन्न समूहों तथा संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है। समाजशास्त्र में प्रकार्यवादी सिद्धान्त के जनक इमाइल दुर्खिम को माना जाता है जिन्होंने यह बताया था कि समाज में एकता बनाए रखने के लिए धर्म, नैतिक आधार प्रदान करता है। धर्म के आधार पर समाज के नैतिक मूल्य, समाज के एकाकी स्वरूप को पुष्ट करते हैं।

श्रेण:समाजशास्त्र

संरचनात्मक प्रकार्यात्मक उपागम के प्रतिपादक कौन है?

सरचनात्मक प्रकार्यवाद (Structural functionalism) या केवल प्रकार्यवाद समाजशास्त्र की प्रमुख अवधारणा है। प्रकार्यवादी सोच को विकसित करने वाले समाजशास्त्रियों में जिन दो विचारकों को महत्वपूर्ण माना जाता है उसमें दुर्खिम (1858-1917) तथा टालकाट पार्सन्स (1902-1979) प्रमुख रहे हैं।

संरचनात्मक प्रकार्यात्मक परिप्रेक्ष्य क्या है?

आज समाजशास्त्रीय अध्ययनों में संरचनात्मक-प्रकार्यात्मक परिप्रेक्ष्य एक प्रमुख सिद्धान्त माना जाता है। यह परिप्रेक्ष्य इस आधारभूत मान्यता पर आधारित है कि समाज या सामाजिक संरचना का प्रत्येक अंग व इकाई सम्पूर्ण समाज या संरचना को बनाए रखने के लिए निश्चित योगदान प्रदान करती है।

संरचनात्मक उपागम से आप क्या समझते हैं?

संरचनात्मक-प्रकार्यात्मक उपागम इकाई का विश्लेषण करने की वह पद्धति है जिसमें यह देखने का प्रयास किया जाता है कि इस इकाई के विभिन्न अंग या भाग कौन से हैं, वे किस प्रकार से व्यवस्थित हैं तथा प्रत्येक अंग सम्पूर्ण इकाई की निरन्तरता एवं अस्तित्व बनाए रखने के लिए क्या भूमिका निभा रहा है।

संरचनात्मक कार्यात्मकता क्या है?

संरचनात्मक कार्यात्मकता , या बस कार्यात्मकता , "सिद्धांत के निर्माण के लिए एक ढांचा है जो समाज को एक जटिल प्रणाली के रूप में देखता है जिसके हिस्से एकजुटता और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करते हैं"।