स्लिप डिस्क: खतरनाक हो सकती है हड्डियों की ये बीमारी, लक्षणों को भूलकर भी न करें नजरअंदाजहेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सोनू शर्मा Updated Sun, 29 Aug 2021 01:13 PM IST Show Medically Reviewed by Dr. I.N. Vajpai डॉ. आईएन वाजपई न्यूरो सर्जन डिग्री- एम.बी.बी.एस, एम.एस (जनरल सर्जरी), एमसीएच (न्यूरो सर्जरी), उजाला सिग्नस हॉस्पिटल अनुभव- 45 वर्ष स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ जीवनशैली भी अपनाना जरूरी होता है, ये तो आप जानते ही होंगे, लेकिन आजकल लोगों की जीवनशैली इतनी बदल गई है कि वो मशीनों की तरह काम करने लगे हैं। अब इसे काम का दबाव कहें या कुछ और, लेकिन लोग ज्यादा से ज्यादा काम करने के चक्कर में खुद के ऊपर ध्यान ही नहीं दे पाते। उनकी जिंदगी इतनी अस्त-व्यस्त हो जाती है कि बाद में शरीर कई रोगों का शिकार हो जाता है। इसमें स्लिप डिस्क भी शामिल है। आमतौर पर ये बीमारी बुजुर्गों में अधिक देखने को मिलती है, लेकिन आजकल युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं। दरअसल, लोगों की व्यस्त जीवनशैली और गलत तरीके से उठने-बैठने की आदत युवाओं को इस बीमारी का शिकार बना रही है। आइए जानते हैं कि ये स्लिप डिस्क आखिर होती क्या है और इसके लक्षण क्या हो सकते हैं? स्लिप डिस्क क्या है?
कैसे हो सकती है स्लिप डिस्क की परेशानी?
स्लिप डिस्क के लक्षण क्या हैं?
स्लिप डिस्क की समस्या से बचाव के उपाय क्या हैं?
नोट: डॉ. आईएन वाजपई अत्यधिक योग्य और अनुभवी न्यूरो सर्जन हैं। इन्होंने लखनऊ के केजीएमसी से अपना एमबीबीएस किया है। इसके बाद इन्होंने जनरल सर्जरी में एमएस किया और न्यूरो सर्जरी में एमसीएच की पढ़ाई की है। इन्होंने 1996 में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम किया और 2012 में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष के रूप में रिटायर हुए। डॉक्टर आईएन वाजपाई आईएमए एंड न्यूरोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के आजीवन सदस्य भी हैं। डॉक्टर वाजपई को 45 वर्षों का अनुभव है। अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित अस्वीकरण- बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। स्लिप डिस्क का पता कैसे चलता है?स्लिप डिस्क के लक्षण- आमतौर पर स्लिप डिस्क होने पर शरीर के एक हिस्से में दर्द और सुन्नपन महसूस हो सकता है. ये दर्द आपके हाथ और पैर की तरफ भी फैल सकता है. यह दर्द अक्सर रात में या बॉडी की जरा सी मूवमेंट के साथ बढ़ सकता है. आपको उठते-बैठते दर्द महसूस होगा.
डिस्क प्रॉब्लम कैसे ठीक होती है?जब बाहरी रिंग कमज़ोर पड़ने लगती है तो आंतरिक भाग को बाहर निकलने का रास्ता मिल जाता है। इसी स्थिति को स्लिप डिस्क के नाम से जाना जाता है। इस तरह की परेशानी रीढ़ की हड्डी के किसी भी भाग में उत्पन्न हो सकती है। लेकिन आमतौर पर इसका प्रभाव पीठ के निचले हिस्से में देखने को मिलता है।
स्लिप डिस्क का सबसे अच्छा इलाज क्या है?स्लिप डिस्क का इलाज - Slip Disk Ka Ilaj!. पहला स्टेज: उम्र बढ़ने के साथ, डिस्क का डिहाइड्रेशन शुरू हो जाता है जिससे उसका लचीलापन कम होने लग जाती है और वह कमज़ोर हो जाती है.. दूसरा स्टेज: डिस्क की फाइबर लेयर में दरार आने लगती है जिससे उसके अंदर का फ्लूइड बाहर आने लगता है या उससे बबल्स बनने लगता है.. स्लिप डिस्क को ठीक होने में कितना समय लगता है?यदि स्लिप डिस्क का दर्द तीव्र हो, तो कड़े बिछावन पर लेटकर कमर को कुछ दिनों तक हिलाना-डुलाना बिल्कुल बंद कर देना चाहिए। जब तक हड्डी की डिस्क ठीक न हो जाए और सूजन कम न हो जाए, बिस्तर पर पूर्ण विश्रम करना चाहिए। दर्द और सूजन वाली जगह पर बारी-बारी से गर्म और ठंडी पट्टी देते रहने से जल्दी आराम मिल जाता है।
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