तुलसीदास जी का जीवन परिचय: इस काव्य रचना के रचनाकार गोस्वामी श्री तुलसीदास जी हैं, जो हिन्दी साहित्य के महान कवि थे। उन्होंने महान ग्रंथ श्री रामचरिमानस लिखा था, जिसे आज भी पूरे भारत में बड़े भक्ति-भाव से पढ़ा जाता है। इसमें श्री राम जी के पूरे जीवन का कवितामय वर्णन है। इन्हें प्राचीनकाल में रामायण लिखने वाले श्री वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। कहा जाता है कि रामचरितानस का कथानक रामायण से ही पैदा हुआ है। Show
वन के मार्ग में कविता का सार:प्रस्तुत कविता में तुलसीदास जी ने तब का प्रसंग बताया है, जब श्री राम, लक्ष्मण और सीता जी वनवास के लिए निकले थे। नगर से थोड़ी दूर निकलते ही सीता जी थक गईं, उनके माथे पर पसीना छलक आया और उनके होंठ सूखने लगे। जब लक्ष्मण जी पानी लेने जाते हैं, तो उस दशा में भी वे श्री राम से पेड़ के नीचे विश्राम करने के लिए कहती हैं। राम जी उनकी इस दशा को देखकर व्याकुल हो उठते हैं और सीता जी के पैरों में लगे काँटे निकालने लगते हैं। यह देखकर सीता जी मन ही मन अपने पति के प्यार को देखकर पुलकित होने लगती हैं। Ncert Solution for Class 6 Hindi Vasant All ChaptersChapter 01. वह चिड़िया जो (केदारनाथ अग्रवाल) वन के मार्ग में कविता- Van Ke Marg Mein Poem पुर तें निकसीं रघुबीर – बधू, धरि धीर दए मग में डग द्वै। “जल को
गए लक्खनु, हैं लरिका परिखौं, पिय! छांँह घरीक ह्वै ठाढे़।l वन के मार्ग में कविता का भावार्थ- Van Ke Marg Mein Poem Summary पुर तें निकसीं रघुबीर – बधू, धरि धीर दए मग में डग द्वै। “जल को गए लक्खनु, हैं लरिका परिखौं, पिय! छांँह घरीक ह्वै ठाढे़।l Ncert solution for class 6 hindi vasant Chapter 16 Van Ke Marg Mein Question and Answersवन के मार्ग में प्रश्न – उत्तर: प्रश्न 1. नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता जी की क्या दशा हुई? प्रश्न 2. ‘अब और कितनी दूर चलना है, पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा’ – किसने किससे पूछा और क्यों? प्रश्न 3. राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की? प्रश्न 4. दोनों सवैयों के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो। प्रश्न 5. पाठ के आधार पर वन के मार्ग का वर्णन अपने शब्दों में करो। अतिरिक्त अभ्यास प्रश्न प्र .2. वन के मार्ग में सीता
को होने वाली कठिनाइयों के बारे में लिखो। प्र .3. सीता की आतुरता देखकर राम की क्या प्रतिक्रिया होती है? प्र .4 .राम बैठकर देर तक काँटे क्यों निकालते रहे? प्र .5. सवैया के आधार पर बताओ कि दो कदम चलने के
बाद सीता का ऐसा हाल क्यों हुआ? श्री राम की आंखों में आंसू क्यों आ गए?राम ने जब देखा कि सीता थक चुकी हैं, तो वह देर तक बैठकर पैरों से काँटे निकालने का अभिनय करते रहे, जिससे सीता को कुछ देर आराम करने का मौका मिल जाए और उनकी थकान कम हो जाए। ... इस तरह सीता जी की व्याकुलता को देखकर श्रीराम की आँखों में आँसू आ जाते हैं।
श्री राम ने सीता जी को आराम देने के लिए क्या किया?श्रीराम ने सीता को विश्राम देने के लिए यह किया कि वह धीरे-धीरे अपने पाँव से कांटे निकालने लगे। जब श्री राम जंगल में सीता को उठाए हुए भटक रहे थे तो उनके पैरों में कांटा चुभ गए थे। सीता से स्थिति देखी नहीं गई उन्होंने श्रीराम से विश्राम के लिए आग्रह किया और ताकि श्रीराम अपने पैरों से कांटे निकाल सके।
सीता जी की आतुरता देखकर राम की क्या प्रतिक्रिया हुई?3. सीता की आतुरता देखकर राम की क्या प्रतिक्रिया होती है? सीता की आतुरता को देखकर श्रीराम व्याकुल हो उठते हैं। सीता को थका और प्यासा देख उनकी आँखों से आँसू बहने लगते हैं।
दो कदम चलते ही सीता की क्या दशा हुई?प्रश्न 16-1: नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता की क्या दशा हुई ? उत्तर 16-1: नगर के बाहर सीता जी ने दो कदम ही रखे थे कि उनके माथे पर पसीना आ गया थकान महसूस होने लगी और रामचंद्र जी से पूछने लगीं कि अभी और कितना चलना है पर्णकुटी कहॉं पर बनाएंगे।
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