राज्य का मुख्य सचिव कौन है? - raajy ka mukhy sachiv kaun hai?

मुख्य सचिव: स्थिति और शक्तियां | Chief Secretary: Position and Powers in Hindi

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मुख्य सचिव: स्थिति और शक्तियां | Read this article in Hindi to learn about:- 1. मुख्य सचिव का पदस्थिति (Position of the Chief Secretary) 2. मुख्य सचिव की शक्तियों और उसके कार्य (Chief Secretary – Powers and Functions) 3. मुख्य सचिव बनाम मंत्रिमंडल (Chief Secretary Vs. Cabinet Secretary).

मुख्य सचिव का पदस्थिति (Position of the Chief Secretary):

मुख्य सचिव का पद मूलतया ब्रिटिश शासनकालीन केंद्र सरकार की देन है । वर्ष 1799 में तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड वेलेजली ने इस पद का सृजन किया था । इस पद पर पहली बार जी.एस. बालों बैठे थे । समयांतराल पर स्वतंत्रता प्राप्ति से कई वर्ष पहले ही यह पद केंद्र सरकार से लुप्त होकर राज्य सरकार का पद बन गया था ।

मुख्य सचिव राज्य सचिवालय का शासकीय प्रधान होता है । वह राज्य प्रशासन का प्रशासनिक प्रमुख होता है तथा राज्य के प्रशासनिक पदानुक्रम में उसका सर्वोच्च स्थान है । अन्य सचिवों की तुलना में मुख्य सचिव शीर्ष होता है । वस्तुतः मुख्य सचिव सचिवों का प्रमुख है तथा सचिवालय के सभी विभाग उसके नियंत्रण में होते हैं । वह पूरे राज्य प्रशासन का नेता मार्गदर्शक और नियंत्रक है ।

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उसकी पदस्थिति अति महत्त्वपूर्ण है तथा राज्य की प्रशासनिक प्रणाली में उसकी अलग-अलग भूमिकाएं है । मंगतराय ने इस संदर्भ में ठीक ही कहा है ”मुख्य सचिव का कार्य किसी तकनीशियन या किसी व्यावसायिक के कार्य की तरह नहीं है न ही वह कुशल अभियंता है । वह पहले दर्जे का मजिस्ट्रेट तक नहीं है; वह सरकारी प्रक्रिया का एक भाग तथा जनतांत्रिक गणतंत्र में मानवीय प्रक्रिया का एक अंग है ।”

वर्ष 1973 से मुख्य सचिव सभी राज्यों में वरिष्ठतम लोकसेवक माना जाता है । उससे पहले मुख्य सचिव को पंजाब में वित्त आयुक्त से तथा उत्तर प्रदेश में राजस्व बोर्ड के सदस्य से कनिष्ठ माना जाता था । दूसरी ओर तमिलनाडु में मुख्य सचिव वरिष्ठतम लोकसेवक था ।

तथापि प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिश पर वर्ष 1973 में इस पद का मानकीकरण किया गया तथा इस पद को दर्जे और परिलब्धियों दोनों ही दृष्टि से केंद्र सरकार के सचिव के पद के समतुल्य बनाया गया । इसके अतिरिक्त, मुख्य सचिव पद को कार्यकाल प्रणाली से अलग रखा गया है अर्थात इस पद का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं है । वैसे प्रशासनिक सुधार आयोग ने मुख्य सचिव का कार्यकाल तीन से चार वर्ष रखे जाने की सिफारिश की थी किंतु सिफारिश को अस्वीकार कर पुरानी प्रणाली ही कायम रखी गई ।

मुख्य सचिव की शक्तियों और उसके कार्य (Chief Secretary – Powers and Functions):

मुख्य सचिव के कार्य और उसकी शक्तियों का उल्लेख राज्य सरकार द्वारा तैयार ‘सरकारी कार्य नियमावली (रूल्स ऑफ बिजनेस)’ में है ।

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उसे पारंपरिक आधार पर भी कुछ कार्य शक्तियाँ प्राप्त है जिनका विवरण इस प्रकार है:

i. मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में:

मुख्य सचिव राज्य प्रशासन से जुड़े सभी मामलों में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार के रूप में कार्य करता है । मुख्यमंत्री राज्य के शासन से संबंधित सभी नीतिगत मुद्दों पर मुख्य सचिव से परामर्श करता है । मुख्य सचिव राज्य के मंत्रियों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों से संबंधित प्रशासनिक अड़चनों की जानकारी मुख्यमंत्री को देता है । मुख्य सचिव, राज्य सरकार के सचिवों और मुख्यमंत्री के बीच की कड़ी के रूप में भी कार्य करता है ।

ii. मंत्रिमंडल के सचिव के रूप में:

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मुख्य सचिव राज्य मंत्रिमंडल के सचिव के रूप में कार्य करता है । वह मंत्रिमंडल सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख होता है तथा आवश्यकतानुसार कैबिनेट और इसकी उपसमितियों की बैठक में भाग लेता है । मुख्य सचिव मंत्रिमंडल की बैठक की कार्यसूची तैयार करता है और बैठक की कार्यवाहीयों का रिकार्ड भी रखता है । वह इन बैठकों में लिए गए निर्णयों को कार्यान्वित करता है ।

iii. लोकसेवा के प्रमुख के रूप में:

मुख्य सचिव राज्य लोकसेवा के प्रमुख के रूप में कार्य करता है । वह राज्य के वरिष्ठ लोकसेवकों की नियुक्ति स्थानांतरण तथा पदोन्नति से जुड़े मामले देखता है । वह राज्य की लोकसेवा के मनोबल को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है वह सभी लोकसेवकों की चेतना का रखवाला होता है ।

iv. प्रमुख समन्वयक के रूप में:

मुख्य सचिव-राज्य प्रशासन का प्रमुख समन्वयक (तालमेल बैठाए रखने का कार्य करने वाला) है । सचिवालय स्तर पर उसका कार्य अंतर्विभागीय समन्वयन सुनिश्चित करना है । वह, सचिवों को अंतर्विभागीय कठिनाइयों के संबंध में सलाह देता है ।

वह, अंतर्विभागीय विवादों के समाधान के लिए गठित समन्वयन समिति का अध्यक्ष होता है । वह विभागों के सचिव की बैठकों की अध्यक्षता भी करता है । सचिवालय स्तर से नीचे के संभागीय आयुक्त जिलाधीशों और जिला प्रशासन के विभागाध्यक्षों की बैठकों/सम्मेलनों की भी अध्यक्षता मुख्य सचिव द्वारा की जाती है और उनके बीच समन्वयन स्थापित किया जाता है ।

v. कुछ विभागों के प्रमुख के रूप में:

मुख्य सचिव, सचिवालय के कुछ विभागों का भी प्रशासनिक प्रमुख होता है । तथापि, हर राज्य में उसकी पदस्थिति एक-सी नहीं होती अर्थात इस मामले में देशभर में एकरूपता नहीं है । अधिकांश राज्यों में सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक विभाग योजना विभाग और प्रशासनिक सुधार विभाग सीधे तौर पर मुख्य सचिव के प्रभार में होते हैं ।

राज्य सचिवालय में सामान्य प्रशासन विभाग सबसे महत्त्वपूर्ण होता है जिसका राजनीतिक प्रमुख स्वयं मुख्यमंत्री होता है । यह विभाग राज्य सरकार के समस्त कामकाज को प्रभावित करने वाले विभिन्न मामलों से संबद्ध है । भारत के प्रशासनिक सुधार आयोग ने सिफारिश की थी कि सभी राज्यों में कार्मिक विभाग का प्रमुख मुख्य सचिव को ही होना चाहिए ।

vi. संकटकालीन प्रशासक के रूप में:

मुख्य सचिव, बाढ़, सूखा, सांप्रदायिक दंगों और अन्य आपदाओं के समय अति महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है । ऐसे समय में वह राहत कार्यों में लगे अधिकारियों और एजेंसियों को मार्गदर्शन और नेतृत्व प्रदान करता है । मुख्य सचिव सामान्यतः संकटकाल के दौरान उच्च स्तरीय निर्णय लेने के लिए गठित समितियों का अध्यक्ष या महत्त्वपूर्ण सदस्य होता है । वास्तविकता यह है कि मुख्य सचिव संकटकाल के प्रमुख प्रशासक के रूप में कार्य करता है और राहत कार्य से संबद्ध सभी अधिकारियों के लिए राज्य सरकार का विशेषरूप से प्रतिनिधित्व करता है ।

vii. अन्य कार्य और भूमिकाएँ:

मुख्य सचिव के अन्य कार्य और भूमिकाएँ निम्न हैं:

(a) मुख्य सचिव उन सब कार्यों को देखता जो दूसरे प्रचिनों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते ।

(b) मुख्य सचिव क्षेत्रीय परिषद में अपनी बारी के आधार पर सचिव के रूप में कार्य करता है । क्षेत्रीय परिषद में कुछ राज्य शामिल होते हैं प्रत्येक राज्य को परिषद का सदस्य माना जाता है । प्रत्येक राज्य का मुख्य सचिव बारी-बारी से परिषद के सचिव का कार्य देखता है ।

(c) मुख्य सचिव पूरे राज्य सचिवालय को नियंत्रित तथा उसका कुशलपूर्वक पर्यवेक्षण करता है ।

(d) मुख्य सचिव का सचिवालय भवन, मंत्री से संबद्ध स्टाफ, केंद्रीय अभिलेखागार सचिवालय के पुस्तकालय, सचिवालय के विभागों की संरक्षा और निगरानी कार्य से जुड़े स्टाफ पर प्रशासनिक नियंत्रण रहता है ।

(e) मुख्य सचिव अपनी सरकार केंद्र सरकार और अन्य राज्य सरकारों के मध्य संपर्क और संवाद का मुख्य माध्यम होता है ।

(f) वह कानून और व्यवस्था तथा नियोजन से जुड़े प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

(g) वह केंद्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में होने वाले मुख्य सचिवों के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेता है ।

(h) वह राज्य सरकार के प्रवक्ता का कार्य भी करता है ।

(i) वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने और केंद्र की ओर से राज्यपाल के सलाहकार का पद संभालता है ।

(j) वह राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठकों में भी शामिल होता है ।

(k) वह राज्य सरकार के मुख्य जन संपर्क अधिकारी का कार्य भी देखता है ।

मुख्य सचिव बनाम मंत्रिमंडल (Chief Secretary Vs. Cabinet Secretary):

केंद्र सरकार में राज्य के मुख्य सचिव पद के समतुल्य कोई पद नहीं है । केंद्रीय कैबिनेट सचिव को ही राज्य के मुख्य सचिव के समकक्ष माना जा सकता है । वास्तविकता यह है कि मुख्य सचिव द्वारा प्रशासन में जितने अधिक कार्य किए जाते हैं और भिन्न-भिन्न भूमिकाएं अकेले निभाई जाती हैं, उन कार्यों के लिए केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिव, कार्मिक सचिव, गृह सचिव और वित्त सचिव हैं ।

मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिव में समानताएँ इस प्रकार हैं:

(i) दोनों अपने-अपने मुख्य कार्यपालकों के प्रमुख सलाहकार हैं ।

(ii) दोनों अपने-अपने प्रशासन के मुख्य समन्वयक हैं ।

(iii) दोनों अपने-अपने मंत्रिमंडल के सचिव हैं ।

(iv) दोनों अपने-अपने कैबिनेट सचिवालयों के प्रशासनिक प्रमुख हैं ।

(v) दोनों पदों की उत्पत्ति केंद्र स्तर पर हुई है ।

(vi) दोनों अपने-अपने मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णयों को कार्यान्वित करते हैं ।

(vii) दोनों अपनी-अपनी लोकसेवाओं के प्रमुख हैं ।

मुख्य सचिव और मंत्रिमंडल सचिव में निम्नलिखित असमानताएँ हैं:

(i) मुख्य सचिव के कार्य एवं शक्तियाँ कैबिनेट सचिव की तुलना में बहुत अधिक हैं ।

(ii) मुख्य सचिव राज्य सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख होता है, जबकि कैबिनेट सचिव केंद्रीय सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख नहीं होता है ।

(iii) मुख्य सचिव राज्य के सचिवों का प्रधान होता है, जबकि मंत्रिमंडल सचिव केंद्र सरकार के सचिवों का प्रधान नहीं होता हैं बल्कि समान दर्जाधारी प्रथम या सर्वोच्च अधिकारी होता है ।

(iv) मुख्य सचिव राज्य स्तर पर वे सब कार्य देखता है जो कार्य अन्य सचिवों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते किंतु केंद्रीय कैबिनेट सचिव के मामले में ऐसा नहीं है । केंद्र स्तर पर यह कार्य प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव देखता है जो प्रधानमंत्री कार्यालय का प्रशासनिक प्रमुख होता है ।

(v) राज्य सचिवालय के कुछ विभाग सीधे मुख्य सचिव के अधीन होते हैं किंतु कैबिनेट सचिव के अधीन कैबिनेट सचिवालय के अतिरिक्त केंद्रीय सचिवालय का कोई भी विभाग नहीं होता ।

2022 में राजस्थान के मुख्य सचिव कौन है?

Usha Sharma News Chief Secretary Rajasthan: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की वरिष्ठ अधिकारी उषा शर्मा (Usha Sharma) को राजस्थान का नया मुख्य सचिव (Chief Secretary) नियुक्त किया गया है.

राजस्थान के मुख्य सचिव का नाम क्या है?

श्री मति उषा शर्मा राजस्थान के वर्तमान मुख्य सचिव हैं।

2022 में मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव कौन है?

1982 बैच के आईएएस अफसर सुधि रंजन मोहंती को मध्यप्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है।

भारत का नया मुख्य सचिव कौन है?

भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी नरेश कुमार दिल्ली के अगले मुख्य सचिव होंगे. गृह मंत्रालय की ओर से नरेश कुमार की नियुक्ति को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है. नरेश कुमार 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. नरेश कुमार 1987 बैच के एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के अधिकारी है.