राहु काल केतु काल का समय - raahu kaal ketu kaal ka samay

भारतीय ज्योतिष में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु। जिसमें राहु, राक्षसी सांप का मुखिया है जो हिन्दू शास्त्रों के अनुसार सूर्य या चंद्रमा को निगलते हुए ग्रहण को उत्पन्न करता है। राहु तमस असुर है। राहु का कोई सिर नहीं है और जो आठ काले घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाले रथ पर सवार हैं।


ज्योतिष में राहु काल को अशुभ माना जाता है। अत: इस काल में शुभ कार्य नहीं कि जाते है। यहां आपके लिए प्रस्तुत है सप्ताह के दिनों पर आधारित राहुकाल का समय, जिसके देखकर आप अपना दैनिक कार्य कर सकते हैं।

यहां आपके लिए प्रस्त‍ुत हैं वार के अनुसार राहु काल का समय

रविवार : सायं 4:30 से 6:00 बजे तक।

सोमवार : प्रात:काल 7:30 से 9:00 बजे तक।

मंगलवार : अपराह्न 3:00 से 4:30 बजे तक।

बुधवार : दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक।

गुरुवार : दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक।

शुक्रवार : प्रात:10:30 से दोपहर 12:00 तक।

शनिवार : प्रात: 9:00 से 10:30 बजे तक।

केतु काल का समय क्या है?

आचार्य डॉ. संजय.

राहु काल कब से कब तक होता है?

यहां आपके लिए प्रस्तुत है सप्ताह के दिनों पर आधारित राहुकाल का समय, जिसके देखकर आप अपना दैनिक कार्य कर सकते हैं। रविवार : सायं 4:30 से 6:00 बजे तक। सोमवार : प्रात:काल 7:30 से 9:00 बजे तक। मंगलवार : अपराह्न 3:00 से 4:30 बजे तक

राहु केतु का कौन सा दिन होता है?

राहु-केतु के लिए करें यह उपाय साथ ही 18-18 शनिवार राहु-केतु की पूजा करनी चाहिए और उपवास रखना चाहिए और प्रिय रत्न गोमेद और लहसुनिया का दान करना चाहिए।

राहु का दिन कौन सा होता है?

रविवार को नैऋत्य कोण में, सोमवार को उत्तर दिशा में, मंगलवार को आग्नेय कोण में, बुधवार को पश्चिम दिशा में, गुरुवार को ईशान कोण में, शुक्रवार को दक्षिण दिशा में, शनिवार को वायव्य कोण में राहु का निवास माना गया है।