August 12, 2021 04:08AM 5527 Copy Share Show
पर्यावरण विषय की प्रकृति बहुविषयी है। यह एक से अधिक विषयों का समन्वित रूप है,इसका संबंध अनेक विषयों से है। प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञान की अनेक शाखाओं में पर्यावरण का तथा पर्यावरण में इन शाखाओं का अध्ययन किया जाता है। वनस्पति विज्ञान,जीव विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान,भूगोल आदि विषयों का पर्यावरण विषय से अत्यधिक गहरा संबंध है। Environment theme is multidisciplinary in nature.It is an integrated form of more than one subject, it is related to many subjects.The environment is studied in many branches of the natural and social sciences and these branches in the environment.Subjects like Botany, Biology, Chemical Science, Sociology, Economics, Political Science, Geography etc. have a very deep relation with the environmental subject. पर्यावरण अध्ययन की बहुविषयी प्रकृति को हम निम्न बिंदुओं के द्वारा समझ सकते हैं (We can understand the multidisciplinary nature of environmental studies from the following points:)-1.वनस्पति शास्त्र और पर्यावरण अध्ययन- वनस्पति शास्त्र तथा पर्यावरण एक दूसरे से अंतर्सबंधित हैं। पर्यावरण ही वनस्पति जगत का आधार कहलाता है। पर्यावरण के तत्व जल,वायु, मृदा, तापमान वर्षा आदि सम अनुकूलन से ही वनस्पति जगत अस्तित्व में आता है। पर्यावरण विषय में वनस्पति की भूमिका को समझाते हुए यह जानने का प्रयत्न किया जाता है, कि वनस्पति किस प्रकार पर्यावरण अवनयन के सुधार में सहायता प्रदान कर सकती है।इस प्रकार वनस्पति शास्त्र की शिक्षा या जानकारी के बिना पर्यावरण अध्ययन अधूरा एवं एकांगी है। 1.Botany and Environmental Studies- Botany and environment are interrelated with each other. Environment is called
the base of the plant world.The plant world comes into existence only due to the equal adaptation of the elements of the environment like water, air, soil, temperature, rainfall etc.Explaining the role of vegetation in the environment, it is tried to know how vegetation can help in the improvement of environmental degradation. Thus, environmental study is incomplete and one-sided without the education or knowledge of botany. I
hope the above information will be useful and important. पर्यावरण अध्ययन से आप क्या समझते हैं पर्यावरणीय अध्ययन की बहु विषयक प्रकृति का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए?“विज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवों तथा उनके पर्यावरण के विभिन्न अवयवों अर्थात जैविक भौतक रसायनिक कारकों आदि के साथ जटिल पारस्परिक सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है।" "पर्यावरण किसी क्षेत्र विशेष की भौतिक व जैविक स्थिति या परिवेश जो किसी जीव या प्रजाति को प्रभावित करती हो ।
पर्यावरण अध्ययन से आपका क्या अभिप्राय है पर्यावरण अध्ययन की प्रकृति के बारे में संक्षेप में चर्चा करें?पर्यावरण अध्ययन अपने आप में अलग से कोई विषय नहीं है। इसके अन्तर्गत विभिन्न विषयों- विज्ञान, सामाजिक अध्ययन, इतिहास एवं भूगोल आदि की अवधारणाओं का उपयोग करते हुए प्राथमिक कक्षाओं में इनकी आधारभूमि तैयार की जाती है। ये विषय विभिन्न प्रकार की क्षमताओं की मांग करते हैं।
पर्यावरण अध्ययन को आप क्या समझते हैं?पर्यावरण अध्ययन पर्यावरण अध्ययन जीव विज्ञान, भू-विज्ञान, राजनीति विज्ञान, रसायन विज्ञान आदि विषयों का एक अंतरानुशासनिक संयोग है, जो प्रकृति पर मानवीय क्रियाकलापों के प्रभावों का अध्ययन करता है। यह विषय अध्येताओं को पर्यावरण संबंधी मुद्दों की जटिलताओं को समझने में मदद करता है।
पर्यावरण अध्ययन के बहुआयामी स्वरूप से आप क्या समझते हैं?पर्यावरण अध्ययन की बहुविषयी प्रकृति || Multidisciplinary Nature of Environmental Studies. पर्यावरण विषय की प्रकृति बहुविषयी है। यह एक से अधिक विषयों का समन्वित रूप है,इसका संबंध अनेक विषयों से है। प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञान की अनेक शाखाओं में पर्यावरण का तथा पर्यावरण में इन शाखाओं का अध्ययन किया जाता है।
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