Fasting rules on Pradosh 2022: हर व्रतों में प्रदोष व्रत का बेहद महत्व होता है। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए महीने में दो बार प्रदोष का व्रत आता है। ऐसे में व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, किस तरह व्रत का पालन करना चाहिए आइए हम आपको बताते हैं। Show
Mumbai, First Published May 13, 2022, 6:00 AM IST फूड डेस्क: भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त प्रदोष का व्रत रखते हैं। इस बार प्रदोष शुक्रवार यानी कि 13 मई 2022 को आ रहा है। शुक्रवार को होने के चलते इस व्रत का बेहद महत्व माना जा रहा है। इसे शुक्र प्रदोष (Shukra Pradosh 2022) कहा जाता है। शुक्र प्रदोष व्रत करने से शुक्र ग्रह से संबंधित दोष खत्म होते हैं। प्रदोष व्रत के दौरान भक्त पूरे दिन या 24 घंटे का व्रत रखते हैं। कुछ लोग इस दौरान निर्जला व्रत रखते हैं और कुछ फलाहार करके रखते हैं। लेकिन बड़ा सवाल होता है कि व्रत के दौरान क्या खाया जाए (Pradosh Vrat food) और क्या नहीं? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं प्रदोष व्रत को किस तरह से करना चाहिए, खाने में किन चीजों को शामिल करना चाहिए और किनसे हमें दूरी बनाकर रखनी चाहिए... 24
घंटे का व्रत सूर्य उदय से सूर्यास्त तक व्रत प्रदोष
व्रत के दौरान क्या खाएं इसके अलावा आप व्रत के दौरान सात्विक चीजें जैसे- मावा बर्फी, आलू का हलवा, समा चावल की खीर, नारियल की बर्फी, आलू का पापड़, केले के चिप्स, अरबी की सूखी सब्जी, लौकी की सब्जी, सिंघाड़े के आटे के पराठे, कुट्टू के आटे के पराठे या साबूदाने का सेवन कर सकते हैं। इन चीजों से बनाए दूरी गर्मियों में ऐसे रखें खुद को हाइड्रेट ये भी पढ़ें- Shukra Pradosh 2022: हर संकट दूर करता है प्रदोष व्रत, 13 मई को इस विधि से करें पूजा, ये हैं शुभ मुहूर्त Last Updated May 13, 2022, 8:27 AM IST
प्रदोष व्रत में खाने के लिये अनेक स्वादिष्ट फलाहारी व्यंजनों की सचित्र रेसिपी आसान स्टेप्स के साथ साझा कर रहे हैं। इन स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक व्रत के आहार का सेवन कर प्रदोष के व्रत को श्रद्धा पूर्वक पूर्ण कीजिये। शास्त्रों के अनुसार त्रयोदशी व्रत या प्रदोष व्रत त्रयोदशी (तेरस) के दिन रखा जाता है। सोमवार को आने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोषम और मंगलवार के प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत बोला जाता है। प्रदोष व्रत करने के अनेक लाभ है शिवपुराण में ऐसा बताया गया है की प्रदोष व्रत करने से उम्र बढ़ती है और शरीर निरोगी रहता है। कुछ लोग सर्वदा सुखी वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति के लिए भी ये व्रत करते हैं। माना जाता है कि त्रयोदशी व्रत करने वाले को सौ गाय दान करने के समान पुण्य मिलता है। प्रदोष व्रत के नियम पूरे दिन रखे जाने वाले इस व्रत में सुबह नित्य कर्म के बाद स्नान करके व्रत का संकल्प लीजिये, सात्विक भोजन और सात्विक विचार रखिये। भगवान शिव को गंगा जल, पुष्प, अक्षत, धतूरा, चंदन, गाय का दूध, भांग, फल और धूप आदि अर्पित करें, इसके बाद ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। संभव हो तो शिव चालीसा का भी पाठ करें। पूजन के पश्चात् घी के दीये से भगवान शिव की आरती करें और पूजा का प्रसाद सभी को वितरित कीजिये। प्रदोष व्रत शुरू करने का उत्तम समय वैशाख का महीना होता है। इस माह को भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना जाता है, हिंदु मानयताओं के अनुसार वैशाख मास कि पहली त्रयोदशी (तेरस) से पहला प्रदोष व्रत शुरू कीजिये। सात्विक रूप से बने फलाहार को प्रदोष व्रत में क्या खाया जाता है। अनेक स्वादिष्ट फलाहारी व्यंजन जैसे मावा बर्फ़ी, आलू का हलवा, मेवा पाग, समा चावल खीर, नारियल की बर्फी, आलू का पापड़, भुना हुआ नमकीन काजू, केले के चिप्स, अरबी की सूखी सब्जी, लौकी की तरी वाली सब्जी, सिंघाड़े आटे के पराठे, कुटू के आटे के पराठे बनाने की विधि हमने इस आर्टिकल में बताई हैं। आप ध्यान रखिये कि प्रदोष व्रत में केवल सेंधा नमक ही खा सकते हैं। मावे की बर्फीभारत में मावे का उपयोग लगभग हर लज़ीज़ खाने में होता है। मावे से कई अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाये जाते हैं। उन्ही में से प्रथम है मावे की बर्फी, जो बेहद स्वादिस्ट और पोस्टिक… Read Recipe आलू का हलवाउबले हुए आलू, दूध और घी के साथ आसानी से बन जाने वाला यह स्वादिस्ट हलुआ आप किसी भी व्रत उपवास में खा सकते हैं, यह एक बहुत ताकत वाली मिठाई है… Read Recipe मेवा की पंजीरी – मेवा पागभारतवर्ष में सभी प्रमुख त्योहारों में जन्माष्टमी का त्योहार अपना एक विशेष स्थान रखता है भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के उपलक्ष में हम लोग यह व्रत रखते हैं। बचपन से हम देखते आ रहे… Read Recipe बादाम का हलवाभारतीय परंपरा में बादाम का हलवा किसी भी तरह के त्यौहारों का कभी ना अलग होने वाला भाग है। इसे आम दिनों में भी खा सकते हैं! ठंड के दिनों में, हमारी दादी-नानी बच्चों को… Read Recipe समा चावल खीरसमा (शयमा)चावल आमतौर पर व्रत के दिनों में खाए जाने वाले एक विशेष प्रकार के चावल हैं. देखने में यह चावल सूजी से थोड़े बड़े और दलिया से थोड़े छोटे दाने होते हैं…. 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इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। जहां तक व्रत के दौरान खाने की बात है, तो आप दूध का सेवन कर सकते हैं या दूध से बनी चीजें जैसे- दही, श्रीखंड या पनीर खा सकते हैं। शाम को या अगले दिन जब आप अपना व्रत खोले तो हरे मूंग का सेवन करें, क्योंकि हरा मूंग पृथ्वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है।
प्रदोष व्रत में भोजन कब करें?कहते हैं प्रदोष काल में पूजन से पहले एक बार पुनः स्नान कर लेना चाहिए. पूजन के बाद ही भोजन ग्रहण करें. शरीर से कमजरो या रोगी लोग व्रत के दौरान एक बार फलाहार कर सकते हैं. बार-बार फलाहार करके मुंह झूठा नहीं करना चाहिए.
प्रदोष व्रत के नियम क्या है?प्रदोष व्रत के नियम और विधि
- स्नान आदि करने के बाद आप साफ़ वस्त्र पहन लें. - उसके बाद आप बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें. - इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है. - पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से कुछ देर पहले दोबारा स्नान कर लें और सफ़ेद रंग का वस्त्र धारण करें.
प्रदोष व्रत कौन से महीने से शुरू करना चाहिए?शास्त्रानुसार प्रदोष-व्रत किसी भी मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी से प्रारंभ किया जा सकता है। श्रावण व कार्तिक मास प्रदोष-व्रत को प्रारंभ करने के लिए अधिक श्रेष्ठ माने गए हैं।
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