बात-बात में पैरासिटामॉल और पेनकिलर खाने से पहले जानें इनके नुकसान के बारे मेंneha seth | Show
नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 10 Feb 2020, 11:56 am शरीर में दिखने वाले ऐसे लक्षण जो किसी बड़ी बीमारी का संकेत नहीं होते या फिर किसी भी तरह का छोटा-मोटा दर्द हो तो उन्हें दबाने के लिए अक्सर हम पेनकिलर खा लेते हैं। लेकिन इनके कितने नुकसान हैं क्या आप जानते हैं?
पढ़ें: ऐंटिबायॉटिक रेजिस्टेंस को कम करती है ग्रीन टी पैरासिटामॉल से अल्सर का खतरा आइब्रूप्रोफेन से हाई बीपी की समस्या इब्रूप्रोफेन और पैरासिटामॉल को मिलाकर जो सबसे कॉमन पेनकिलर बनती है वो है कॉम्बिफ्लेम और यह सबसे कॉमन पेनकिलर है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर लोग करते हैं। लेकिन इस दवा का भी बहुत ज्यादा सेवन करने से लंग्स की प्रॉब्लम हो सकती है और अस्थमा भी हो सकता है। इसके अलावा हाई बीपी, प्रॉस्टेट से जुड़ी दिक्कतें और थाइरॉयड प्रॉब्लम भी हो सकती है। कफ सीरप से विजन लॉस का खतरा ऐंटिबायॉटिक्स के साइड इफेक्ट्स से बचाते हैं प्रोबायॉटिक्स कब्ज या कॉन्स्टिपेशन की दिक्कत मुंह सूखना Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें Updated on: 26 April 2022, 12:41 pm IST
आपके फर्स्ट एड बॉक्स (First aid box) में पेरासिटामोल (Paracetamol) एक जरूरी दवा के रूप में रहती है। कोविड-19 (Covid-19) से मुकाबले में ये दवा आपके सबसे ज्यादा काम आई है। सिर्फ इतना ही नहीं वैक्सीन लेने के बाद जब आपने बुखार महसूस किया, तो आपके डॉक्टर ने आपको पेरासिटामोल लेने की ही सलाह दी। सिर दर्द (Headache) , बदन दर्द (Body pain) से लेकर बुखार (Fever) तक में हम इस दवा पर भरोसा करते हैं। इतना ज्यादा कि, कभी-कभी तो बच्चों के लिए भी हम इसकी आधी गोली दे देते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि कुछ स्थितियों में ये सबसे सुरक्षित दवा भी जोखिमकारक हो सकती है। कोई भी दवा जब वह बिना डॉक्टरी सलाह के या अत्यधिक मात्रा में ली जाती है, तो वह स्वास्थ्य के लिए परेशानियां खड़ी कर सकती है। पेरासिटामोल जिसे अभी तक सबसे सेफ दवा माना जाता है, उसके बारे में हमने एक्सपर्ट से कुछ जरूरी सवाल पूछे। इनके जवाब दे रहे हैं डॉ आरवीएस भल्ला, एचओडी और निदेशक – इंटरनल मेडिसीन, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, फरीदाबाद। 1 क्यों खास है ये एक दवा ?पेरासिटामोल बहुत सेफ दवाइयों में से एक है। इसे हम सभी उम्र के में दे सकते हैं, यहां तक कि गर्भवती महिलाओं को भी। कोविड-19 से रिकवरी में ये दवा सबसे ज्यादा काम आई। चित्र: शटरस्टॉककुछ लोगो को कभी-कभी एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है, जिससे शरीर में दाने, खुजली या होठों पर सूजन हो सकती है। साइड इफैक्ट्स न हों इसके लिये हमे ध्यान रखना चाहिए कि इसे रेकमेंडेड मात्रा से ज्यादा न लें और कम से कम चार घंटे के अंतर के बाद ही लें। एक दिन मै 3-4g से ज्यादा न लें और अगर आपको लिवर की बीमारी है या अधिक मात्रा में शराब लेते हैं तो 2g से ज्यादा न लें। 2 क्या खतरनाक हो सकता है लंबे समय तक ये दवा लेना?इसे कई सालों तक लिया जा सकता है। इसलिए यह कई देशों मे दुकानों पर बिना डॉक्टरी परामर्श के भी मिल जाती है। यानी यह ओवर द काउंटर ड्रग (OTC drug) है। कुछ रिपोर्टों में यह पाया गया है कि बहुत देर तक दवाई लेने से कभी-कभी हार्ट अटैक, पेट से ब्लीडिंग या किडनी के प्रोब्लम्स हो सकते है। लेकिन इन रिपोर्टो का पूरी तरह पुष्टिकरण नहीं हुआ है! इसलिए दवा को नियमित मात्रा और टाइम के हिसाब से ही लेना चाहिए। इसे चार घंटे से पहले दोबारा न लें। जिन लोगों को खून पतला रखने की दवा किडनी या फिर लिवर की बीमारी हो उन्हें डॉक्टर की सलाह के बगैर दवा नहीं लेनी चाहिए। 3 कब और कितनी डोज़ है सुरक्षित ?
4 कब हो सकते हैं पैरासिटामोल के साइड इफैक्ट ?पैरासिटामोल की खुराक भोजन के बाद या बिना भोजन किए भी ली जा सकती है। पैरासिटामोल की ओवरडोज़ लेने पर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। लेकिन यदि सही मात्रा में इसे लिया जाता है, तो साइड इफेक्ट्स की आशंका न के बराबर होती है। यह उन दवाओं के साथ नहीं लेनी चाहिए, जिनमें पैरासिटामोल भी मौजूद हो। यदि आप दो अलग-अलग ऐसी दवाएं लेते हैं, जिनमें पैरासिटामोल है तो ऐसे में ओवरडोज़ का जोखिम रहता है। कुछ मरीज़ों को गोली लेने के बाद मितली आने, पेट में बेचैनी महसूस होने, उल्टी होने, बेहोशीपन जैसी शिकायतें हो सकती हैं। कुछ को साइड इफेक्ट्स के तौर पर चेहरे, होंठ, गले पर सूजन और त्वचा पर रैशेज़ जैसी समस्या भी हो सकती है। 5 किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए बिना डॉक्टरी सलाह के ये दवा?ब्लड थिनर दवाओं को लेने वाले, गुर्दे या हृदय रोगों से पीड़ित लोगों को बिना डॉक्टर की सलाह के पैरासिटामोल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसी तरह, लिवर की समस्याओं से ग्रस्त लोगों को भी इसे लेते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। नियमित रूप से शराब का सेवन करने वाले लोगों को पैरासिटामोल की कम डोज़ लेनी चाहिए। साथ ही, केमिस्ट पर मिलने वाली खांसी, जुकाम, एलर्जी या दर्दनाशक दवाओं को भी डॉक्टर या फार्मासिस्ट की सलाह के बगैर नहीं लेना चाहिए। चलते-चलतेपैरासिटामोल कई दवाओं में मौजूद होती है। यदि आप कुछ खास तरह के उत्पादों का प्रयोग करते हैं तो आप गलती से पैरासिटामोल की अत्यधिक मात्रा का सेवन कर सकते हैं। इसलिए केवल उन्हीं दवाओं का सेवन करें, जिनकी सलाह आपके डाॅक्टर ने आपको दी है। अगर आप पहले से किसी और दवा का सेवन कर रहीं हैं, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें। यह भी पढ़ें – हेल्दी बेबी चाहिए, तो प्रेगनेंसी से पहले अपने दिल का भी रखें ख्याल, हार्ट हेल्थ पर जरूरी है इस शोध को पढ़ना बिना बुखार के पेरासिटामोल खाने से क्या होता है?पैरासिटामॉल दवा का इस्तेमाल आमतौर पर फीवर होने पर किया जाता है। लेकिन अगर डॉक्टर से पूछे बिना और प्रिस्क्रिप्शन के बिना इस दवा का बहुत ज्यादा सेवन किया जाए तो इससे ऐसिडिटी और पेट में अल्सर होने का खतरा रहता है। स्थिति गंभीर होने पर खून की उल्टी भी हो सकती है। बुखार है तो डॉक्टर को दिखाएं।
पेरासिटामोल कब खानी चाहिए?पेरासिटामोल दर्द से राहत देता है। यह शरीर के तापमान में वृद्धि (बुखार) को भी कम करता है। यदि आवश्यक हो तो आप प्रत्येक 4-6 घंटे में पेरासिटामोल की खुराक ले सकते हैं, लेकिन 24 घंटे की अवधि में चार से अधिक खुराक नहीं लें। पेरासिटामोल वाले किसी अन्य दवा के साथ पेरासिटामोल को नहीं लें।
पेरासिटामोल 500 mg खाने से क्या होता है?पेरासिटामोल 500 एमजी टैबलेट (Paracetamol 500 MG Tablet) को दर्द निवारक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह मुख्य रूप से तीव्र दर्द का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। तीव्र दर्द की स्थितियों में पीठ दर्द, सिरदर्द, गठिया और दांत दर्द आदि शामिल हैं।
पेरासिटामोल कौन कौन सी बीमारी में काम आता है?पेरासिटामोल (Paracetamol) को दर्द निवारक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह मुख्य रूप से तीव्र दर्द का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। तीव्र दर्द की स्थितियों में पीठ दर्द, सिरदर्द, गठिया और दांत दर्द आदि शामिल हैं। सक्रिय संघटक एनाल्जेसिक की श्रेणी में आता है, एनएसएआईडी की श्रेणी से संबंधित है।
|