Show प्रोलैक्टिन की 3-डी संरचना प्रोलेक्टिन एक कार्बनिक यौगिक है एवं जंतुओं में हार्मोन की तरह कार्य करता है। महिलाओं में इसका सम्बन्ध दूग्ध निर्माण से है।
यह हार्मोन महिलाओं में गर्भकाल के दौरान स्तनों में वृद्धि और दुग्ध स्त्रावण का प्रेरक है इसके साथ ही यह पक्षियों में घोसलें का निर्माण , पैतृक संरक्षण , कबूतर में क्रॉप ग्रंथि के निर्माण में प्रेरित करता है । प्रोलेक्टिन बढ़ने से क्या होता है?प्रोलैक्टिन का अधिक उत्पादन
यह क्या है? -यदि प्रोलैक्टिन उत्पादन सामान्य से अधिक है, तो यह एस्ट्रोजन के उत्पादन को दबा देगा, जो बदले में पीरियड्स और प्रजनन क्षमता की नियमितता को प्रभावित करता है। -मुंहासे के साथ चेहरे और शरीर पर बाल की वृद्धि। -स्तनों से मिल्क निकलना (हालांकि महिला स्तनपान नहीं करा रही है। )
प्रोलैक्टिन हार्मोन की कमी से क्या होता है?प्रोलैक्टिन
यदि आपके प्रोलैक्टिन का स्तर सामान्य नहीं है, तो आपको अनियमित मासिकधर्म का अनुभव हो सकता है और आपको ओव्यूलेशन की समस्या हो सकती है।
महिलाओं में प्रोलैक्टिन हार्मोन का क्या कार्य है?यह हार्मोन महिलाओं में गर्भकाल के दौरान स्तनों में वृद्धि और दुग्ध स्त्रावण का प्रेरक है इसके साथ ही यह पक्षियों में घोसलें का निर्माण , पैतृक संरक्षण , कबूतर में क्रॉप ग्रंथि के निर्माण में प्रेरित करता है ।
महिलाओं में प्रोलैक्टिन हार्मोन कितना होना चाहिए?प्रेग्नेंसी के लिए मासिक चक्र के दौरान एफएसएच का नॉर्मल लेवल 4.7 और 8 आईयू/लीटर के बीच होना चाहिए। ये लेवल बिना किसी गर्भ निरोधक दवा के सेवन के बिना होना चाहिए। इस हार्मोन के लेवल की जांच के लिए एफएसएच टेस्ट करवाया जाता है। पुरुषों और महिलाओं का दोनों का ही ये टेस्ट करवाया जाता है।
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