आज हम अपने लेख में बात करेंगे Olympic Khel Kya Hota Hai, Olympic game kya hai, इसको कैसे खेला जाता है, भारत ने इस खेल में कौन-कौन से मेडल अपने नाम किया है, तथा ओलंपिक में कूल कितने खेल होते है इत्यादि सारी जानकारी इस खेल का आज हमलोग अपने लेख में जानेंगे आज। Show
तो चलिय दोस्तो आज अपने इस लेख के माध्यम से ओलम्पिक खेल को पूरे विस्तार से जानते है। वैसे बहुत से लोग है, जिनको इसके बारे में कोई जानकारी नही है,तो ध्यान से इस लेख को देखिए इसमें ओलंपिक खेल से जुड़ी सारी जानकारी आपको मिलेगी। विषय - सूची
ओलंपिक खेल(Olympic Games) – ओलंपिक खेल सारे प्रतियोगिताओ में होने वाली सब खेल में अग्रणी खेल है, जिसमें हजारों एथलीट कई प्रकार के खेलों में भाग लेते है। ओलंपिक की शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन प्रतियोगिताओ में 200 से ज्यादा देश प्रतिभाग के रुप मे शामिल होते है।। ओलंपिक खेल प्रत्येक 4 वर्षों में आयोजित होता है। ओलंपिक खेल में दुनिया के कोने- कोने से हजारों की संख्या में खिलाड़ि भाग लेते है, और अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने का सपना रखते है, जो कोई भी खिलाड़ी इस लक्ष्य को प्राप्त करता है, उसका नाम पूरे देश के साथ – साथ किताबों में भी एक चर्चा का विषय बन जाता है, इसलिए इसको पाने के लिए सालो – साल कड़ी मेहनत करते है। इस अंतराष्ट्रीय ओलंपिक खेल का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि दुनिया को एकजुट करके विश्व- शांति स्थापित करने का कार्य करती है। ओलंपिक की यह प्रतियोगिता ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन प्ररूपो के अलावा यूथ ओलंपिक ( जिसमें 14 साल से 18 साल के युवा ) भाग लेते है।। और पैरालंपिक ( जिसमे दिव्यांग – जन या विकलांग – जन प्रतियोगी भाग लेते है ) के प्ररूपो में भी खेली जाती है। ओलिंपिक खेल का इतिहास History of Olympic Games in Hindiप्राचीन ओलंपिक खेलों का इतिहास- यदि प्राचीन ओलंपिक खेलों के इतिहास के बारे में बात करे तो ओलंपिक खेलों का इतिहास लगभग 2800 वर्ष पुराना बताया जाता है।। अगर इतिहासकारो की माने तो उनके अनुसार सबसे पहले इन खेलों का आयोजन 776 BC में यूनान (ग्रीस) के देवता ज्युस (जीसस) के सम्मान में किया गया था। कहा जाता है कि इस समय इस खेल में सिर्फ पुरूष ही भाग लेते थे, और दर्शक बनकर इस खेल का आनंद भी लेते थे। इसके बाद 394 AD आते-आते रोम (इटली) के सम्राट थियोडीसीयस ने इन खेलों की मूर्ति पूजा का उत्सव बताकर इन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश घोषणा कर दिया। इसके बाद यह खेल छोटे- मोटे वर्गों के बीच अलग-अलग प्रकार की प्रतिस्पर्धा के रूप में होते रहे,लेकिन इन खेलों के आयोजन पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा रहा। आधुनिक ओलंपिक खेल का इतिहास – अगर आधुनिक ओलंपिक खेलों की इतिहास की बात करे तो इसका मुख्य क्षेय ” बैरोन पियरे डिकोबरटीन को दिया जाता है’। इन्होंने ही इस खेल का शुभारंभ 1894 में यूनान ( ग्रीस ) के ओलंपिया-स्टेडियंम में दुनिया भर के खिलाड़ियों को बुला कर इस खेल का आयोजन रखा और यह आयोजन सफल भी रहा। इसके बाद सबके पहले सन, 1896 में यूनान (ग्रीस) की राजधानी एथेंस के ओलंपिया स्टेडियम में इन खेलो का आयोजन किया गया, जिनका नाम ओलंपिक खेल रखा गया। इसके 4 साल बाद 1900 में दुबारा से इस खेल का आयोजन पेरिस जो कि फ्रांस की राजधानी है, उसमे किया गया।। और इसी समय से इस खेल के दूसरे चरण में महिलाओं ने भी भाग लेना शुरू कर दिया। और देखते – देखते इसी प्रकार इस खेल का आयोजन हर 4 वर्ष में होने लगा। जो कि 1904 में तीसरा चरण सेंट लुइस तथा चौथा चरण 1908 में लंदन में संपन्न हुआ। ओलिंपिक खेल का सञ्चालन कौन करता है.दुनिया की सबसे अंतराष्ट्रीय बहु- प्रतियोष्ठित ओलंपिक खेलों का आयोजन ” अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति” के द्वारा किया जाता है। यह समिति इन खेलों से जुड़ी सारी फैसला लेती है, जैसे कि कौन से खेल को ओलंपिक में डालना है, इन खेल का आयोजन कब और कहाँ करना है,, इत्यादि इस खेल के सारे फैसले यही समिति के द्वारा गठन किया जाता है। इस समिति ( ioc ) की स्थापना 23 जून 1894 ई0 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई थी। जिसका मुख्यालय लौसेन स्विट्जरलैंड में है। जानकारी के लिए बता दे कि अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति में वर्तमान (2021) में कुल 103 सदस्यों की संख्या है, जिसमें ioc के मौजूद अध्यक्ष थॉमस बॉस हैं। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल (Summer Olympic Games)ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलो कि बात करे तो इन खेलों का आयोजन गर्मी के दिनों में किया जाता है। इसके अलावा सबसे पहले आधुनिक ओलंपिक प्रारूप के तौर पर इन्ही खेलो का शुरुआत हुई थी। इनकी शुरुआत 1896 ई0 में एथेंस, यूनान (ग्रीस) में कई गयी थी, जो कि आजतक 4 वर्षों के अंतराल के तौर पर अंतरष्ट्रीय ओलंपिक समिति के द्वारा दुनिया भर में आयोजित किया जाते है। शीतकालीन ओलम्पिक खेल (Winter Olympic Games)शीतकालीन ओलंपिक खेलों की बात करें तो इसका आयोजन सर्दियों में किया जाता है। इसके अलावा शीतकालीन ओलंपिक खेलो का आयोजन सबसे पहले अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के द्वारा सन, 1924 पेरिस, फ्रांस में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के साथ इसका आयोजन किया गया। इसके बाद लगातार 1992 तक इस खेल शीतकालीन ओलंपिक खेल का आयोजन ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के साथ ही होता रहा।। लेकिन1992 में अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को लगा कि एक साथ दोनों को पूरा करना बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि इन दोनों का आयोजन – स्थल अलग-अलग होते हैं। जिसमें 1994 लिलीहामर में शीतकालीन ओलंपिक अलग आयोजित कराए गए, इसके बाद 1998 में नागनो और 2002 में साल्ट लेक सीटी में शीतकालीन ओलंपिक खेल का आयोजन किया गया। आपको जानकारी के लिए बता दे कि शीतकालीन ( शर्दी ) ओलंपिक में बर्फ़ से जुड़े खेल ही खेले जाते है। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और शीतकालीन ओलंपिक में क्या अंतर है?दोनो शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में मुख्य रूप से अंतर यह है कि दोनों खेलो का आयोजन अंतरष्ट्रीय ओलंपिक समिति ioc के द्वारा प्रत्येक 2 वर्षों के अंतराल पर किया जाता है। उन दोनों के बीच में अंतर उन स्थानों का है जहाँ पे वे आयोजित हुए थे, और वे खेल जो वे प्रदर्शित करते है। शीतकालीन ओलंपिक जैसा कि नाम से पता चलता है, विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में आयोजित किये जाते है, इसलिए इन्हें शीतकालीन खेल भी कहा जाता है। कुछ लोकप्रिय शीतकालीन खेल जैसे, आइस-स्केटिंग, फिगर-स्केटिंग, आइस-हॉकी, स्नोबोर्डिंग, स्किंग आदि जैसे शीतकालीन खेल है। यह खेल एक मेजबान शहर में 2-3 सप्ताह की अवधि के लिए आयोजित होता है। इस खेल में विजेता को स्वर्ण पदक प्राप्त होता है, तथा पहले रनर अप ने रजत पदक तथा दूसरे रनर अप को कांस्य पदक से सम्मानित किया जाता है। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल है जो मुख्यह गर्मियों के मौसम में आयोजित किये जाते है। ग्रीष्मकालीन खेल में आयोजित खेल और खेल का आयोजन शीतकालीन खेल के आयोजन के बिल्कुल विपरीत होती है। यह कहना भी उचित है कि यह प्रतियोगिता जो दुनिया की सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी और सबसे अधिक खेल की घटनाओं का अनुसरण करती है। इन आयोजनों में एथलेटिक्स, फुटबॉल, बास्केटबॉल, तैराकी, भारोत्तोलन, हॉकी, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, जिमनास्टिक, आदि शामिल हैं। शीतकालीन ओलंपिक खेल के अनुसार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक भी 2-3 सप्ताह आयोजित की जाती हैं, और इसमें शीतकालीन जैसे ही पदक देने की प्रक्रिया है। इन दोनों खेलो में जीत का वर्चस्व जो हैं वो संयुक्त राज्य अमेरिका के पास है। यह भी पढ़े: Live Cricket Match Score Kaise Dekhe भारत में ओलिंपिक खेल का इतिहास .भारत के ओलंपिक खेलों की इतिहास बात करे तो भारत ने सबसे पहले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के दूसरे चरण में वर्ष 1900 पेरिस (फ्रांस) ओलंपिक में हिस्सा लिया था। जिसमें कोलकाता के ब्रिटिश भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन गिल्बर्ट परिचर्ड ने भारत का प्रतिनितत्व करते हुए 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौर में 2 रजत पदक जीते थे। इसके बाद भारत ने 20 वर्ष तक किसी भी ओलंपिक में हिस्सा नही लिया, लेकिन साल 1920 में एंटवर्प बेल्जियम ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत ने दुबारा हिस्सा लिया। लेकिन इस बार उसे बिना किसी पदक के ही संतोष करना पड़ा। लेकिन उसके बाद से भारत हर ओलंपिक में अपना हिस्सा लेते आ रहा है। भारत ने अपने ओलंपिक के इतिहास में आज तक कुल 28 पदक अपने नाम किया है। जिसमें भारत को 9 स्वर्ण पदक ( 8 स्वर्ण पदक हॉकी में तथा 1 स्वर्ण पदक निशानेबाजी में ), 7 रजत पदक तथा 12 कांस्य पदक प्राप्त हुआ है। बता दे कि भारत की हॉकी टीम ओलंपिक के इतिहास में आज तक की सबसे सफल टीम है। जिसका रेकॉर्ड तोड़ना लगभग पूरी दुनिया के लिए असंभव है। भारत ने हॉकी में लगातार 6 स्वर्ण पदक (1928,1932,1936,1948,1952,1956,1964,1980 ) के साथ कुल 8 स्वर्ण पदक 1 रजत पदक तथा 2 कांस्य पदक जीता है। ओलिंपिक में कुल कितने खेल होते है.2016 रियो डी जेनेरियो (ब्राजील) में आयोजित समर ओलंपिक में कुल खेलों की संख्या 28 थी। लेकिन आगामी 2021 टोक्यो जपान समर ओलंपिक के लिए 5 नई खेल( बेसबॉल/सॉफ्टबॉल, सर्फिंग, स्केटबिर्डिंग, चढ़ाई/स्पोर्ट क्लाइंबिंग, कराटे ) को और शामिल किया गया है। जिसके बाद ओलंपिक खेलो कि संख्या बढ़कर 33 हो गयी है। चलिय जानते हैं ओलंपिक खेलों को
ओलंपिक मेडल की कितनी होती है कीमत?गोल्ड मेडल में गोल्ड 1%, सिल्वर 92.5 % तथा कॉपर 6.5% होता है। अगर गोल्ड मेडल में सिर्फ गोल्ड दिया हुआ हो तो इसकी किमत लगभग डेढ़ लाख भारतीय रुपये पहुंच जाती है। सिल्वर मेडल भी लगभग 22000 भारतीय रुपये के पास पहुंच जाती है। ब्रॉन्ज मेडल में 97% कॉपर 2.5% जिंक तथा 0.5% टिन की मात्रा रहती है। जिसका कीमत भारत मे 315 रुपये पहुंच जाती है। जानकार बताते हैं कि अभी के मार्केट वैल्यू के मुताबिक अगर इन पदकों को पिघलाया जाए तो स्वर्ण पदक की कीमत करीब US $800 डॉलर यानी 59,319 रुपये होगी। वहीं, रजत और कांस्य मेडलों की कीमत क्रमशः $450 और $5 है। हालांकि, पिघलाने की तुलना में सामान्य पदक की कीमत ज्यादा होती है। ओलंपिक में खिलाड़ियों को क्या-क्या मिलता है?ओलंपिक एसोसिएशन के द्वारा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को पदकों से ही नवाजा जाता है। हालांकि, कई देश में सम्मान स्वरूप खिलाड़ियों को अलग-अलग चीजें बतौर पुरस्कार दिया जाता है। ओलिंपिक के बारे में कुछ रोचक जानकारी
Final Words on Olympic Gamesइस लेख के माध्यम से हमने जाना कि ओलम्पिक खेल क्या होते है। ओलंपिक खेलों से जुड़े लगभग सारी जानकारी को हमने इस लेख में जाना । इस लेख को लिखने के लिए हमने बहुत मेहनत किये है, इसलिए आपलोगो से उम्मीद करता हू की यहाँ तक अगर आपने इस लेख को अच्छे या ध्यान से पढ़ चुके है तो आपको और कही जाने की जरूरत नही पड़ेगी। आशा करता हूं कि मेरे द्वारा बताए गए जानकारी आपको अच्छा लगा हो, अगर मेरे द्वारा दिये गए जानकारी से आप संतुष्ट है, तो इसको अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। अपने दोस्तों को जरूर बताएं जिस से उनलोगों को भी इसके बारे में जानकारी मिल सके। धन्यवाद। प्राचीन ओलंपिक खेल कितने वर्ष के अंतराल पर होते थे?हर चार साल पर होने वाले ओलम्पिक खेल के वर्ष को ओलंपियाड के नाम से भी जाना जाता था। ओलम्पिक खेल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता है।
कितने वर्षों के अंतराल पर होता है?भारत में, जनगणना 10 वर्षों के अंतराल के बाद की जाती है।
आधुनिक ओलंपिक खेल कितने वर्षों के अंतराल के बाद आरंभ हुए?ओलम्पिक की शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन प्रतियोगिताओं में 200 से ज्यादा देश प्रतिभाग के रूपमें शामिल होते हैं। ओलम्पिक खेल प्रत्येक चार वर्ष के अंतराल में खेला जाता है।.
1 ओलंपिक कितने वर्षों के बाद आयोजित किया जाता है A तीन B पांच C चार D दो?ओलंपिक खेल वर्ष 1948 से प्रत्येक चार वर्ष में आयोजित किये जाते हैं। हालाँकि टोक्यो ओलंपिक खेल, 2020 के आयोजन को कोविड महामारी के कारण वर्ष 2021 तक के लिये स्थगित कर दिया गया था।
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