प्रच्छन्न बेरोजगारी में क्या अंतर है? - prachchhann berojagaaree mein kya antar hai?

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  5. खुली और प्रच्छन्न बेरोजगारी के बीच अंतर।

खुली बेरोजगारी-

खुली बेरोजगारी उस स्थिति को संदर्भित करती है जब लोगों को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी भी तरह का काम नहीं मिलता है और वे पूरी तरह से निष्क्रिय रहते हैं।

प्रच्छन्न बेरोजगारी-

प्रच्छन्न बेरोजगारी उस स्थिति को संदर्भित करती है जब लोग स्पष्ट रूप से काम कर रहे होते हैं लेकिन उन सभी को पूरे दिन अपनी क्षमता से कम काम करने और थोड़ा कमाने के लिए मजबूर किया जाता है।

खुली और प्रच्छन्न बेरोजगारी के बीच महत्वपूर्ण अंतर-

खुली बेरोजगारी-

  • इस बेरोजगारी में, व्यक्ति के पास कोई नौकरी नहीं है और वह अपनी आजीविका कमाने में असमर्थ है।
  • यह दूसरों को स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
  • यह बेरोजगारी शिक्षित बेरोजगारों में विद्यमान है।
  • लोगों की बेरोजगारी एक अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन को प्रभावित करेगी।
  • इसमें व्यक्ति काम करने को तैयार होता है, लेकिन काम नहीं मिल पाता।

प्रच्छन्न बेरोजगारी-

  • इस बेरोजगारी में व्यक्ति ऐसे स्थान पर कार्य करता है जहाँ अधिक लोगों की आवश्यकता नहीं होती है।
  • यह बेरोजगारी छिपी है।
  • यह बेरोजगारी ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र में मौजूद है।
  • लोगों की बेरोजगारी वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन को प्रभावित नहीं करेगी क्योंकि यहां पहले से ही आवश्यकता से अधिक श्रमिक हैं।
  • इसमें व्यक्ति काम तो कर रहा है, लेकिन अपनी क्षमता से कम वेतन पर।

प्रश्न और उत्तर (FAQ)

खुली बेरोजगारी किसे कहते हैं।

खुली बेरोजगारी उस स्थिति को संदर्भित करती है जब लोगों को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी भी तरह का काम नहीं मिलता है और वे पूरी तरह से निष्क्रिय रहते हैं।

प्रच्छन्न बेरोजगारी किसे कहते हैं।

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इन्हें भी पढ़ें:- संसाधन के रूप में लोग-

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प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं

प्रच्छन्न बेरोज़गारी से अभिप्राय उस स्थिति से है जिसमें लोग प्रत्यक्ष रूप से काम कर रहे होते हैं, लेकिन सभी अपनी क्षमता से कम काम करते हैं। वास्तव में यह एक अल्प बेरोजगार की स्थिति है।
उदाहरण के लिए शहरी क्षेत्रों में सेवा क्षेत्रक में हज़ारों अनियमित श्रमिक हैं जो दैनिक रोजगार की तलाश करते हैं। वे पलंबर, पेंटर, मुरम्मत कार्य जैसे रोज़गार करते हैं जहाँ वे पूरा दिन बिता देते हैं, परंतु बहुत कम कमा पाते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में प्रच्छन्न बेरोज़गारी कृषि क्षेत्र में विद्यमान है। उदाहरण के लिए यदि एक किसान के पास तीन हेक्टेयर भूमि है, उसके परिवार में सात सदस्य हैं जो सभी कृषि करते हैं परंतु यदि इनमें तीन सदस्यों को इस कार्य से निकाल लिया जाए तो भी पैदावार में कोई अंतर नहीं आता। अत: तीन लोग प्रच्छन्न बेरोज़गार हैं। वे यह काम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके पास कोई बेहतर अवसर नहीं है।

राजस्थान बेरोजगारी से जुड़े प्रश्न उत्तर

‘जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना’ का उद्देश्य क्या है?

(1) ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराना
(2) बेरोजगार युवकों का कौशल विकास करना
(3) ग्रामीण निर्धन परिवारों को आय सृजन के लिए ऋण उपलब्ध कराना
(4) ग्रामीण निर्धनों की अर्जन क्षमता का विकास कर उनका सशक्तिकरण करना एवं उन्हें निर्धनता रेखा से ऊपर उठाना

Answer

ग्रामीण निर्धनों की अर्जन क्षमता का विकास कर उनका सशक्तिकरण करना एवं उन्हें निर्धनता रेखा से ऊपर उठाना

राज्य में वर्तमान बेरोजगारी का सबसे प्रमुख कारण क्या है?

(1) युवाओं का प्रतिभा पलायन
(2) उद्यमियों का दूसरे राज्यों एवं देशों में धन निवेश
(3) श्रम शक्ति में हुई वृद्धि के अनुपात में रोजगार का सृजन न होना
(4) व्यावसायिक शिक्षा का अभाव

Answer

श्रम शक्ति में हुई वृद्धि के अनुपात में रोजगार का सृजन न होना

‘मुख्यमंत्री रोजगार योजना’ राज्य में कब शुरू की गई थी?

(1) 5 अप्रैल, 1999
(2) 11 अक्टूबर, 1999
(3) 31 अगस्त, 2000
(4) 2 अक्टूबर, 2000

राजस्थान में निर्धनता की किस विचारधारा को अपनाया गया है?

(1) निरपेक्ष
(2) सापेक्ष
(3) उपर्युक्त दोनों
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं

वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार राज्य की जनसंख्या का कितना प्रतिशत भाग बेरोजगार था?

(1) 10.63
(2) 38.87
(3) 57.89
(4) 61.03

ग्रामीण गरीबी की दृष्टि से राजस्थान का देश में स्थान है

(1) 17वाँ
(2) 15वाँ
(3) 14वाँ
(4) 18वाँ

शहरी गरीबी की दृष्टि से राजस्थान का देश में स्थान है

(1) 18वाँ
(2) 10वाँ
(3) 12वाँ
(4) 15वाँ

अक्षत योजना में बेरोजगारी भत्ता अधिकतम कितनी अवधि के लिए दिया जाता है ?

(1) 1 वर्ष तक
(2) 2 वर्ष तक
(3) 3 वर्ष तक
(4) 4 वर्ष तक

DPIP का पूरा अर्थ क्या है?

(1) डिस्ट्रिक्ट पॉवर्टी इन्ट्रोडक्शन प्रोग्राम
(2) डिस्ट्रिक्ट पॉपुलेशन इनीशियेटिव प्रोग्राम
(3) डिस्ट्रिक्ट इनीशियेटिव प्रोजेक्ट
(4) डिस्ट्रिक्ट पॉवर्टी इनीशियेटिव प्रोग्राम

Answer

डिस्ट्रिक्ट इनीशियेटिव प्रोजेक्ट

जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना निम्न में से किसके सहयोग से प्रारम्भ की गयी है?

(1) विश्व श्रमिक संघ
(2) विश्व बैंक
(3) केन्द्र सरकार
(4) एशियाई विकास बैंक

राज्य में बीस सूत्री कार्यक्रम की शुरुआत किसके द्वारा की गई?

(1) राजीव गाँधी
(2) इन्दिरा गाँधी
(3) जवाहर लाल नहेरू
(4) लालबहादुर शास्त्री

निर्धनता रेखा को परिभाषित किया जाता है?

(1) प्रति व्यक्ति घरेलू व्यय के रूप में
(2) प्रति परिवार द्वारा की गई बचत के द्वारा
(3) प्रति परिवार की आय द्वारा
(4) प्रति परिवार बेरोजगार सदस्य द्वारा

Answer

प्रति व्यक्ति घरेलू व्यय के रूप में

ग्रामीण क्षेत्रों में कितने कैलोरी तथा कितना व्यय प्रतिदिन करने वाले व्यक्ति को निर्धन माना गया है?

(1) 2100 कैलोरी एवं 15.85 रु. से कम
(2) 2100 कैलोरी एवं 10.57 रु. से कम
(3) 2400 कैलोरी एवं 11.87 रु. से कम
(4) 2400 कैलोरी एवं 18.25 रु. से कम

Answer

2400 कैलोरी एवं 11.87 रु. से कम

इस पोस्ट में प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?शहरी एवं ग्रामीण देशों से उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए। prachhanna berojgari se kya samajhte hain ग्रामीण बेरोजगारी क्या है बेरोजगारी का कारण बनता है प्रच्छन्न और मौसमी बेरोजगारी में क्या अंतर है प्रच्छन्न बेरोजगारी या गुप्त बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं? प्रच्छन्न बेरोजगारी क्यों है? प्रच्छन्न बेरोजगारी में क्या अंतर है? प्रचन बेरोजगारी से क्या अभिप्राय है? प्रच्छन्न बेरोजगारी को और किस नाम से जाना जाता है प्रच्छन्न बेरोजगारी और मौसमी बेरोजगारी में अंतर से संबंधित काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.

प्रच्छन्न मौसमी बेरोजगारी में क्या अंतर है?

प्रच्छन्न और मौसमी बेरोजगरी के बीच अंतर यह है कि प्रच्छन्न बेरोजगारी तब होती है जब अधिशेष श्रम नियोजित होता है। जिसमें से कुछ कर्मचारियों के पास शुन्य या लगभग शून्य सीमांत उत्पादकता होती है। जबकि मौसमी बेरोजगारी तब होती है जब व्यक्ति वर्ष के कुछ निश्चित समय में बेरोजगार होते है क्युकी वे उद्योगों में नियोजित होते है

प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?

Solution : प्रच्छन्न बेरोजगारी उस बेरोजगारी को कहते हैं जिसमें कुछ लोगों की उत्पादकता शून्य होती है अर्थात् यदि इन लोगों को उस काम से हटा भी लिया जाए तो भी उत्पादन में कोई अंतर नहीं आएगा। विकासशील देशों में प्रच्छन्न बेरोजगारी अवसर मौजूद होती है जिनकी बड़ी आबादी श्रम शक्ति में अधिशेष का सृजन करती है।

प्रच्छन्न बेरोजगारी से क्या आशय है यह किस क्षेत्र में पाई जाती है?

प्रच्छन्न बेरोजगारी मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था के कृषि और असंगठित क्षेत्रों में पाई जाती है। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र के रूप में, कृषि कुल जनसंख्या के लगभग 51% को रोजगार प्रदान करती है।

बेरोजगारी की परिभाषा क्या है?

बेरोज़गारी (Unemployment) या बेकारी किसी काम करने के लिए योग्य व उपलब्ध व्यक्ति की वह अवस्था होती है जिसमें उसकी न तो किसी कम्पनी या संस्थान के साथ और न ही अपने ही किसी व्यवसाय में नियुक्ति होती है।