निम्नलिखित दोहों को पढ़कर उसका आशय स्पष्ट कीजिये। Show
रहीम जी कहते हैं। कि सरोवर या किचड़ वाला वह जल धन्य है जिसको पीकर लघु जीव भी अपनी प्यास बुझाते हैं। सागर कोई प्रशंसा नहीं करता क्योंकि संसार वहाँ जाकर भी प्यासा लौट आता है। बड़प्पन उसी का माना जाता है जिससे दूसरे का लाभ हो। मनुष्य के जीवन की सार्थकता दूसरों की भलाई के कारण ही है। यदि अधिक धनवान होने पर भी वह किसी का भला नहीं कर सकते तो उसका धनवान होना व्यर्थ है। वार्ड नंबर 138 से भाजपा प्रत्याशी पंकिल यादव डमी प्रत्याशी साबित हुए. जयकिशन शर्मा की परंपरागत सीट वार्ड नंबर 137 रोशनपुरा से निर्दलीय प्रत्याशी इंदू ने जीत हासिल की है, जबकि यह सीट कांग्रेस के खाते में दर्ज होती रही है. इंदू को 9628 मत ... «SamayLive, अप्रैल 12» अगर आँसू न हों तो शायद जीवन मुश्किल हो जाये प्रिय इन नयनों का अश्रु नीर, दुख से आविल, सुख से पंकिल...बहता है युग-युग से अधीर। महादेवी ने वही कहा जो आदमी की रचना के मूल में हैं, उसके स्वभाव में है। युगों से सुख में और दुख में नयनों से नीर बहता आया है, बहता रहेगा। लेकिन इसमें दुख का महत्व ... «Bhadas4Media, मार्च 12» धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिअत अघाय । उदधि बड़ाई कौन हे, जगत पिआसो जाय॥ अर्थ: रहीम दास जी इस दोहे में की कीचड़ का पानी... Posted by Ministry of Jal Shakti, Department of Water Resources, RD & GR on Friday, February 28, 2020पंक (mud) मृदा, दोमट मिट्टी, गाद या मृत्तिका का जल के साथ बना मिश्रण होता है। प्राचीन पंक के जमावड़े भूवैज्ञानिक समयकाल के लाखों-करोड़ों वर्षों के साथ कठोर होकर अवसादी शैल बना देते हैं।[1][2][3] नदी या तालाब के तल की मिट्टी को त्वचा के लिए स्वास्थ्य और सौंदर्यवर्धक माना गया है। इसमें से भी मुल्तानी मिट्टी सर्वश्रेष्ठ समझी जाती है। आयुर्वेद में अनेक उपचारों में शरीर पर इसके लेप का विधान है। इसको सृष्टि की रचना और शरीर की रचना में प्रयुक्त 5 तत्वों में से एक समझा जाता है।
धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिअत अघाय उदधि बड़ाई कौन है जगत पिआसो जाय रहीम किस बात को बड़ाई नहीं माना?इसे सुनेंरोकेंरहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि सागर का जल खारा होता है, वह किसी की प्यास नहीं बुझा सकता जबकि पक जल धन्य है जिसे पीकर छोटे-छोटे जीवों की प्यास तृप्त हो जाती है। इसलिए कवि ने ऐसा कहा है। उदधि की प्रशंसा कब क्यों निीं करते? इसे सुनेंरोकेंभावार्थ — ये दोहा कवि ‘रहीम’ द्वारा रचित दोहा है। ‘रहीम’ एक उदाहरण देते हुये कहते हैं कि थोड़े से कीचड़ के जल से कितने ही जीव-जंतु अपनी प्यास बुझा लेते हैं, जबकि सागर इतना बड़ा और विशाल है परन्तु उसका जल पीने योग्य नही है, उसके जल से कोई अपनी प्यास नही बुझा पाता। … पढ़ना: हॉर्नबिल त्योहार कब मनाया जाता है? उदधि का तात्पर्य क्या है? इसे सुनेंरोकेंउदधि मूलतः समुद्र की पर्यायवाची है। उदधि शब्द का प्रयोग ‘अधिक मात्रा’ की स्तिथि में भी करते हैं । जल की अधिक मात्रा के लिए उदधि का प्रयोग करते हैं तब यह (उदधि) समुद्र की पर्यायवाची होता है और जब बादल की अधिकता के लिए करते हैं तब व्योम-समूह की पर्यायवाची होता है । इस दोहे में कौन सी नीतिगत बात कही गई है?रहीम जी कौन से धागे को न तोड़ने की बात करते हैं? इसे सुनेंरोकें(ग) रेशम की धागा रहीम जी का पूरा नाम क्या था? इसे सुनेंरोकेंरहीम का पूरा नाम अब्दुल रहीम (अब्दुर्रहीम) ख़ानख़ाना था। आपका जन्म 17 दिसम्बर 1556 को लाहौर में हुआ। रहीम के पिता का नाम बैरम खान तथा माता का नाम सुल्ताना बेगम था। बैरम ख़ाँ मुगल बादशाह अकबर के संरक्षक थे। सभी काम एक साथ शुरू करने पर क्या होता है रहीम के दोहों के आधार पर बताइए?इसे सुनेंरोकेंAnswer: (d) कोई भी कार्य पूरा नहीं होता। एक साथ एक कार्य करना चाहिए अपनी इस बात को सिद्ध करने के लिए रहीम ने किसका दृष्टांत दिया है। पढ़ना: भारत के कुल कितने पड़ोसी देश है? एकदम से ऊपर कूदकर कौन और कैसे चढ़ जाता है? इसे सुनेंरोकेंQuestion 4: एक को साधने से सब कैसे सध जाता है? उत्तर: जिस तरह से जड़ को सींचने से ही पेड़ में फूल और फल लगते हैं उसी तरह से एक को साधने से सब सध जाता है। एक काम के पूरा होने से अन्य कार्यों के लिए रास्ता अपने आप खुल जाता है। उड़ क्या है? इसे सुनेंरोकें[वि.] – 1. उदक या जल में होने वाला 2. जल से युक्त; जलीय 3. दोहे में पंक शब्द का क्या अर्थ है?इसे सुनेंरोकेंमिट्टी मिला हुआ गँदला पानी। लेप आदि के काम में आनेवाला उक्त प्रकार का और कोई गाढ़ा गीला पदार्थ। कीचड़ के जल के द्वारा रहीम ने कौन सी नीतिगत बात कही है? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: कीचड़ में जल की अल्प मात्रा होती है फिर भी इस जल से कई जीवों की प्यास बुझती है। लेकिन सागर का जल विशाल मात्रा में होने के बावजूद किसी की प्यास नहीं बुझा पाता। इसलिए रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य कहा है। पढ़ना: गेहूं में कौन सी दवाई डालें? रहीम जी अपने मन की पीड़ा के बारे में क्या कहते हैं? इसे सुनेंरोकेंरहीम जी लोगों को अपने मन की पीड़ा दूसरों को न बताने का उपदेश देते हुए कहते हैं कि अपने मन के दुख को मन में ही रखना चाहिए। किसी के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए। अर्थात् दूसरों के दुख सुनना लोगों की आदत नहीं है। वे उसका मजाक ही उड़ाते है। पंक जल का उचित अर्थ क्या है?हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पंक के अर्थ
मिट्टी मिला हुआ गॅदला पानी। कीचड़। कर्दम। लेप आदि के काम में आनेवाला उक्त प्रकार का और कोई गाढ़ा गीला पदार्थ।
दोहे में पंक शब्द का क्या अर्थ है?धनि 'रहीम' जल पंक को, लघु जिय पियत अघाय। उदधि बड़ाई कौन हैं, जगत् पियासो जाय ॥ कीचड़ का भी पानी धन्य है, जिसे पीकर छोटे-छोटे जीव-जन्तु भी तृप्त हो जाते हैं।
धनि रहीम जल पंक को दोहे के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?'रहीम' एक उदाहरण देते हुये कहते हैं कि थोड़े से कीचड़ के जल से कितने ही जीव-जंतु अपनी प्यास बुझा लेते हैं, जबकि सागर इतना बड़ा और विशाल है परन्तु उसका जल पीने योग्य नही है, उसके जल से कोई अपनी प्यास नही बुझा पाता। अतः महत्व बड़े होने का नही है बल्कि महत्व उपयोगी होने का है। वो ही महान है जो किसी के काम आ सके।
उदधि बड़ाई कौन है जगत पिकासो जाय पंक्ति का अर्थ है?उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय।। रहीम जी कहते हैं। कि सरोवर या किचड़ वाला वह जल धन्य है जिसको पीकर लघु जीव भी अपनी प्यास बुझाते हैं। सागर कोई प्रशंसा नहीं करता क्योंकि संसार वहाँ जाकर भी प्यासा लौट आता है।
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