3 हम देश की धरती को माँ क्यों कहते हैं? - 3 ham desh kee dharatee ko maan kyon kahate hain?

मेरी धरती माँ पर निबंध Meri Pyari Dharti Maa Essay In Hindi: नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत करता हूँ आज का निबंध हमारी धरती (पृथ्वी) माता पर दिया गया हैं. स्टूडेंट्स के लिए यह निबंध, भाषण, अनुच्छेद यहाँ सरल भाषा में दिया गया हैं.

मेरी धरती माँ पर निबंध Meri Pyari Dharti Maa Essay In Hindi

3 हम देश की धरती को माँ क्यों कहते हैं? - 3 ham desh kee dharatee ko maan kyon kahate hain?

आज हम अपने चारों ओर जो कुछ देखते है जल, वायु, पेड़, पौधे जीवन आदि कुछ देखते है यह सब हमारी प्रकृति की देन हैं. भारतीय संस्कृति में धरती को माँ की उपाधि दी गयी हैं.

हिन्दू धर्म में इनकी पूजा भी की जाती हैं. दूसरी तरफ हम धरती माता को गंदा करते जा रहे हैं उसकी अनूठी देन का हम विदोहन अनियंत्रित रूप से कर रहे हैं. यह मानव अस्तित्व के लिए बेहद खतरनाक भी हैं.

आज प्रत्येक माँ भारती के पुत्र को अपनी निद्रा भंग करनी होगी तभी धरती को हम बचा सकेगे. हमारे जीवन का अस्तित्व धरती से जुड़ा हैं, जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं.

सभी ग्रहों में एकमात्र यही धरती माँ है जिस पर जीवन की सम्भावनाएं बन पाई हैं. धरती की अपनी प्रत्येक वस्तु अनूठी है जो हमें सौन्दर्य के रूप में नजर आती हैं.

सूर्य की लालिमा, पर्वत, सागर, झील झरने, नदियाँ, सागर, हरियाली. क्या नहीं दिया हमें इस धरती ने जिसकी हम कल्पना कर सकते हैं. इतने उपकारों के उपरांत भी बदले में हम प्रदूषण, गंदगी और सौन्दर्य को खत्म कर रहे हैं.

पेड़ पौधों को काटकर हम जंगलों का विनाश कर इस हरी भरी धरती को मरुस्थल बनाने की जिद्द पाल बैठे हैं. हम जितना धरती के साथ ये खिलवाड़ कर रहे है इसके उतने ही बुरे नतीजे एक दिन भुगतने पड़ेगे.

धरती माता की उपजाऊ सतह हमारे लिए अन्न, सब्जियां, फल पैदा करती हैं. हमारे बीमार होने पर इसी धरा पर औषधि और जडीबुटी मिलती हैं. पीने योग्य जल के अथाह स्रोत देती हैं.

श्वास लेने के लिए ताज़ी हवा और मन को शान्ति देने वाले मनोहारी द्रश्य हमारी धरती माँ के उपकार हैं. इस तरह धरती माँ हमारी साझी धरोहर है इनके संरक्षण एवं संतुलन के लिए हमें प्रयास करने चाहिए. जिस तरह एक माँ अपने बच्चों का लालन पोषण करती हैं उसी तरह धरती माँ हम सभी पृथ्वी वासियों को जीवन प्रदान करती हैं.

अमृत तुल्य जल हमें धरती अपनी सतह पर उपलब्ध करवाती हैं, आज का मनुष्य इतना स्वार्थी हो गया है कि वह इसे व्यर्थ बहाने एवं दूषित कर रहा हैं. ऐसा करने से इसके भयावह असर हमारी धरती पर ही पड़ते हैं.

किसान की माँ धरती पर वह अन्न उपजाता है उसी में रासायनिक उर्वरक डालकर उसके सीने में जहर बोने का कार्य कर रहा हैं. अब वक्त आ चूका है हमें अपनी नादानियों के बारे में विचार करना होगा.

हमारा स्वार्थ किस हद तक बढ़ गया है कि आज हम जिस धरती को माँ मानते है उसी के अन्न जल पर हमारा शरीर बड़ा होता हैं उसी के साथ हम ऐसा बर्ताव कर रहे हैं, यह निंदनीय हैं. हमें धरती को बचाने के प्रयास समन्वित रूप से करने की आवश्यकता हैं.

मानव अपने स्वभाव से ही लालची तो होता ही है मगर इसमें कामचोर होने के लक्षण भी होते हैं. हम कुछ भी बुरा या गलत देखते है तो सोचते है हमारे अकेले से क्या होगा. वे वैसे कर रहे है हम क्यों करे.

यदि सभी ऐसे ही सोचने लगे तो फिर आगे कौन आएगा और इस तड़पती माँ की पुकार कौन सुनेगा. २२ अप्रैल को हर साल पृथ्वी दिवस मनाकर इस दिशा में कुछ सार्थक कदम उठाए जाते हैं ताकि इससे लोग जागरूक बने.

हमें इस दिन को औपचारिक बनाने की बजाय स्वयं का कर्तव्य समझते हुए इस दिन प्रण करना चाहिए कि हम धरती को दूषित होने से बचाने के लिए आगे आएगे तथा अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगे.

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हम पृथ्वी को धरती माँ क्यों कहते हैं?

इसे सुनेंरोकें’आदि काल से ही पृथ्वी को मातृभूमि की संज्ञा दी गई है… भारतीय अनुभूति में पृथ्वी आदरणीय बताई गई है… इसीलिए पृथ्वी को माता कहा गया… महाभारत के यक्ष प्रश्नों में इस अनुभूति का खुलासा होता है… यक्ष ने युधिष्ठिर से पूछा था कि आकाश से भी ऊंचा क्या है और पृथ्वी से भी भारी क्या है?

धरती माता को वसुंधरा क्यों कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंधरती माता की कोख में अमूल्य निधियाँ भरी हैं, जिनके कारण वह वसुंधरा कहलाती है। नदियों ने पहाड़ों को पीस-पीसकर अगणित प्रकार की मिट्टियों से पृथ्वी की देह को सजाया है। पृथ्वी की गोद में जन्म लेनेवाले जड़-पत्थर कुशल शिल्पियों से सँवारे जाने पर अत्यन्त सौन्दर्य के प्रतीक बन जाते हैं।

कश्मीर को स्वर्ग क्यों कहते हैं?

इसे सुनेंरोकें➲ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। कश्मीर भारत के उत्तरी भाग में स्थित प्राकृतिक सुंदरता से भरा एक पहाड़ी क्षेत्र है। यह क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होने के कारण और सुंदर भौगोलिक परिस्थितियां होने के कराण कश्मीर को ‘धरती का स्वर्ग’ कहा जाता है।

पृथ्वी के माता पिता कौन है?

इसे सुनेंरोकेंधरती हमारी माँ है और पृथ्वी भगवान विष्णु की पत्नी है इसलिए भगवान विष्णु पिता हए।

पृथ्वी की मां कौन है?

इसे सुनेंरोकेंधरती देवी के लिए संस्कृत नाम पृथ्‍वी है और उन्हें भूदेवी कहा जाता है। साथ ही साथ हिन्दू धर्म में उन्हें भूमी देवी भी कहा जाता है और वह भगवान विष्णु की पत्नी थीं।

धरती हमारी माता है तो पिता कौन है?

कलयुग का विनाश कब होगा?

इसे सुनेंरोकेंकलियुग के पांच हजार साल बाद गंगा नदी सूख जाएगी और पुन: वैकुंठ धाम लौट जाएगी। जब कलियुग के दस हजार वर्ष हो जाएंगे, तब सभी देवी-देवता पृथ्वी छोड़कर अपने धाम लौट जाएंगे। इंसान पूजन-कर्म, व्रत-उपवास और सभी धार्मिक काम करना बंद कर देंगे। एक समय ऐसा आएगा कि जमीन से अन्न उपजना बंद हो जाएगा और पृथ्वी जलमगन हो जाएगी।

कश्मीर को क्या कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंपूर्व जम्मू और कश्मीर रियासत के विभिन्न इलाकों पर अधिकार होने का दावा भारत, पाकिस्तान तथा चीन, तीनो देश करते हैं, जिसमें भारतीय नियंत्रण वाले क्षेत्र को ही जम्मू और कश्मीर कहा जाता है, जिसपर वैध रूप से जम्मू कश्मीर की राजा द्वारा भारतीय संघ के अंतर्गत हस्तांतरित किया गया था। …

पृथ्वी का स्वर्ग कहाँ है?

इसे सुनेंरोकेंजम्मू-कश्मीर की खूबसूरती के किस्से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हैं. शायद इसी वजह से लोग इसे धरती का स्वर्ग कहते हैं.

धरती को मां क्यों कहा जाता है?

भारत में धरती को माँ क्यों कहा जाता है? - Quora. आदि काल से ही पृथ्वी को मातृभूमि की संज्ञा दी गई है... भारतीय अनुभूति में पृथ्वी आदरणीय बताई गई है… इसीलिए पृथ्वी को माता कहा गया…

धरती मां का मतलब क्या होता है?

धरती हमारे लिए मातृ स्वरूपा है। जो भी हम इसमें बोते हैं, उसे ही पल्लवित-पोषित करके हमें पुनः दे देती है। अन्न, जल, औषधियां, फल-फूल, वस्त्र एवं आश्रय आदि सब धरती की ही तो देन हैं। इसलिए हम सब धरती माता के ऋणी हैं।

धरती हमारी माता है कैसे?

वह हमें लंबी बीमारी से भी उबारती और हमारे जीवन में एक अच्छा स्वास्थ्य और शांति देती है। वह हमारे जीवन में सभी प्रकार का लाभ और बेहतर स्थिति देती है। अगर हम लगातार उसकी पूजा करते हैं, तो वह हमें मोक्ष पाने में भी मदद करती है। वह हमें हमारे जीवन में धैर्य, ज्ञान, बुद्धि, धन, साहस और साहस प्रदान करेगी।

भारत की भूमि को मां के रूप में क्यों पूजा जाता है?

भारत भूमि को माता इसलिए कहा गया है क्योंकि भारतीय संस्कृति में अपनी मातृभूमि अर्थात जिस भूमि पर हमने जन्म लिया उस भूमि को बेहद सम्मान दिया गया है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी भूमि को माता की संज्ञा दी गई है। जिस भूमि पर हमने जन्म लिया है, उस भूमि को हम मात्र भूमि ही नही समझते बल्कि मातृभूमि समझते हैं।