औपचारिक पत्र का प्रारूप कैसे लिखें? - aupachaarik patr ka praaroop kaise likhen?

Formal Letter Format In Hindi | औपचारिक पत्र का प्रारूप | औपचारिक पत्र Format In Hindi | औपचारिक पत्र कैसे लिखें | औपचारिक पत्र का उदाहरण | Aupcharik Patra Format | Hindi Aupcharik Patra Lekhan | Format Of Formal Letter In Hindi

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यदि आपको अनौपचारिक पत्र क्या होते हैं?, औपचारिक पत्र के प्रकार, औपचारिक पत्र लेखन यानि औपचारिक पत्र कैसे लिखे जाते हैं या औपचारिक पत्र प्रधानाचार्य को कैसे लिखे जाते हैं? औपचारिक पत्र की आवश्यकता क्यों होती है तथा औपचारिक पत्र को लिखने का सही फॉर्मेट क्या होता है के बारे में जानकारी देंगे।

इस आर्टिकल में gharbaithejobs.com वेबसाइट की टीम आपको औपचारिक पत्र इन हिंदी में अच्छी तरह जानकारी दी है।

औपचारिक पत्र का प्रारूप कैसे लिखें? - aupachaarik patr ka praaroop kaise likhen?

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ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जो कागज पर Hindi Aupcharik Patra Lekhan में सही फॉर्मेट का पता ना होने के कारण सही से औपचारिक पत्र नहीं लिख पाते हैं और औपचारिक पत्र का प्रारूप भी पता नहीं होते।

अगर आप किसी भी सरकारी या गैर सरकारी संगठन को Formal Letter In Hindi Format में लिखना चाहते हैं तो आपको इसके फॉर्मेट के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।

इस पोस्ट के जरिए हम आपको Hindi Formal Letter Examples के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। औपचारिक पत्र वह पत्र होते हैं, जिनमें आप केवल अपनी समस्या के बारे में लिखते हैं इस प्रकार के पत्र में आपका कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं होता है।

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Table of Contents

  • पत्र लेखन क्या है? (What Is Letter Writing Meaning In Hindi)
  • पत्र लिखने की आवश्यकता क्यों होती है?
  • पत्र लेखन के कितने प्रकार होते हैं? (Types Of Letter Writing In Hindi)
    • अनौपचारिक पत्र लेखन (Informal Letter Writing)
    • औपचारिक पत्र लेखन (Formal Letter Writing)
  • औपचारिक पत्र किसे कहते है? What Is Formal Letter In Hindi?
  • औपचारिक पत्र के प्रकार के होते हैं (Types Of Formal Letter)
    • प्रार्थना पत्र
    • कार्यालयी पत्र
    • व्यवसायिक पत्र
  • औपचारिक पत्र लेखन जरूरी बातें
  • Aupcharik Patra में शुरुआत और अंत में लिखे जाने वाले आदरणीय शब्द
  • औपचारिक पत्र फॉर्मेट (Aupcharik Patra Format)
  • औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं? (How To Write Aupcharik Patra In Hindi)
  • औपचारिक पत्र के उदाहरण (Aupcharik Patra Example)
    • 1. विद्यालय में रक्तदान शिविर के लिए प्रधानाचार्य को पत्र
    • 2. बुखार होने के कारण 2 दिन की छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र
    • 3. बहन की शादी के लिए अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र
    • 4. पुस्तक मंगवाने हेतु प्रार्थना पत्र
    • 5. योग के स्वास्थ्य लाभ के संबंध में समाचार के संपादक को पत्र
  • औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं संबंध में प्रश्न
    • औपचारिक पत्र क्या होते हैं?
    • औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं?
    • औपचारिक पत्र कितने प्रकार के होते हैं?
    • औपचारिक पत्र लिखते समय किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है?
    • औपचारिक पत्र का फॉर्मेट से क्या मतलब है?
  • सारांश- Aupcharik Patra Format Hindi – औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं?

पत्र लेखन क्या है? (What Is Letter Writing Meaning In Hindi)

औपचारिक पत्र का प्रारूप कैसे लिखें? - aupachaarik patr ka praaroop kaise likhen?

जब कोई व्यक्ति अपनी भावनाओं को कागज पर शब्दों के रूप में लिखकर व्यक्त करता है तो इसे पत्र लेखन कहा जाता है।

प्राचीन समय में पत्र लेखन हिंदी का प्रयोग बहुत ज्यादा होता था लेकिन डिजिटल समय में टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव के कारण अब कागज पर पत्र लेखन नहीं होकर मोबाइल, कंप्यूटर आदि की हेल्प से होता है।

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो आमने-सामने बात करने में संकोच करते हैं तथा उन्हें इस तरह बात करने में हिचकिचाहट होती है, ऐसे लोग Hindi पत्र लेखन के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं।

पत्र के माध्यम से हम अपने विचारों और भावों को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं, तथा उन भावों और विचारों को बहुत ही आसानी से दूसरे व्यक्ति को समझा सकते हैं।

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पत्र लिखने की आवश्यकता क्यों होती है?

दूर स्थित स्थानों पर रहने वाले सगे संबंधियों तथा मित्रों के हालचाल पूछने के लिए और अपने कुशल मंगल उन्हें देने के लिए पत्र लिखने की आवश्यकता होती है वर्तमान समय में मोबाइल, कंप्यूटर, इंटरनेट तथा ईमेल के बढ़ते प्रयोग के कारण पत्र लेखन का चलन कम हो गया है लेकिन साहित्य की दुनिया में अच्छी पत्र लेखन Format का आज भी उतना ही महत्व है।

पत्र लिखने की आवश्यकता इसलिए पड़ती है क्योंकि आप किसी भी सरकारी विभाग या स्कूल में अपनी समस्या को पत्र लेखन के माध्यम से ही पहुंचाते हैं।

पत्र लेखन के कितने प्रकार होते हैं? (Types Of Letter Writing In Hindi)

लेटर राइटिंग मतलब पत्र लेखन को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है, औपचारिक पत्र लेखन तथा अनौपचारिक पत्र लेखन

अनौपचारिक पत्र लेखन (Informal Letter Writing)

अनौपचारिक पत्र मुख्य रूप से ऐसी पत्र होते हैं जिनमें हमारा कोई निजी संबंध जुड़ा रहता है इस प्रकार के पत्र मुख्य रूप से सगे संबंधियों, भाई-बहन, माता-पिता तथा यार दोस्तों को लिखे जाते हैं।

अनौपचारिक पत्र हाल-चाल लेने के लिए, निमंत्रण देने के लिए, बधाई देने के लिए तथा सूचना आदि देने के लिए लिखे जाते हैं और औपचारिक पत्र में लेखन के लिए किसी विशेष फॉर्मेट की आवश्यकता नहीं होती है।

इस प्रकार की पत्रों में लिखे जाने वाले शब्दों की संख्या असीमित होती है क्योंकि इन पत्रों में इधर-उधर की बातें भी शामिल होती है।

औपचारिक पत्र लेखन (Formal Letter Writing)

औपचारिक पत्र की श्रेणी में ऐसे पत्रों को रखा जाता है जिनमें हमारे कोई निजी संबंध नहीं होता है। इस प्रकार की पत्र विशेष रूप से सरकारी संगठनों, गैर सरकारी संगठनों या व्यवसाय के लिए लिखे जाते हैं।

औपचारिक पत्रों में प्रयोग की जाने वाली भाषा शैली एकदम सटीक, स्पष्ट, भावपूर्ण तथा शिष्टाचार युक्त होती है इस प्रकार की पत्रों में आप केवल अपनी समस्या या काम के बारे में ही लिखते हैं।

औपचारिक पत्र में लिखे जाने वाले शब्दों की संख्या सीमित होती है। यहां पर आपको सीमित शब्दों में अपनी बात लिखनी पड़ती है। औपचारिक पत्र विशेष रूप से सूचना, संदेश तथा तथ्यों को व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

दोस्तों, इस लेख में हम सिर्फ Hindi Mein Aupcharik Patra Lekhan Format के बारे में जानेंगे।

यदि आप Anopcharik Patra Format और अनौपचारिक पत्र लेखन हिंदी में जानना चाहते है तो पढ़े: Click Here: Anaupcharik Patra Format

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औपचारिक पत्र किसे कहते है? What Is Formal Letter In Hindi?

औपचारिक पत्र का प्रारूप कैसे लिखें? - aupachaarik patr ka praaroop kaise likhen?

ऐसे पत्र जो किसी सरकारी दफ्तर, सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य या फिर किसी सरकारी संगठन को अपनी समस्या बताने के लिए या अपनी समस्या के समाधान के लिए लिखे जाते हैं और औपचारिक पत्र कहलाते हैं।

जैसे आपको अपने विद्यालय से छुट्टी चाहिए तो आप उसके लिए अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को पत्र लिखते हैं तो वह औपचारिक पत्र के अंतर्गत आता है।

हमारे स्कूलों में औपचारिक पत्र प्रधानाचार्य को लिखने के लिए काफी जरुरी होती है।

औपचारिक पत्रों में हम केवल अपने काम की बात या फिर समस्या के बारे में लिखते हैं इस प्रकार के पत्र संक्षिप्त मतलब अपने काम की बात कम शब्दों में बताना, स्पष्टता मतलब पत्र प्राप्त करने वाले को आपकी बात आसानी से समझ आए और स्व पूर्णता मतलब पूरी बात एक ही पत्र मे पूरी हो जाए के अनुसार लिखे जाते हैं।

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औपचारिक पत्र के प्रकार के होते हैं (Types Of Formal Letter)

औपचारिक पत्र के 3 प्रकार हिंदी साहित्य में प्रयोग किए जाते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है

  • प्रार्थना पत्र
  • कार्यालयी पत्र 
  • व्यवसायिक पत्र

प्रार्थना पत्र

प्रार्थना पत्र वह पत्र होते हैं जिनमें निवेदन या प्रार्थना की जाती है इस प्रकार के पत्र अवकाश, शिकायत, सुधार तथा आवेदन के लिए लिखे जाते हैं। प्रार्थना पत्र स्कूल के प्रधानाचार्य से लेकर किसी विभाग के अधिकारी तक लिखे जाते हैं।

कार्यालयी पत्र

ऐसे पत्र जो कार्यालय के कामकाज के लिए लिखे जाते हैं कार्यालयी पत्र कहलाते हैं यह पत्र सरकारी अधिकारियों, स्कूल के प्राचार्य, प्रधानाचार्य तथा अफसरों को लिखे जाते हैं।

व्यवसायिक पत्र

व्यवसाय में सामान की खरीद बिक्री तथा रुपए पैसों के लेनदेन के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं उन्हें व्यवसायिक पत्र कहते हैं। यह पत्र दुकानदार, प्रकाशक, कंपनी आदि के लिए लिखे जाते हैं।

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औपचारिक पत्र लेखन जरूरी बातें

अगर आप किसी सरकारी दफ्तर, अधिकारी या प्रधानाचार्य के लिए औपचारिक पत्र लिखना चाहते हैं तो आपके लिए नीचे दी गई बातों पर ध्यान देना जरूरी होता है

  • यह पत्र नियमों से बंधे हुए होने चाहिए।
  • औपचारिक पत्रों में स्पष्ट और शिष्टाचार युक्त भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए।
  • इस प्रकार की पत्रों में अनावश्यक शब्दों जैसी कुशल मंगल, हाल-चाल आदि का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
  • पत्र की भाषा सरल, स्पष्ट और लेख(Writing) सुंदर और प्रभावपूर्ण होना चाहिए।
  • अगर आप कक्षा या परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं तो अपने पता और नाम के नीचे कक्षा और परीक्षा भवन के बारे में लिखना चाहिए।
  • औपचारिक पत्र लेखन पत्र के बाएं तरफ से लिखना शुरू करना चाहिए।
  • पत्र को एक ही पेज पर लिखने का प्रयास करना चाहिए।
  • प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय पत्र लिखने वाले को अपना नाम कक्षा और दिनांक लिखनी चाहिए।

Aupcharik Patra में शुरुआत और अंत में लिखे जाने वाले आदरणीय शब्द

प्रशस्ति(आरंभ में लिखे जाने वाले आदर पूर्वक शब्द)- श्रीमान, श्रीयुत, मान्यवर, महोदय आदि

समाप्ति(अंत में लिखे जाने वाले आदर पूर्वक शब्द)- आपका आज्ञाकारी शिष्य/आज्ञाकारिणी शिष्य, भवदीय/भवदीया, निवेदक/निवेदिका, प्रार्थी, शुभचिंतक आदि।

औपचारिक पत्र फॉर्मेट (Aupcharik Patra Format)

औपचारिक पत्र के फॉर्मेट में 7 अंग होते हैं

  • ‘सेवा में’ लिखकर पत्र प्राप्त करने वाले का पद और पता लिखकर पत्र शुरू करें।
  • विषय- जिस बारे में भी पत्र(Letter) लिख रहे हैं उसे एक ही वाक्य में समझाएं।
  • संबोधन– जिसके लिए पत्र लिखा जा रहा है उसे महोदय, महोदया, आदरणीय आदि शब्दों से संबोधित करें।
  • विषय वस्तु– विषय वस्तु 2 अनुच्छेदों में लिखी जाती है।
  • पहला अनुच्छेद-‘सविनय निवेदन है कि’ से वाक्य शुरू करना चाहिए और फिर अपने बारे में बताए।
  • दूसरा अनुच्छेद-‘आपसे विनम्र निवेदन है कि’ लिखकर आप उनसे क्या उम्मीद रखते हैं के बारे में लिखे।
  • हस्ताक्षर और नाम-धन्यवाद या कष्ट देने के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करें और फिर अंत में नीचे भवदीय, भवदीया, प्रार्थी आदि लिखकर अपने हस्ताक्षर करें और उसके नीचे अपना नाम लिखें।
  • पता– यहां पर पत्र लिखने वाले को अपना पूरा पता लिखना चाहिए।
  • दिनांक– जिस भी तारीख को पत्र लिखा जा रहा है उसकी तिथि लिखें।

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औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं? (How To Write Aupcharik Patra In Hindi)

औपचारिक पत्र का प्रारूप कैसे लिखें? - aupachaarik patr ka praaroop kaise likhen?

औपचारिक पत्र लिखने के लिए सबसे पहले पत्र के ऊपर बाएं तरफ ‘सेवा में’ लिखकर पता और पद का नाम लिखें और पत्र की शुरुआत करें।

इसके बाद आप जिस विषय पर भी पत्र लिख रहे हैं उसके बारे में 1 लाइन में लिखें और फिर आगे जिस को पत्र लिख रहे हैं उसके लिए शिष्टाचार पूर्वक संबोधन शब्द प्रयोग करें।

अब आप आगे पत्र में विषय वस्तु के बारे में बताएंगे विषय वस्तु मुख्य रूप से 2 अनुच्छेदों में पूरी की जाती है पहले अनुच्छेद में ‘सविनय निवेदन है कि’ से शुरू करें और दूसरे अनुच्छेद में ‘आपसे विनम्र निवेदन है कि’ से खत्म करें।

इसके बाद धन्यवाद जैसे शब्दों का प्रयोग करते हुए अपने हस्ताक्षर उसके नीचे अपना नाम लिखें उसके बाद नीचे की तरफ पत्र लिखने वाले का पूरा पता और जिस तारीख में पत्र लिखा जा रहा है उस तारीख को दर्ज करें।

औपचारिक पत्र के उदाहरण (Aupcharik Patra Example)

1. विद्यालय में रक्तदान शिविर के लिए प्रधानाचार्य को पत्र


सेवा में, 

प्रधानाचार्य महोदय 

राजकीय इंटर कॉलेज, बुलंदशहर

दिनांक 3 अप्रैल 2008

विषय- विद्यालय में रक्तदान शिविर आयोजित कराने के संबंध में

मान्यवर महोदय

मैं आपके विद्यालय में कक्षा 10 का छात्र हूं और छात्र परिषद का सचिव भी हूं। महोदय जी इस बार हम सभी छात्रों की इच्छा है कि विद्यालय परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाए।

इससे विद्यार्थियों में परोपकार और सामाजिक सेवा की भावना विकसित होगी और रक्तदान के संबंध में उनके मन में व्याप्त भ्रांतियां भी दूर होंगी कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आ जाती है।

रक्तदान शिविर से संबंधित सभी प्रकार की व्यवस्थाओं के लिए हमें विद्यालय परिसर से सहयोग चाहिए साथ ही इससे सारे आयोजन के लिए विद्यालय परिसर की ओर से अभिभावक संघ का सहयोग भी चाहिए।

आशा है कि हम सभी छात्रों की इच्छा को देखते हुए आप जल्द से जल्द विद्यालय में रक्तदान शिविर आयोजित कराने की कृपा करेंगे।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य 

महेश दास

कक्षा 10 

दिनांक 3 अप्रैल 2008 

रोल नंबर Xxx


2. बुखार होने के कारण 2 दिन की छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र


सेवा में, प्रधानाचार्य महोदय 

जनता इंटर कॉलेज, मेरठ 

दिनांक 23 अप्रैल 2020

विषय- बुखार से पीड़ित होने के कारण 2 दिन के अवकाश के संबंध में प्रार्थना पत्र

मान्यवर महोदय

सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मुझे कल रात से बहुत तेज बुखार हो रहा है मेरी हालत इतनी खराब है कि मैं अपने बेड से भी नहीं उठ पा रहा हूं।

मान्यवर महोदय मैं आपके विद्यालय में कक्षा 9 का छात्र हूं और बुखार के कारण अगले दो दिनों तक विद्यालय आने में असमर्थ हूं।

महोदय मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप मुझे 2 दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें ताकि मैं जल्द ठीक हो कर विद्यालय आ सकूं।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य 

अजय कुमार सिंह

कक्षा 9 

दिनांक 23 अप्रैल 2020

रोल नंबर Xxxxxx


3. बहन की शादी के लिए अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र


सेवा में, 

कक्षा अध्यापक महोदया

राजकीय पॉलिटेक्निक गाजियाबाद

दिनांक 6 जनवरी 2022

विषय- बहन की शादी के लिए अवकाश के संबंध में प्रार्थना पत्र

मान्यवर महोदया

सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं आपकी कक्षा में कक्षा 11 का छात्र हूं। मेरे घर में मेरी बहन की शादी है जिसके लिए 10 जनवरी 2022 की तारीख तय हुई है।

मैं अपने पिताजी का एकलौता पुत्र हूं अतः शादी के कामों में मेरा होना अति आवश्यक है। शादी के मौके पर घर में बहुत सारा काम होता है जिसे संभालना मेरी जिम्मेदारी है।

आपसे विनम्र निवेदन इस प्रकार है कि इस पर ध्यान देते हुए मुझे 8 जनवरी 2022 से 12 जनवरी 2022 तक 4 दिन का अवकाश देने की कृपा करें। आपकी अति कृपा होगी। इसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूंगा।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य 

मनीष कुमार शर्मा

कक्षा 10 

दिनांक 7 जनवरी 2022

रोल नंबर Xxxxx


4. पुस्तक मंगवाने हेतु प्रार्थना पत्र


महोदय,

विषय- पुस्तके मंगवाने के संबंध में

मैंने अपने गांव में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए एक सर्वजनिक लाइब्रेरी की शुरुआत की है जिसमें छोटी-छोटी कहानियों का संग्रह, नेताओं की जीवनी, महाभारत तथा रामायण के मुख्य किरदार से संबंधित पुस्तकों का संकलन होगा।

आप मुझे इन्हीं सभी विषयों से संबंधित 10 पुस्तकें अति शीघ्र भिजवा दे इन पुस्तकों की ऑर्डर की कुल राशि ₹2000 होती है जिन्हें मैं बैंक ड्राफ्ट के द्वारा इस पत्र के माध्यम से भेज रहा हूं।

पुस्तक भेजने से पहले यह सुनिश्चित करें कि पुस्तकें कहीं से फटी ना हो और पूरी तरह कवर से ढकी हुई है। आपसे हाथ जोड़कर निवेदन है कि यह पुस्तकें सार्वजनिक लाइब्रेरी के लिए हैं, अतः हमारे द्वारा मंगाई गई पुस्तकों पर ज्यादा से ज्यादा छूट देने की कृपा करें।

धन्यवाद। 

सार्वजनिक पुस्तकालय 

जनता दल रोड नई, दिल्ली 

मनीआर्डर भेजने का पता- मोनी शर्मा


5. योग के स्वास्थ्य लाभ के संबंध में समाचार के संपादक को पत्र


सेवा में, 

संपादक महोदय 

अमर उजाला 

सेक्टर 32

दिनांक 19 नवंबर 2020 

पटियाला, पंजाब

विषय- योग शिक्षा का महत्व

महोदय,

जनसाधारण की बात जनसाधारण तक पहुंचाने के लिए प्रसिद्ध आपके इस समाचार पत्र के माध्यम से मैं विद्यालय में योग शिक्षा के महत्व को बताना चाहता हूं और उसे प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना चाहता हूं।

योग शिक्षा के महत्व को जानकर सभी विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य के लिए जागरूक होंगे जो उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है।

योग के माध्यम से विद्यार्थी अपने शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल सकते हैं तथा सकारात्मक ऊर्जा को स्वीकार स्वीकार कर सकते हैं। योग के जरिए विद्यार्थी अपने तन और मन दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं।

इस प्रकार योग करने से विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास में भी सहायता मिलती रहेगी।

आपसे विनम्र निवेदन है कि आप अपने समाचार पत्र के माध्यम से पाठकों को योग के महत्व के प्रति जागरूक करें और जनता को योग शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करें।

धन्यवाद।

भवदीय

अनुज कुमार शर्मा 

रेलवे रोड हापुड उत्तर प्रदेश


ध्यान दे: यदि आपको औपचारिक पत्र लेखन हिंदी Class 8, औपचारिक पत्र Class 9, औपचारिक पत्र लेखन हिंदी Class 10 या औपचारिक पत्र Class 11 चाहिये तो आप ऊपर दी गई Aupcharik Patra Lekhan Format को ले सकते है।

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औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं संबंध में प्रश्न

यहाँ पर हमने Aupcharik Patra Format 2022 कुछ सवालों लिया है और उन सभी सवालों का जवाब दिया है:

औपचारिक पत्र क्या होते हैं?

ऐसी पत्र जो किसी सरकारी अधिकारी, दफ्तर या विभाग को लिखे जाते हैं तथा जिनमें आपसी निजी संबंध नहीं होता है औपचारिक पत्र कहलाते हैं।

औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं?

औपचारिक पत्र ‘सेवा में’ से शुरू किए जाते हैं और फिर पद नाम, पता, दिनांक, विषय वस्तु, हस्ताक्षर और पत्र लिखने वाले का नाम और पता लिखकर समाप्त होता है।

औपचारिक पत्र कितने प्रकार के होते हैं?

औपचारिक पत्र मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं। प्रार्थना पत्र, कार्यालयी पत्र और व्यवसायिक पत्र

औपचारिक पत्र लिखते समय किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है?

औपचारिक पत्र लिखते समय प्रयोग की जाने वाली भाषा, लेख, वर्णमाला, औपचारिक पत्र के नियम, नाम, पता, दिनांक और विषय वस्तु पर ध्यान देना जरूरी होता है।

औपचारिक पत्र का फॉर्मेट से क्या मतलब है?

औपचारिक पत्र का फॉर्मेट से आशय है कि एक ऐसा फॉर्मेट जिसमें औपचारिक पत्र सही तरीके से लिखा जाता है। औपचारिक पत्र के फॉर्मेट में ‘सेवा में’ से लेकर ‘आपसे निवेदन है’ तक सभी चीजें शामिल होती हैं।

सारांश- Aupcharik Patra Format Hindi – औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं?

आज के एक लेख के जरिए आपने औपचारिक पत्र क्या होते हैं, औपचारिक पत्र के कितने प्रकार होते हैं, औपचारिक पत्र को लिखते समय किन किन बातों का जरूर ध्यान रखना होता है तथा औपचारिक पत्र को लिखने का सही फॉर्मेट क्या होता है के बारे में जानकारी प्राप्त की है।

अगर आप समझते हैं कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप सही फॉर्मेट में औपचारिक पत्र लिख सकते हैं तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करें ताकि उनकी भी मदद हो सके।

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औपचारिक पत्र कैसे लिखे जाते है?

औपचारिक पत्र का फॉर्मेट.
'सेवा में' लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें।.
विषय – जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।.
संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।.

अनौपचारिक पत्र का प्रारूप कैसे लिखें?

अनौपचारिक पत्र का फॉर्मेट क्या है?.
पहले तो जिस कागज़ पर आप अनौपचारिक पत्र लिख रहे हैं उसमें अपना पता लिख ले|.
एक लाइन छोड़ के दिनांक लिखें|.
अब एक लाइन छोड़े, और जिनको पत्र भेज रहे हैं उनको सम्बोधित करें, जैसे – आदरणीय/ पूजनीय पिताजी/ माताजी/ चाचाजी/ आदि, या प्रिय भाई (नाम)/ बहन (नाम)/ मित्र (नाम)|.

औपचारिक पत्र लिखने से पहले क्या लिखते हैं?

औपचारिक-पत्र के अंग पहला अनुच्छेद – अपनी समस्या के बारे में लिखें। दूसरा अनुच्छेद – आप उनसे क्या अपेक्षा रखते हैं, उसे लिखें तथा धन्यवाद के साथ समाप्त करें। (5) हस्ताक्षर व नाम- भवदीय/भवदीया के नीचे अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें। (6) प्रेषक का पता- शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड।

औपचारिक अनौपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं?

पत्र लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?.
पत्र सरल और सुबोध भाषा में होना चाहिए।.
पत्र की भाषा दुर्बोध नहीं होनी चाहिए।.
पत्र का आकार संक्षिप्त होना चाहिए।.
पत्र में अलंकारों, मुहावरों व लोकोक्तियों का प्रयोग नहीं होना चाहिए।.
पते और तिथि के कुछ नीचे बाईं ओर सम्बोधन (प्रिय, महोदय, श्रीमान) लिखते हैं।.