पत्र लेखन एक कला है। हम जानते हैं कि इन सभी पत्रों का एक पूर्व निर्धारित प्रारूप होता है। औपचारिक पत्र (Formal Letter in Hindi) विशेष रूप से अधिकारियों को लिखे जाते हैं। जैसे कि स्कूल में छुट्टी का आवेदन पत्र, समाचार पत्र के संपादक को पत्र, या किसी सरकारी विभाग को आवेदन पत्र ताकि वे रिकॉर्ड में रहें। हमने आपको औपचारिक पत्र (Formal Letter in Hindi) और अनौपचारिक पत्रों के सही प्रारूप और उदाहरण को समझाने का प्रयास किया है। Show
Formal Letter in Hindi – औपचारिक पत्रऔपचारिक पत्र (Formal Letter in Hindi) किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी कार्यालय (Office) से जुड़े अधिकारियों को लिखा जाता है। ये संदेश लिखने वाले व्यक्ति के लिए अपरिचित होते हैं। ये पत्र पूर्ण रूप से व्यवसायिक या सरकारी होते है। औपचारिक पत्रों (Formal Letter in Hindi) की भाषा बहुत ही शिष्टतापूर्ण होनी चाहिए। इस प्रकार की पत्रों में सिर्फ काम की बातें ही लिखी जानी चाहिए। औपचारिक पत्र मुख्य रूप से स्कूल के शिक्षक को आवेदन पत्र, सरकारी संस्था में अधिकारियों को अपनी समस्या बताने हेतु लिखे जाते हैं। औपचारिक पत्र लिखने हेतु मुख्य बिंदु
औपचारिक पत्र का प्रारूपसेवा में – पत्र में सबसे बायीं ओर सेवा में लिखकर प्रापक का पदनाम तथा पता लिखें। विषय – जिस बारे में आप पत्र लिख रहे है केवल उन्ही के बारे में एक वाक्य में विषय को लिखें। संबोधन – जिसको पत्र लिखा जा रहा है उनके लिए संबोधन का प्रयोग जरुर करना चाहिए। जैसे – महोदय / महोदया, सर, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करे। विषय-वस्तु – इसे दो भाग में लिखना चाहिए। पहला भाग – “सविनय निवेदन है कि” वाक्य से आरंभ करना चाहिएउसके बाद अपनी समस्या के बारे में लिखें। दूसरा भाग – “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप उनसे क्या उम्मीद रखते हैं या उनसे आपको जिस विषय में बात करनी है वह लिखें। हस्ताक्षर व नाम – धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी, शुभचिंतक, आपका आज्ञाकारी शिष्य / शिष्या, लिखकर अपना हस्ताक्षर करें और उसके नीचे अपना नाम लिखें। प्रेषक का पता – शहर / गाँव का मुहल्ला / वार्ड, पिनकोड पत्र के बायीं ओर उपर लिखना चाहिए। दिनांक – जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है उस दिन की तारीख पत्र के बायीं ओर लिखे। Formal Letter Format | Aupcharik Patra Formatनिचे औपचारिक पत्र (Aupcharik Patra Format) का नमूना दिया गया है। जिसे देखकर आप कोई भी अन्य प्रकार के औपचारिक पत्र (Formal Letter in Hindi) लिख सकते है। सेवा में, विषय ………………. (छुट्टी के लिए आवेदन पत्र) संबोधन ………………. (महोदय / महोदया, माननीय, सर आदि) विषय-वस्तु का दूसरा भाग ……….. (आपसे विनम्र निवेदन है कि) हस्ताक्षर व नाम ……………. (भवदीय, प्रार्थी लिखकर हस्ताक्षर करें ) प्रापक के साथ प्रेषक का संबंध …………….
Types of Formal Lettersऔपचारिक पत्रों को निम्नलिखित तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है।
कार्यालयी पत्र (Office Letter) – जो पत्र कार्यालय काम-काज के लिए लिखे जाते हैं, वह कार्यालयी पत्र कहलाते हैं। यह पत्र सरकारी अधिकारियों, स्कूल और कॉलेज के प्रधानाचार्य को लिखे जाते हैं। कार्यालयी पत्र में डाक विभाग, परिवहन विभाग, थाना प्रभारी, और स्कूल प्रधानाचार्य आदि को लिखे गए पत्र आते हैं। प्रार्थना पत्र (Request Letter) – वह पत्र जिनमे निवेदन अथवा प्रार्थना की जाती है, उसे प्रार्थना पत्र कहते हैं। प्रार्थना पत्र में शिकायत, सुधार, अवकाश आदि के लिए लिखे गए पत्र आते हैं। प्रार्थना पत्र स्कुल के प्रधानाचार्य से लेकर किसी सरकारी विभाग के अधिकारी को भी लिखे जा सकते हैं। व्यवसायिक पत्र (Business Letter) – व्यवसाय से सम्बंधित वह पत्र जिसमे सामान खरीदने, बेचने या रुपयों के लेन-देन का वर्णन हो उसे व्यवसायिक पत्र कहते हैं। व्यवसायिक पत्रों में दुकानदार, व्यापारी, प्रकाशक, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आते हैं। Formal Letter in Hindi Format | Aupcharik Patra Formatछात्रवृति (स्कालरशिप) के लिए प्राचार्य को आवदेन पत्र लिखिए सेवा में, विषय : छात्रवृति हेतु आवेदन पत्र। आदरणीय सर, मेरी पढ़ाई में बहुत अधिक रुचि है और मैं प्रति वर्ष 90% से अधिक अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करती हूँ। अतः आपसे निवेदन है कि मुझे छात्रवृति प्रदान करने की की कृपा करें। ताकि मै अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर सकूं। इसके लिए मैं आपकी हमेशा अभारी रहूंगी। धन्यवाद। आपकी आज्ञाकारी शिष्या, बड़ी बहन की शादी पर अवकाश के लिए प्रधानाचार्य को आवेदन पत्र लिखिए। सेवा में, विषय – बड़ी बहन की शादी में शामिल होने हेतु अवकाश आवेदन पत्र। महोदय, सविनय निवेदन है कि मैं मोहन कुमार आपके विद्यालय में कक्षा 12वीं का छात्र हूँ। मेरे घर में मेरी बड़ी बहन की शादी दिनांक 25 जनवरी से 29 जनवरी 2022 तक है। चूँकि घर में शादी है इसलिए शादी में बहुत से कार्यों में मेरा होना अति आवश्यक है। इस कारण मुझे उपरोक्त दिनांक से 5 दिन की अवकाश चाहिए। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि मुझे अवकाश प्रदान करने की कृपा करें, इसके लिए मैं आपका आभारी रहुँगा। धन्यवाद। आपका आज्ञाकारी शिष्य, लाइन बंद होने पर बिजली विभाग को शिकायत पत्र। लिखिए Formal Letter in Hindi सेवा में, विषय – बिजली बंद होने की शिकायत हेतु। महोदय, इस विषय में मैंने कार्यालय जाकर लाइन मैन को भी समस्या से अवगत कराया। जिसके बाद लाइन मैन ने शाम तक ठीक कर देने का आश्वासन दिया, लेकिन समस्या अभी तक बनी हुयी है। अतः आपसे अनुरोध है कि लाइन मैन को भेजकर जल्द से जल्द समस्या का निराकरण करे। क्योकि बिजली बंद होने से घर के काम-काज के साथ रात में बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। आशा है कि हमारी समस्या को जानकार आप जल्द से जल्द उचित करवाई करेंगे। धन्यवाद भवदीय, बस में यात्रा दौरान बैग छूट गया था जिसे बस कंडक्टर ने आपके घर आकर लौटा दिया। उसकी प्रशंसा करते हुए परिवहन निगम के अध्यक्ष को पत्र लिखिए। सेवा में, विषय – बस में छूटे बैग का वापस मिलना। महोदय, लेकिन घर जाकर मुझे पता चला की मै अपना बैग बस में ही भूल आया हूँ, लेकिन दुसरे दिन सुबह मेरी ख़ुशी की कोई सीमा ना रही जब बस के कंडक्टर श्री रामकृष्ण जी मेरे घर का पता पूछते हुए बैग के साथ मेरे घर पहुचे। बैग में मेरे बहुत जरूरी कागजात, भारत सरकार द्वारा ज़ारी आधार, और पैन कार्ड भी था। आधार कार्ड पर लिखे पते के कारण कंडक्टर श्री रामकृष्ण जी मेरे घर का पता ढूँढ़ने में सफल हुए। मुझे कंडक्टर का यह व्यवहार बहुत ही सराहनीय और प्रशंसनीय लगा। उनकी ईमानदारी से प्रभावित होकर मैं उन्हें कुछ ईनाम देना चाहता था परन्तु उन्होंने यह कह कर टाल दिया कि यह तो उनका कर्तव्य था। मैं चाहता हूँ कि श्री रामकृष्ण जी जैसे ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए जिसे देखकर अन्य कर्मचारी भी सीख सकें। मैं कंडक्टर श्री रामकृष्ण जी का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ। धन्यवाद। भवदीय तबियत ख़राब होने पर अवकाश हेतु प्राचार्य को आवेदन पत्र लिखिए। Formal Letter in Hindi सेवा में, विषय : तबियत ख़राब होने पर छुट्टी हेतु आवेदन पत्र। आदरणीय सर, अतः आपसे निवेदन करता हूँ कि आप मुझे चार दिन 30-11-2021 से 03-12-2021 तक की अवकाश देने की कृपा करें। ठीक होकर स्कूल आने पर मैं अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी कर लूँगा। सधन्यवाद। आपका आज्ञाकारी शिष्य, विद्यालय में खेल सामग्री मंगवाने के लिए प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए। Formal Letter in Hindi सेवा में, विषय : विद्यालय में खेल सामग्री मंगवाने हेतु प्रार्थना पत्र। आदरणीय सर, सविनय निवेदन है कि हमारी स्कूल की क्रिकेट टीम अगले महीने से होने वाली जिला स्तरीय क्रिकेट मैच में भाग लेने जा रही है। हम सभी पूरा प्रयास कर रहे हैं कि जिला स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में हमारी टीम प्रथम स्थान प्राप्त करें। परन्तु हमारे स्कूल में क्रिकेट से संबंधित पर्याप्त खेल सामग्री उपलब्ध नहीं है जिसके कारण हम होने वाली प्रतियोगिता के लिए अच्छी तरह से प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। अतः आपसे निवेदन है कि जितनी जल्दी संभव हो, हमें खेल सामग्री उपलब्ध कराने की कृपा करें। ताकि हम आने वाली इस जिला स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने स्कूल को गौरवान्वित कर सकें। सधन्यवाद, स्थानांतरण प्रमाण पत्र के लिए प्रधानाचार्य को आवेदन पत्र लिखिए। सेवा में, दिनांक : 05 मई XXXX विषय : स्थानान्तरण प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पत्र। आदरणीय सर, सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा 10वीं का छात्र हूं। मेरे पिताजी एक शासकीय कर्मचारी हैं, जो बिजली विभाग में अकाउंटेंट के पोस्ट में भोपाल में पदस्त थे लेकिन अब उनका स्थानांतरण जबलपुर हो गया है। मेरा पूरा परिवार उनके साथ जबलपुर जा रहा है। अतः मेरा यहां अकेले
रहकर अध्ययन कर पाना संभव नहीं है। मैंने विद्यालय की सारी देय राशि जमा कर दी है। और मेरे पास विद्यालय की प्रयोगशाला, खेल और पुस्तकालय की कोई वस्तु नहीं है। अतः आप मुझे शीघ्र स्थानांतरण प्रमाण-पत्र प्रदान करने की कृपा करें, ताकि मैं जबलपुर जाकर जल्द ही अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकू। धन्यवाद अधिक पूछे जाने वाले सवालऔपचारिक पत्र में क्या क्या आता है?औपचारिक पत्र नियमों से बंधे हुए होते हैं, जिसमे हम अपनी भावनाओ को व्यक्त नहीं कर सकते हैं और इसकी शब्द सीमा 150-200 शब्द के बीच होती है। औपचारिक पत्र लेखन क्या है?औपचारिक पत्र विशेष रूप से अधिकारियों को लिखे जाते हैं। जैसे कि स्कूल में छुट्टी का आवेदन पत्र, समाचार पत्र के संपादक को पत्र, या किसी सरकारी विभाग को आवेदन पत्र ताकि वे रिकॉर्ड में रहें। औपचारिक तथा अनौपचारिक पत्र लेखन अन्तरऔपचारिक पत्र का दूसरा नाम क्या है?व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं।
अनौपचारिक पत्र को क्या कहा जाता है *?अनौपचारिक पत्र– जिन लोगों से निजी संबंध होते हैं, उन्हें अनौपचारिक पत्र (इनफॉर्मल लेटर) लिखे जाते हैं। इस प्रकार के पत्रों में व्यक्ति अपने मन की बातों, भावनाओं सुख-दुख की बातों आदि को लिखते हैं। अतः इन पत्रों को 'व्यक्तिगत पत्र' भी कहा जाता है।
औपचारिक पत्र कैसे जाता है?औपचारिक पत्र का फॉर्मेट. 'सेवा में' लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें।. विषय – जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।. संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।. औपचारिक पत्र कितने प्रकार के होते हैं?औपचारिक-पत्रों को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
ये पत्र स्कुल के प्रधानाचार्य से लेकर किसी सरकारी विभाग के अधिकारी को भी लिखे जा सकते हैं। (2) कार्यालयी-पत्र – जो पत्र कार्यालयी काम-काज के लिए लिखे जाते हैं, वे 'कार्यालयी-पत्र' कहलाते हैं।
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