जल की कठोरता कैल्सियम एवं मैगनीशियम के घुलित लवण जैसे–कैल्सियम बाईकार्बोनेट, मैगनीशियम बाईकार्बोनेट, कैल्सियम क्लोराइड, मैगनीशियम क्लोराइड, कैल्सियम सल्फेट, मैगनीशियम सल्फेट आदि के कारण होती है। Show
जल की स्थायी कठोरता दूर करने का तरीका सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) की एक निश्चित मात्रा स्थायी कठोरता वाले जल में डालकर उबाल लेते हैं। जल में उपस्थित घुले हुए लवण CaCl2, MgCl2 आदि सोडियम कार्बोनेट से क्रिया करके अविलेय लवण बनाते हैं, जिन्हें छानकर अलग कर लिया जाता है। इस प्रकार प्राप्त जल साबुन के साथ झाग देता है। यानी जल की स्थायी कठोरता दूर हो जाती है। Solution : अस्थायी कठोरता `Ca^(2+)` तथा `Mg^(2+)` बाइकार्बोनेटो के कारण होती है जो उबालने पर अविलेय कार्बोनेटों में परिवर्तित हो जाते है। इसे सुनेंरोकेंस्थायी कठोरता जल में क्लोराइड और सल्फेट के रूप में मैग्नीशियम और कैल्शियम के घुलनशील लवणों की उपस्थिति के कारण होती है। उबालने से स्थायी कठोरता दूर नहीं होती है। इस विधि भी जिओलाइट/पेरमुटाईट प्रक्रिया कहा जाता है। इस विधि में रेजिन का उपयोग करके जल की स्थायी कठोरता को दूर किया जाता है। जल में कठोरता किसकी उपस्थिति के कारण आ जाती है?इसे सुनेंरोकेंऐसे जल को कठोर जल, (Hard water) कहते हैं जिसमें खनिज लवणों की अधिकता हो। इसमें कैल्शियम व मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट व कार्बोनेट उपस्थित रहते हैं। पढ़ना: नक्सलियों की समस्या क्या है? जल की स्थाई व अस्थाई कठोरता के क्या कारण हैं? इसे सुनेंरोकेंअस्थायी कठोरता (Temporary hardness) – अस्थायी कठोरता जल में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के हाइड्रोजन कार्बोनेट की उपस्थिति के कारण होती है। इसे उबालकर दूर किया जा सकता है। स्थायी कठोरता (Permanent hardness) – स्थायी कठोरता जल में विलेयशील कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के क्लोराइड तथा सल्फेट के रूप में घुले रहने के कारण होती है। कठोर और मृदु जल की पहचान कैसे करेंगे?इसे सुनेंरोकेंकठोर तथा मृदु जल किसे कहते है? जिस जल में कैल्सियम या मैग्नीशियम के क्लोराइड, सल्फेट बाइकार्बोनेट के घुले होने के कारन साबुन के झाग नहीं उठते हैं, उसे कठोर जल कहते हैं। इसके विपरीत जिस जल में उपर्युक्त लवण नहीं घुले होते है और साबुन के झाग खूब उठते हैं, वह मृदु जल होता है. कठोर जल साबुन के साथ झाग क्यों नहीं देता है?इसे सुनेंरोकेंकठोर जल में केल्सियम व मैग्नीशियम के क्लोराइड, सल्फेट तथा बाई कार्बोनेट के लवण घुले रहते है अतः ये लवण साबुन के साथ क्रिया करके अविलय यौगिक बनाते है जो कि पात्र में पैंदे में जमा हो जाते है। इन्हीं अविलय यौगिक के बनने के कारण साबुन झाग नहीं देता है। पढ़ना: 2022 में राशन कार्ड पर क्या क्या मिलेगा? कठोर एवं भारी जल क्या है? इसे सुनेंरोकेंऐसे जल को कठोर जल, (Hard water) कहते हैं जिसमें खनिज लवणों की अधिकता हो। इसमें कैल्शियम व मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट व कार्बोनेट उपस्थित रहते हैं। इसकी सरल पहचान है कि यह साबुन के साथ फेन (झाग) उत्पन्न नही करता। ध्यान रहे कि ‘भारी जल’ अलग चीज है। पानी की स्थायी कठोरता का क्या कारण है?इसे सुनेंरोकेंजल की स्थायी कठोरता (Permanent hardness) उसमें उपस्थित कैल्शियम (calcium) और मैग्नीशियम (Magnesium) के सल्फेट, क्लोराइड, नाइट्रेट आदि लवणों के घुले रहने के कारण होती है। जल की स्थाई व अस्थाई कठोरता का क्या कारण है?इसे सुनेंरोकेंपानी में स्थायी और अस्थायी कठोरता पानी में मैग्नीशियम और कैल्शियम लबन के घुलने की वजह से होता है। जब पानी में मैग्नीशियम और कैल्शियम के घुलनशील बाई-कार्बोनेट लबन, जैसे MgHCO_3 उपस्थित रहता है, तब पानी में अस्थायी कठोरता देखा जाता है। जिसे उबालकर दूर किया जा सकता है। पढ़ना: तुलसी के 5 पत्ते रखने से क्या होता है? कठोर जल को मृदु बनाने के लिए कौन सा यौगिक है? इसे सुनेंरोकेंसोडियम कार्बोनेट (Na2CO3. 10H2O) (धावन सोडा)। हार्ड वाटर को सॉफ्ट कैसे करे?इसे सुनेंरोकेंइस समस्या को हल करने का सही तरीका यह है कि आपके नल में एक कड़ोर पानी सॉफ्टनर के रूप में जाना जाने वाला उपकरण स्थापित किया जाए । यह आपके नल और वर्षा के लिए एक प्रकार का फिल्टर है। यह आपको एक नल के मोड़ पर शीतल जल प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। अस्थायी कठोरता (Temporary hardness) – वह जल जिसे उबालने पर उसकी कोठरता समाप्त हो जाती है, उसे अस्थाई कठोरता (Temporary hardness) कहते है। यह कठोरता जल में कैल्शियम (calcium) और मैग्नीशियम (Magnesium) के बाइकार्बोनेट घुलें होने के कारण होती है। जल को उबालने या जल में बुझा चूना ( pouring lime) डालने से भी जल की अस्थाई कठोरता (Temporary hardness) को दूर किया जा सकता है। स्थायी कठोरता (Permanent hardness) – वह जल जिसे उबालने पर भी उसकी कठोरता दूर नहीं होती तो उसे स्थायी कठोरता (Permanent hardness) कहते है। जल की स्थायी कठोरता (Permanent hardness) उसमें उपस्थित कैल्शियम (calcium) और मैग्नीशियम (Magnesium) के सल्फेट, क्लोराइड, नाइट्रेट आदि लवणों के घुले रहने के कारण होती है। शुद्ध जल (Pure water)शुद्ध जल का PH-7 होता है। जल 100°C तापमान पर खौलने तथा 4°C से नीचे तापमान पर जमने लगता है। 4°C पर जल का घनत्व सर्वाधिक होता है जबकि इससे अधिक या कम ताप पर घनत्व घटने लगता है। पेट्रोल (petrol) द्वारा लगी आग को बुझाने के लिए पानी का प्रयोग नहीं किया जाता, क्योंकि पेट्रोल के पानी से हल्का होने के कारण जल की सतह से ऊपर आकर जलता रहता है। जल के शुद्ध तथा रोगाणु रहित करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर (Bleaching powder) या फिटकरी (alum) का प्रयोग किया जाता हैं। धूल कण, बैक्टिरिया तथा आदि दूषित पदार्थ जल में कोलाइडी विलयन ( colloidal solution) बनाते हैं। इस जल में फिटकरी (alum) मिलाने पर ये सभी स्कंदित हो जाते हैं और जल शुद्ध ( water is purified) प्राप्त होता है। | Note :
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