Solution : नवाब लोगों के मन में नवाबी धाक जमाने की प्रवृत्ति रहती है। वे सामान्य जीवन के पहलुओं को छोड़कर नये-नये सूक्ष्म तरीके खोजते हैं। वे अपनी अमीरी और साहबी दिखाना चाहते हैं। वे अकेले बैठे-बैठे खीरा खाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन लेखक को देखते उनकी साहबी जाग उठी। वे खाने का दिखावा करने के लिए खीरे के प्रत्येक टुकड़े को सूंघ-सूंघकर खिड़की के बाहर फेंकते गये। इस प्रकार नवाब साहब ने लेखक के सामने अपनी नवाबी का स्वभाव का प्रदर्शन कर लेखक को प्रभावित कर दिया। Show These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 12 लखनवी अंदाज़. प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1. खिड़की से बाहर झाँकते रहे और लेखक को न देखने का नाटकीय प्रदर्शन करते रहे। नवाब साहब के इन हाव-भावों को देखकर लेखक अनुमान लगा रहा था कि वे बातचीत करने के लिए किंचित भी उत्सुक नहीं हैं। प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 5.
(ख) भोजन करने के लिए यथासंभव नीबू, विविध
फलों, सब्ज़ियाँ का सलाद, उस पर नींबू को निचोड़ रस डालकर काला नमक आदि डालते हैं। नमकीन रायता और प्रश्न 6. प्रश्न 7. आचार्य चाणक्य ऐसे ही सनकी महापुरुष थे। पक्का इरादा, आत्मविश्वास और चढ़ गई सनक कि राजा नंद को समूल नाश कर योग्य शासक के हाथ में शासन को सौंपना है। सनक के सामने संकटों से भरा मार्ग भी प्रशस्त जान पड़ता है। बड़ी-बड़ी विपदाओं की चिंता किए बिना एक सामान्य बालक को ही सम्राट बनाने की ठान ली और वही हुआ, होकर रहा जो भी चाणक्य चाहते थे। अतः सापेक्ष सनक के सुपरिणाम ही निकलते हैं। भाषा-अध्ययन प्रश्न 8. Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 12 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. नवाब साहब ने अपनी नवाबी का प्रदर्शन कैसे किया?वे अकेले बैठे-बैठे खीरा खाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन लेखक को देखते उनकी साहबी जाग उठी। वे खाने का दिखावा करने के लिए खीरे के प्रत्येक टुकड़े को सूंघ-सूंघकर खिड़की के बाहर फेंकते गये। इस प्रकार नवाब साहब ने लेखक के सामने अपनी नवाबी का स्वभाव का प्रदर्शन कर लेखक को प्रभावित कर दिया।
नवाब साहब ने तृप्ति का प्रदर्शन कैसे किया 1 Point पेट पर हाथ फेरकर दाढ़ी पर हाथ फेरकर डकार लेकर जम्हाई लेकर?2. ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है। नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे।
लेखक ने नवाब साहब का प्रस्ताव क्यों स्वीकार किया?इससे लेखक को लगा कि नवाब साहब उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं।
नवाब साहब का व्यवहार क्या दर्शाता है?उत्तरः नवाब का व्यवहार यह दर्शाता है कि वे बनावटी जीवन-शैली के अभ्यस्त हैं। उनमें दिखावे की प्रवृत्ति है। वे रईस नहीं हैं, बल्कि रईस होने का ढोंग कर रहे हैं।
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