सूरज ढलने के बाद क्या होता है? - sooraj dhalane ke baad kya hota hai?

सूरज ढलने के बाद नहीं करना चाहिए इन चीजों का दान, बढ़ सकती हैं परेशानियां

हिंदू धर्म में दान का विशेष महत्व है। हमारे धर्म ग्रंथों में दान भी कई प्रकार के बताए गए हैं। कुछ विशेष अवसरों पर दान करने की परंपरा हिंदू धर्म में आज भी जीवित है। दान से जुड़ी कई परंपराएं और मान्यताएं भी हैं।

सूरज ढलने के बाद क्या होता है? - sooraj dhalane ke baad kya hota hai?

सूरज ढलने के बाद क्या होता है? - sooraj dhalane ke baad kya hota hai?

Ujjain, First Published Oct 18, 2021, 5:00 AM IST

उज्जैन. वैसे तो पुण्य कार्य करने का कोई वक्त नहीं होता, परन्तु दान करने का वक्त जरूर होता है। अक्सर हम बड़े बुजुर्गों से यह कहते भी सुनते हैं कि सूर्यास्त के बाद कुछ विशेष चीजों का दान नहीं करना चाहिए। इससे हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

सूर्यास्त के बाद न करें चीजों का दान
अगर आप अपने घर-परिवार में सुख समृद्धि बनाए रखना चाहते हैं तो ये जानना जरूरी है कि आपको किस चीज और किस समय दान करना चाहिए, जो आपके लिए लाभदायक हो। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ढलने के बाद कुछ चीजों का दान नहीं करना चाहिए। अगर आप दान करते हैं तो आपका भाग्य बिगड़ सकता हैं। आगे जानिए किन चीजों का दान सूर्यास्त के बाद नहीं करना चाहिए।

लहसुन और प्याज
सूर्यास्त के बाद लहसुन और प्याज का दान नहीं करना चाहिए। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, इसका संबंध केतु ग्रह से है। केतु ग्रह नकारात्मक शक्तियों का स्वामी होता है। कहा जाता है इसी वक्त जादू-टोना जैसे कार्य किए जाते हैं। यही कारण सूर्य ढलने के बाद लहसून और प्याज किसी को भी नहीं देना चाहिए।

पैसा देना
अक्सर हम लोग अपने बड़े बुजुर्गों से सुनते हैं कि सूर्य ढलने के बाद किसी को पैसा नहीं देना चाहिए और मना करने की बात कही जाती है। दरअसल, माना जाता उस वक्त घर में मां लक्ष्मी प्रवेश करती हैं। अगर हम शाम के समय किसी को पैसे-रुपये देते हैं तो लक्ष्मी जी दूसरे के घर चली जाती हैं।

हल्दी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्यास्त के बाद हल्दी किसी को नहीं देना चाहिए। शास्त्र के अनुसार, अगर सूर्यास्त के बाद हम किसी को देते हैं तो गुरु ग्रह कमजोर पड़ता है। ऐसा करने से परेशानी बढ़ सकती है।

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Last Updated Oct 18, 2021, 9:41 AM IST

हर साल होनेवाले इस समारोह

के

लिए हम निसान 14 को सूरज ढलने के बाद इकट्ठा होते हैं।

With appreciation

for

God's undeserved kindness and in obedience to Jesus' direction, we gather for that event yearly, after sundown on Nisan 14.

बाइबल पर आधारित इस तरीके का इस्तेमाल करके पता लगाया गया है कि इस साल

This date is usually the day of the full moon. Using this Biblical method,

Nisan 14 this year begins at sunset on Sunday, April 17,

कुछ बाइबलें कहती हैं कि मेम्ने की बलि“ दो शाम

के

बीच” चढ़ायी जानी थी, जिसका मतलब है धुँधलका या झुटपुटे

के

वक्‍त,

12/ 15, पेज 18- 19।

Some Bible translations say that it was to be slaughtered“ between the two evenings,” meaning at twilight or

at dusk​ - after sunset but before full darkness.​

- 12/ 15, pages 18- 19.

परमेश्‍वर द्वारा अपने बेटे

के

ज़रिए दी गयी छुड़ौती

के

लिए एहसानमंदी हमें मसीह की मृत्यु की यादग़ार मनाने

के

लिए राज्य गृह में या

दूसरी जगह मौजूद होने

के

लिए प्रेरित करेगी जहाँ यहोवा

के

साक्षी अप्रैल ११, १९९८ को सूरज ढलने के बाद इकट्ठा होंगे।

Gratitude for the ransom provided by God by means of his Son should move us to be present at Kingdom Halls or

other places where Jehovah's Witnesses will assemble after sundown on April 11, 1998, to commemorate the death of Christ.

इस साल यह समारोह शनिवार, 22 मार्च को सूरज ढलने के

बाद

मनाया जाएगा।

This year, the Memorial of the death of Jesus Christ will be observed on Saturday, March 22, after sundown.

प्रभु संध्या भोज मंगलवार, अप्रैल ६,

The Lord's Evening Meal will

be celebrated on Tuesday, April 6, 1993, after sundown locally.

अप्रैल ११, १९९८ को सूरज ढलने के

बाद

किस उल्लेखनीय घटना की यादग़ार मनायी जाएगी

और किसे मौजूद होना चाहिए?

What notable event will be commemorated after sundown on April 11, 1998, and who should be present?

इस साल यहोवा

के

साक्षी मंगलवार, 11 अप्रैल,

2017 को सूरज ढलने के

बाद

यीशु की कुरबानी याद करने

के

लिए एक सभा रखेंगे।

Jehovah's Witnesses will commemorate Jesus'

हम हर साल यीशु की कुरबानी को उसके मौत

के

दिन सूरज ढलने के

बाद

याद करते हैं और इस साल यह दिन बुधवार,

23 मार्च को पड़ेगा।

This year, the Memorial of Jesus' death falls on Wednesday, March 23, after sundown.

दुनिया- भर में यहोवा

के

साक्षियों की मंडलियों को यह सूचना दे

दी गयी है कि निसान 14 की शुरूआत सोमवार, 14 अप्रैल, 2014 को सूरज ढलने के

बाद

होगी।

Congregations of Jehovah's Witnesses around the earth have been

informed that Nisan 14 will begin at sunset on Monday, April 14, 2014.

यीशु ने अपनी मौत की याद में जिस स्मारक की शुरूआत की थी, उसे यहोवा

के

साक्षी और उनके दोस्त, गुरुवार, मार्च 24,

The Memorial that Jesus instituted to commemorate his death will be observed by Jehovah's Witnesses and their friends on Thursday, March 24,

I'm hoping it's going to die down after sun down.

पूरे दिन पूरे परिवार

के

लिए रोमांच और

गतिविधियों का आनंद लें और सूरज

ढलने 

के बाद मस्ती की एक भयावह शाम

के

लिए वापस आ जाएं।

Enjoy thrills and activities for

the

whole

family during

the

day, but it turns into a frightening evening of fun after the sun goes down.

Sun rays after rain.

भारत का यह सबसे खतरनाक किला, जहाँ सूरज ढलने

के बाद

कोई भी जाना नहीं चाहता।

Previous article India's most dangerous fort, no one wants to stay here after the sun sets.

गुरुवार, निसान 14 को

सूरज ढलने 

के बाद, यीशु ने अपने प्रेषितों

के

साथ फसह का भोज किया।

At length… the hour came” for the Passover meal, after sunset on Nisan 14, which would be Thursday evening.

पहली, बाइबल

के

ज़माने में दिन,

सूरज ढलने के बाद

से शुरू होता था और अगले दिन सूरज ढलने पर खत्म होता था।

First, in Bible times a new day began in the evening, at sunset, and ended the next day

at 

sunset.

दिन ढलने के

बाद

मौत हो सकती है यहां।

Might come the day after you die.

वादा। ‎हम वहाँ सूरज ढलने से पहले पहुँच जाएँगे।

Promise. We will be there before sunset.

सूरज ढलने तक तुम्हारा गुस्सा बना न रहे।”- इफिसियों 4: 26।

Do not let the sun set while you are still angry.”​ - Ephesians 4: 26.

सूरज ढलने से पहले हमें इन लोगों को छिपने

के

लिए जगह मिलनी चाहिए।

आज रात सूरज ढलने पर मैं इसे चावल

के

साथ पकाऊंगी," लड़के की मां ने कहा।

I will cook him with rice at sunset tonight,” said the Boy's mother.

हालांकि यह सभी के लिए एक महत्वपूर्ण विशेषता

के

रूप में नहीं गिना जा सकता है, कुछ लोगों को सूरज

ढलने के 

बाद भी सर्दियों

के

महीनों

के

दौरान शाम को 5 या 6 बजे तेज ब्‍लू लाइट

के

संपर्क में आने से फायदा हो सकता है।

While this may not count as much of an important feature for everyone, some people may benefit from being exposed to brighter blue light at 5 or 6 o'clock in

the

evening during

the

winter months even after the sun has gone down.

पूरे दिन पूरे परिवार

के

लिए रोमांच और

गतिविधियों का आनंद लें और सूरज

ढलने के 

बाद मस्ती की एक भयावह शाम

के

लिए वापस आ जाएं।

Enjoy thrills and activities for

the

entire family

throughout

the

day, then come back for an evening of thrills and terror after the sun goes down.

सूर्यास्त के बाद क्या नहीं करना चाहिए?

झाड़ू-पोछा नहीं लगाते हैं : मान्यता अनुसार सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू-पोछा या साफ-सफाई नहीं करनी चाहिएसूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से धन हानि होने लगती है। 10. सोना वर्जित है : सूर्यास्त के ठीक बाद या सूर्यास्त के समय सोना वर्जित माना गया है साथ ही इस समय भोग और स्त्री संग सोना भी वर्जित है।

सूर्यास्त के समय क्यों नहीं पढ़ना चाहिए?

इससे धन की हानि होती है। सूर्यास्त के बाद जब आसमान में अच्छे से अंधेरा हो जाए यानी की रात हो जाए, तब निद्रा के लिए जाना चाहिए। संध्याकाल में घर में सफाई नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि इस समय झाड़ू या पोछा करने से लक्ष्मी नाराज होकर घर से चली जाती है।

रात के समय क्या नहीं देना चाहिए?

शाम के वक्त धन का लेन देन नहीं करना चाहिए, इसे अपशगुन माना गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस समय धन का लेन-देन करता है, उससे घर से देवी लक्ष्मी चली जाती हैं।

सूर्यास्त के बाद झाड़ू क्यों नहीं लगाना चाहिए?

ऐसी मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद झाड़ू नहीं लगाना चाहिए क्योंकि सूर्यास्त के बाद घर में लक्ष्मी मां का प्रवेश होता है। अगर उस समय झाड़ू लगा दी जाती है, तो लक्ष्मी मां नाराज हो जाती हैं और हमें अपना आशीर्वाद नहीं देती हैं।