15 प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में क्या अन्तर है ?`? - 15 prati vyakti aay aur raashtreey aay mein kya antar hai ?`?

15 प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में क्या अन्तर है ?`? - 15 prati vyakti aay aur raashtreey aay mein kya antar hai ?`?

सन् 2018 में भिन्न देशों की प्रति व्यक्ति आय

प्रति व्यक्ति आय (Per capita income) किसी देश, राज्य, नगर, या अन्य क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की औसत आय होती है। इसका अनुमान उस क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों की आय के जोड़ को क्षेत्र की कुल जनसंख्या से विभाजित कर के लगाया जाता है। प्रति व्यक्ति आय विभिन्न देशों के अलग-अलग जीवन स्तर का एक महत्वपूर्ण सूचकांक होती है। यह मानव विकास सूचकांक में सम्मिलित तीन संख्याओं में से एक है। अनौपचारिक बोलचाल में प्रति व्यक्ति आय को औसत आय (average income) भी कहा जाता है और आमतौर पर अगर एक राष्ट्र की औसत आय किसी दूसरे राष्ट्र से अधिक हो, तो पहला राष्ट्र दूसरे से अधिक समृद्ध और सम्पन्न माना जाता है।[1]

सूचियाँ[संपादित करें]

कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ वार्षिक रूप से विश्वभर के देशों की प्रति व्यक्ति आय की सूचियाँ बनाती हैं। यह सूचियाँ दो आधारों पर बनाई जाती हैं:[2]

  • अभारित सूची (Nominal) - यह सरल सूचियाँ सीधे कमाई जाने वाली मुद्रा में आय को लेकर अभारित रूप से (यानि बिना किसी फेर-बदल के) बनाई जाती है और अधिकतर इन्हीं सूचियों का प्रयोग होता है।
  • क्रय-शक्ति समता पर आधारित सूची (PPP) - यह सूचिया क्रय-शक्ति समता के आधार पर बनती हैं और इनसे यह अंदाज़ा लगाया जाता है कि किसी क्षेत्र में लोग अपनी आय से कितना खरीद सकते हैं, जो भिन्न माल और सेवाओं की स्थानीय कीमतों पर निर्भर करता है।

संपत्ति के मापन में प्रति व्यक्ति आय[संपादित करें]

प्रति व्यक्ति आय का उपयोग किसी एक देश के लोगों की संपत्ति का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है, किसी अन्य देश की तुलना में। आमतौर पर यह किसी सर्वमान्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा जैसे यूरो या डॉलर में मापा जाता है। लेकिन इस मापन प्रणाली में एक खोट भी है। वह यह की यह किसी देश की केवल मौद्रिक संपति को ही उस देश के लोगों में बाँटता है और अन्य आर्थिक गतिविधियों को माप में नहीं लेता। हो सकता है की किसी देश विशेष की प्रति व्यक्ति आय मौद्रिक संदर्भ में तो कम हो लेकिन उस देश में होने वाली आर्थिक गतिविधियों का मौद्रिक मुल्य कहीं अधिक हो। इसलिए इसे किसी देश के विकास का एकमात्र पैमाना माना जा सकता।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • सकल घरेलू उत्पाद
  • प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार देशों की सूची (अभारित)
  • भारतीय राज्यों की प्रति व्यक्ति आय
  • मुक्त बाज़ार
  • नियंत्रित बाज़ार
  • अभाव अर्थव्यवस्था

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "GDP: A Brief But Affectionate History," Diane Coyle, Princeton University Press, 2015, ISBN 9781400873630
  2. "Macroeconomics: Theory and Applications," GS Gupta, Tata McGraw Hill, 2004, ISBN 9780070585942, ... Its annual magnitude divided by the nation's population, called the per capita income, is used as a measure of the standard of living of the people ...

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय

15 प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में क्या अन्तर है ?`? - 15 prati vyakti aay aur raashtreey aay mein kya antar hai ?`?

Posted On: 07 JAN 2022 5:30PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के व्यय घटकों के संगत अनुमानों के साथ स्थिर (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रमि अनुमान (एफएई) जारी कर दिया है।

बजट अभ्यास के लिए आवश्यक इनपुट के रूप में काम करने के लिए 2016-17 में पेश किया गया सकल घरेलू उत्पाद का पहला अग्रिम अनुमान सीमित आंकड़ों पर आधारित है और बेंचमार्क-इंडिकेटर पद्धति का उपयोग करके संकलित किया गया। अर्थात पिछले वर्ष के लिए उपलब्ध अनुमान (2020-21 में) इस मामले में) क्षेत्रों के प्रदर्शन को दर्शाने वाले प्रासंगिक संकेतकों का उपयोग करके संकलित किया जाता है।

वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए लगातार (2011-12) की आर्थिक गतिविधियों के प्रकार और सकल घरेलू उत्पाद के व्यय घटकों द्वारा मूल कीमतों पर जीवीए के साथ सकल/शुद्ध राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय का अनुमान और वर्तमान मूल्य विवरण 1 से 4 में दिए गए हैं।

वर्ष 2021-22 में स्थिर कीमतों (2011-12) पर वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान 147.54 लाख करोड़ है, जबकि वर्ष 2020-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का अनंतिम अनुमान 135.13 लाख करोड़ है, जो 31 मई, 2021को जारी किया गया था। 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की जीडीपी की तुलना में 2021-22 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। मूल कीमतों पर वास्तविक जीवीए 2021-22 में 135.22 लाख करोड़ होने का अनुमान जताया गया है जो 2020-21 में 124.53 लाख करोड़ के मुकाबले, 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

वर्ष 2021-22 में मौजूदा कीमतों पर नाममात्र जीडीपी या सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान 232.15 लाख करोड़ है, जबकि वर्ष 2020-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद के अनंतिम अनुमान 197.46 लाख करोड़ रहा था जो 31 मई 2021 को जारी किया गया था।  2021-22 के दौरान नॉमिनल जीडीपी में 17.6 प्रतिशत की वृद्धि रहने का अनुमान है। मूल कीमतों पर नॉमिनल जीवीए 2021-22 में 210.37 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2020-21 में यह 179.15 लाख करोड़ रुपये का रहा जिसमें 17.4 प्रतिशत की वृद्धि दिख रही है।

सेक्टर-वार वित्तीय वर्ष के पहले 8 महीनों के अनुमानों को संकेतकों जैसे- (i) औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी), (ii) सितंबर, 2021 को समाप्त तिमाही तक उपलब्ध निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र में सूचीबद्ध कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन (iii) फसल उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान, ( iv) केंद्र और राज्य सरकारों के खाते, (v) बैंक जमा और क्रेडिट, (vi) रेलवे के लिए शुद्ध टन किलोमीटर और यात्री किलोमीटर, (vii) नागरिक उड्डयन द्वारा संचालित यात्री और कार्गो, (viii) प्रमुख समुद्री बंदरगाहों पर माल ढुलाई, (ix) वाणिज्यिक वाहनों आदि की बिक्री,आदि का उपयोग करके संकलित किया गया है।

यात्रियों के लिए 2021-22 के अनुमानों और नागरिक उड्डयन द्वारा संचालित कार्गो, संबंधित एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रमुख समुद्री बंदरगाहों पर कार्गो को भी संबंधित क्षेत्रों के अनुमानों के संकलन में उपयोग किया गया था। अनुमान में प्रयुक्त मुख्य संकेतकों में प्रतिशत परिवर्तन अनुलग्नक में दिया गया है।     

जीडीपी के संकलन के लिए उपयोग किए जाने वाले कुल कर राजस्व में गैर-जीएसटी राजस्व और जीएसटी राजस्व शामिल है। 2021-22 के लिए कर राजस्व के संशोधित अनुमानों, और महालेखा नियंत्रक (सीजीए) और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा जानकारी को वर्तमान मूल्यों पर उत्पादों पर करों के अनुमान के लिए उपयोग किया गया है। स्थिर मूल्यों पर उत्पादों पर कर हासिल करने के लिए, कर योग्य सामानों और सेवाओं में विस्तार का उपयोग करते हुए वॉल्यूम एक्स्ट्रापोलेशन किया जाता है और कुल करों के आकलन के लिए उन्हें एकीकृत किया जाता है। बजट 2021-22 में पेश की गई केंद्र की प्रमुख सब्सिडी, जैसे  खाद्य, यूरिया, पेट्रोलियम और पोषक तत्व आधारित सब्सिडी और अधिकांश राज्यों द्वारा अक्टूबर 2021 तक सब्सिडी पर किया गया व्यय, जैसा कि केंद्र/राज्यवार बजट अनुमान 2021-22 के प्रावधान सीएजी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र और राज्यों के बजट दस्तावेजों के विस्तृत विश्लेषण के आधार पर राजस्व व्यय, ब्याज भुगतान, सब्सिडी आदि पर उपलब्ध जानकारी को भी सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (जीएफसीई) के आकलन के लिए उपयोग में लाया गया था।

हालांकि, ये 2021-22 के शुरुआती अनुमान हैं। विभिन्न संकेतकों का वास्तविक प्रदर्शन, वास्तविक कर संग्रह और बाद के महीनों में सब्सिडी पर खर्च, कमजोर वर्गों के लिए नए राहत उपाय (जैसे कि मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करना जिसे अब मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है) और अन्य उपाय, यदि कोई हों और सरकार द्वारा कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का इन अनुमानों के बाद के संशोधनों पर असर पड़ेगा।

2020-21 पहला संशोधित अनुमान  31.01.2022 को जारी होने के कारण (बेंचमार्क वर्ष) इसका असर एफएई में परिलक्षित विकास दरों के संशोधन का कारण सकता है। इसलिए अनुमानों में जारी कैलेंडर के अनुसार, पूर्वोक्त कारणों के लिए नियत समय में संशोधन किए जाने की संभावना है। उपयोगकर्ताओं को आंकड़ों की व्याख्या करते समय इसे ध्यान में रखना चाहिए।

वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय आय का दूसरा अग्रिम अनुमान और तिमाही अक्टूबर-दिसंबर, 2021 (तीसरी तिमारी 2021-22) के लिए तिमाही जीडीपी अनुमान 28.02.2022 को जारी किया जाएगा।

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एमजी /एएम/ केजे

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प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में क्या अंतर है स्पष्ट करें?

प्रति व्यक्ति आय (Per capita income) किसी देश, राज्य, नगर, या अन्य क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की औसत आय होती है। इसका अनुमान उस क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों की आय के जोड़ को क्षेत्र की कुल जनसंख्या से विभाजित कर के लगाया जाता है।

प्रति व्यक्ति आय किसे कहते हैं राष्ट्रीय आय क्या है?

Answer: प्रति व्यक्ति आय उस आय को कहा जाता है जब किसी देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद को जब उस देश की उस वर्ष की मध्यावधि तिथि की जनसंख्या से विभाजित किया जाता है। यह हमें उस देश के निवासियों को प्राप्त होने वाली औसत आय की मौद्रिक जानकारी देता है।

प्रति व्यक्ति आय से आप क्या समझते हैं इसका सूत्र भी लिखिए?

प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति आय के रूप में भी जाना जाता है, एक आर्थिक इकाई में देश या शहर जैसे लोगों की औसत आय है। इसकी गणना कुल आय (जैसे जीडीपी या सकल राष्ट्रीय आय) में आय के सभी स्रोतों को मापकर और कुल जनसंख्या द्वारा विभाजित करके की जाती है।