Show
नवाब साहब को लेखक के सामने झिझक क्यों हो रही थी?← Prev Question Next Question → 0 votes 7 views asked 3 days ago in Hindi by AnmolSingh
(20.6k points) नवाब साहब को लेखक के सामने झिझक क्यों हो रही थी?
Share It On 1 Answer+1 vote answered
3 days ago by KrushnaBhovare (24.1k points) Best answer लेखक का आना नवाब साहब को अच्छा नहीं लगा। वे यह नहीं चाहते थे कि कोई सफेदपोश उन्हें मझले दर्जे में सफर करते देखे। नवाब को खीरे जैसे अपदार्थ खाते कोई देखे तो उनकी नवाबी शान धूल में मिल जाएगी। इसलिए नवाब को लेखक के सामने झिझक हो रही थी। ← Prev Question Next Question → Find MCQs & Mock Test
Related questions0 votes 1 answer लेखक और नवाब साहब दोनों में से आप किसके स्वभाव को अच्छा कहेंगे? क्यों ? asked 3 days ago in Hindi by KrushnaBhovare (24.1k points)
0 votes 1 answer लेखक ने नवाब साहब द्वरा खीरे खाने के आग्रह को क्यों नकार दिया होगा ? तर्क सहित उत्तर लिखिए। asked 3 days ago in Hindi by KrushnaBhovare (24.1k points)
0 votes 1 answer नवाब साहब ने नमक-मिर्च लगी खीरें की फांकों का क्या किया? asked 3 days ago in Hindi by KrushnaBhovare (24.1k points)
0 votes 1 answer नवाब साहब के खीरे खाने के नये तरीका का वर्णन कीजिए। asked 3 days ago in Hindi by AnmolSingh (20.6k points)
0 votes 1 answer नवाब साहब ने खीरे का क्या किया? asked 3 days ago in Hindi by AnmolSingh (20.6k points)
Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students. Categories
... 2 नवाब साहब को लेखक के सामने झिझक क्यों हो रही थी?नवाब साहब को लेखक के सामने झिझक हो रही थी। नवाब साहब को देख कर ऐसा लगता था कि उनको एकांत में बैठना था और लेखक के आने से खलल पड़ गया। लेखक से बात करने के लिए, नवाब साहब कोई उत्साह प्रकट नहीं कर रहे थे। अपनी झूठी शान बनाने के लिए नवाब साहब मौन रह रहे थे।
नवाब साहब को थकान क्यों महसूस हुई?खीरे को काटकर उसमें नमक और लाल मिर्च बुरका। फिर लेखक को खाने को पुछा। लेखक के मना करने के बाद नवाब साहब ने खीरे की खुशबू को अपनी नाक में लेकर उसे ट्रेन से बाहर एक-एक टुकड़े को फेंक दिया। इसी प्रक्रिया में नवाब साहब को थकान का अनुभव हुआ और वह लेट गए।
लेखक को यह क्यों महसूस हुआ कि नवाब साहब उनसे बात करने के लिए ज़रा भी उत्सुक नहीं हैं?प्रश्न 1: लेखक को नवाब साहब के किन हाव भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं? उत्तर: जब लेखक अपनी सीट पर बैठा तो नवाब साहब उनसे नजरें मिलाने से बच रहे थे। नवाब साहब खिड़की के बाहर देख रहे थे। इन हाव भावों से पता चलता है कि नवाब साहब लेखक से बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं थे।
नवाब साहब ने लेखक के सामने खीरा खाने का कौन सा नवाबी तरीका अपनाया?नवाब साहब दूसरों के सामने साधारण-सा खाद्य पदार्थ खीरा खाना नहीं चाहते थे। इसलिए उन्होंने खीरे को किसी कीमती वस्तु की तरह तैयार किया। उस लजीज खीरे को देखकर लेखक के मुँह में पानी आ गया था।
|