नीला शंख में कौन सा अलंकार है? - neela shankh mein kaun sa alankaar hai?

प्रातः नभ था , बहुत नीला शंख जैसे में कौन सा अलंकार है?

प्रातः नभ था , बहुत नीला शंख जैसे में कौन सा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
प्रातः नभ था , बहुत नीला शंख जैसे में उपमा अलंकार है क्योंकि यहाँ नभ की तुलना नीला शंख से की गई है।

प्रातः नभ था , बहुत नीला शंख जैसे में उपमेय, उपमान, समान धर्म एवं वाचक को स्पष्ट कीजिये

उपमेय – जिसकी उपमा दी जाय। उपर्युक्त पंक्ति में नभ उपमेय है।

उपमान – जिस प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से उपमा दी जाती है। उपर्युक्त पंक्ति में नीला शंख उपमान है।

समान धर्म – उपमेय-उपमान की वह विशेषता जो दोनों में एक समान है। उपर्युक्त उदाहरण में समान धर्म है।

वाचक शब्द – वे शब्द जो उपमेय और उपमान की समानता प्रकट करते हैं। उपर्युक्त उदाहरण में जैसे वाचक शब्द है।

प्रातः नभ था , बहुत नीला शंख जैसे में उपमा अलंकार का कौन सा भेद है?

प्रातः नभ था , बहुत नीला शंख जैसे में उपमा का भेद है – लुप्तोपमा

उपमा अलंकार- जब काव्य में किसी वस्तु या व्यक्ति की तुलना किसी अत्यंत प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से की जाती है तो उसे उपमा अलंकार कहते हैं

सा, से, सी, सम, समान, सरिस, इव, समाना आदि कुछ अन्यवाचक शब्द है।

उपमा अलंकार के तीन भेद हैं–पूर्णोपमा, लुप्तोपमा और मालोपमा।

(क) पूर्णोपमा – जहाँ उपमा के चारों अंग विद्यमान हों वहाँ पूर्णोपमा अलंकार होता है;

जैसे-
हरिपद कोमल कमल से”

(ख) लुप्तोपमा – जहाँ उपमा के एक या अनेक अंगों का अभाव हो वहाँ लुप्तोपमा अलंकार होता है;

जैसे-
“पड़ी थी बिजली-सी विकराल।
लपेटे थे घन जैसे बाल”।

(ग) मालोपमा – जहाँ किसी कथन में एक ही उपमेय के अनेक उपमान होते हैं वहाँ मालोपमा अलंकार होता है।

जैसे-
“चन्द्रमा-सा कान्तिमय, मृदु कमल-सा कोमल महा
कुसुम-सा हँसता हुआ, प्राणेश्वरी का मुख रहा।।”

उपमा अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:

उपमा अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

  • रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
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प्रातः नभ था बहुत नीला शंख जैसे में कौन सा अलंकार है?

May 19, 2020

(A) उपमा अलंकार
(B) रूपक अलंकार
(C) उत्प्रेक्षा अलंकार
(D) उल्लेख अलंकार

Answer : उपमा अलंकार

Explanation : प्रातः नभ था बहुत नीला शंख जैसे पंक्ति में उपमा अलंकार होता है। उपुर्यक्त काव्य-पंक्ति में प्रात:कालीन 'नभ' उपमेय है, 'शख' 'उपमान है, 'नीला' साधारण धर्म है और 'जैसे' वाचक शब्द है। यहां उपमा में चारों अंग उपस्थित है; अतएव यहां पूर्णोपमा अलंकार है।
उपमा अलंकार की परिभाषा – अत्यंत सादृश्य के कारण सर्वथा भिन्न होते हुए भी जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना दूसरी प्रसिद्ध वस्तु या प्राणी से की जाती है, वहां उपमा अलंकार होता है। सामान्य हिंदी प्रश्न पत्र में उपमा अलंकार संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए यह प्रश्न आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड, आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी साबित होगें।....अगला सवाल पढ़े

Tags : अलंकार अलंकारिक शब्द उपमा अलंकार

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1. काव्यांश में प्रयुक्त उपमान
   नीला शंख जैसा प्रात: का नभ
   राख से लीपा हुआ चौका जैसा भोर का नभ
   गौर झिलमिल देह जैसे

2. इस पद्यांश की दो भाषागत विशेषताएँ हैं:।
  (i) सरल, सुबोध भाषा का प्रयोग किया गया है।
  (ii) बिंबात्मक एवं चित्रात्मक भाषा का प्रयोग है।

3. इन पंक्तियों में सूर्योदय की वेला के प्राकृतिक सौंदर्य की मनोहारी झलक प्रस्तुत की गई है। आकाश में क्षण- क्षण परिवर्तित होते सौंदर्य के रूप-चित्रण में कवि को सफलता प्राप्त हुई है। कभी लगता है कि नीले जल वाले सरोवर में किसी गोरी नायिका का शरीर झिलमिला रहा है। कवि की कल्पना अत्यंत नवीन है। सूर्योदय होने पर उषा का यह जादू टूटने लगता है।
कवि ने उषाकालीन वातावरण को हमारी आँखों के सामने साकार रूप में उपस्थित कर दिया है। उत्प्रेक्षा और मानवीकरण अलंकारों का प्रयोग है।

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नीले शंख जैसा में कौन सा अलंकार है?

प्रातः नभ था , बहुत नीला शंख जैसे में उपमा अलंकार है क्योंकि यहाँ नभ की तुलना नीला शंख से की गई है।

नीला शंख जैसा क्या है?

व्याख्या: इस काव्यांश में कवि ने भोर के वातावरण का सजीव चित्रण किया है। प्रात:कालीन आकाश गहरा नीला प्रतीत हो रहा है। वह शंख के समान पवित्र और उज्ज्वल है। भोर (सूर्योदय) के समय आकाश में हल्की लालिमा बिखर गई है।

भोर के नाम को नीला शंख जैसा राख से लीपा हुआ चौका जैसा बताने से कौन सा अलंकार प्रयोग हुआ है?

(iii) कवि की उपमाएँ नए प्रयोग हैं। (iv) आकाश को 'नीले शंख जैसा' और 'राख के लिये चौका' जैसा बताने में उत्प्रेक्षा अलंकार है।