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डॉक्टर की सलाह कब ले?यदि निम्न में से कोई भी समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखा कर उनकी सलाह ले।
नाक का माँस बढ़ने से खतरानाक का मांस बढ़ने से निम्न खतरे हो सकते हैं।
इसके साथ ही नाक का मांस बढ़ जाने से परिवार में अन्य लोगो को भी यह समस्या आ सकती है। प्रतिरक्षा प्रणाली में बदलाव के चलते नाक के मांस बढ़ने के समस्या में इजाफा हो जाता है। इस तरह के कुछ प्रमाण भी प्राप्त किये जा चुके हैं। Mole on Nose: इंसान के चेहरे पर तिल महज सौंदर्य का प्रतीक ही नहीं होते बल्कि ये व्यक्ति के भविष्य में होने वाली घटनाओं का भी संकेत देते हैं. हमारे शरीर पर जन्मजात के कुछ निशान होते हैं जिन्हें हम तिल का नाम देते हैं. शरीर के अलग-अलग अंगों पर तिल की स्थिति, उनके रंग और आकार के हिसाब से अपने भविष्य का अनुमान भी लगाया जा सकता है. समुद्र शास्त्र में ऐसा बताया जाता है कि यह तिल बहुत विशेष महत्व रखते हैं. ज्योतिष के अभिन्न अंग सामुद्रिकशास्त्र के अनुसार शरीर के किसी भी अंग पर तिल होना एक अलग संकेत देता है. समुद्र शास्त्र में ऐसा बताया जाता है कि हमारे शरीर पर तिल का बहुत विशेष महत्व हैं. हर व्यक्ति के शरीर पर तिल होते हैं. आज हम जानेंगे माथे पर तिल होने के क्या-क्या मायने हो सकते हैं. सिर्फ सौभाग्यशाली लोगों के माथे पर इस तरफ होता है तिल, सामुद्रिक शास्त्र में माना जाता है किस्मत का धनी बायीं ओर हो अगर तिल नाक में दाई ओर तिल होना नाक की फ्रंट साइड यानी सामने की तरफ तिल होना आपके शरीर के तिल खोलते हैं भविष्य के सारे राज! आपके होंठ पर भी हैं तिल तो जानें कैसे हैं आप? नाक के ठीक बीच में तिल तिल के आकार का भी महत्व ज्योतिष शास्त्र की मानें तो किसी भी व्यक्ति के शरीर पर 12 से ज्यादा तिल होना अच्छा नहीं माना जाता है. शरीर पर तिलों को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं. ये भी कहा जाता है कि शरीर के जिस हिस्से पर तिल होता है वो उसके पूर्व जन्म में लगी किसी चोट का होता है. समुद्र शास्त्र अनुसार तिलों से भी व्यक्ति की लाइफ के बारे में बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है. तिल काले, भूरे और लाल रंग के होते हैं. तिल शुभ है या अशुभ इस बात का पता उसके मौजूदा स्थान से लगाया जा सकता है. नाक में मांस बढ़ने से क्या होता है?इससे पीड़ित व्यक्ति का नाक एक या दोनों तरफ से बंद रह सकती है. इन लोगों को जुकाम की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है. नाक का मांस बढ़ने वाले व्यक्ति के सूंघने की क्षमता में कमी आ सकती है. इस दौरान कुछ लोगों को सिरदर्द की भी शिकायत हो सकती है.
नाक पर मस्सा होने का क्या कारण है?-नाक पर मस्सा नित्य नवीन वस्त्र की प्राप्ति का सूचक है। -गाल पर मस्सा पुत्र के सुख का संकेत देता है। -होंठ पर मस्सा श्रेष्ठ भोजन उपलब्ध कराता है। -कान पर मस्सा हो तो आभूषण व आध्यत्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
नाक का म्यूकस क्या होता है?म्यूकस मेम्ब्रेन नाक का बहुत ही सेंसिटिव हिस्सा होता है, ठंडी हवा में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, हवा भारी होती है. जब ठंडी हवा नाक में जाती है, तब म्यूकस मेम्ब्रेन को उस ठंडी हवा को शरीर के तापमान तक लाने में समय लग जाता है, इस वजह से म्यूकस मेम्ब्रेन में सूजन आ जाती है, इससे नेज़ल कंजेशन हो जाता है.
साइनस कौन सी बीमारी है?साइनस जिसे मेडिकल भाषा में साइनोसाइटिस कहते है। इस बीमारी को इग्नोर करना ठीक नहीं है। इस बीमारी में रोगी की नाक की हड्डी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से जुकाम रहता है। ठंडी चीजों से परहेज किया जाए तो ये बीमारी कई बार खुद ही खत्म हो जाती है, लेकिन जिन्हें ये परेशानी लंबे समय तक रहती है उन्हें नाक का ऑपरेशन कराना पड़ता है।
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