UP Board Class 12 Geography Chapter 1 Text Book QuestionsUP Board Class 12 Geography Chapter 1 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न Show प्रश्न 1. (ii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौगोलिक सूचना का स्रोत नहीं है (iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक लोगों और पर्यावरण के बीच अन्योन्यक्रिया का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है (iv) निम्नलिखित में से कौन-सा एक मानव भूगोल का उपगमन नहीं है प्रश्न
2. (ii) मानव भूगोल के कुछ उप-क्षेत्रों के नाम बताइए। (iii) मानव भूगोल किस प्रकार अन्य सामाजिक विज्ञानों से सम्बन्धित है? प्रश्न 3. मानव, प्रकृति की प्रचण्डता से भयभीत होता था और उसकी पूजा करता था। इस तरह आदिमानव लगभग पूर्णतया प्राकृतिक पर्यावरण की शक्तियों द्वारा नियन्त्रित था। ऐसी दशाएँ जिसमें आदिमानव की तुलना में पर्यावरण की शक्तियाँ अधिक प्रबल होती हैं, उसे ‘पर्यावरणीय निश्चयवाद’ कहते हैं। पर्यावरण, निश्चयवाद की दशा को भारत के अनेक क्षेत्रों में देखा जा सकता है, जहाँ पर आदिवासी निवास करते हैं। इन क्षेत्रों में मानव सतत पोषण हेतु प्राकृतिक संसाधनों पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर करता है। ऐसे समाज में पर्यावरण ‘माता-प्रकृति’ का रूप धारण करता है। वह दशा जिसमें मानव पर प्रकृति का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है ‘मानव का प्राकृतीकरण’ कहलाती है। (ii) मानव भूगोल के विषय-क्षेत्र पर एक टिप्पणी लिखिए। हंटिंगटन द्वारा प्रतिपादित मानव भूगोल का क्षेत्र .
ये तीनों प्रकार के तथ्य आपस में जुड़े हुए हैं। हंटिंगटन ने सर्वप्रथम यह बताया कि भौतिक दशाओं का सामूहिक प्रभाव जीवन के विभिन्न रूपों (पौधे, जन्तु और मानव) पर होता है। जीवन के ये रूप भी आपस में अन्तर्सम्बन्धी हैं। भौतिक दशाओं, पौधों और जन्तुओं से मानव की क्रिया-प्रतिक्रिया होती है जिसके परिणामस्वरूप मानव की अनुक्रियाएँ (Responses) उत्पन्न होती हैं। नोट – तीर तथा उनके विस्तार, उन तरीकों का संकेत करते हैं, जिनमें भौतिक दशाएँ एक-दूसरे को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए जलवायु, पृथ्वी की गोल आकृति, धरातल के लक्षणों तथा महासागर जैसे जलाशयों से प्रभावित होती है। बदले में यह धरातल के लक्षणों, मिट्टी की गुणवत्ता और खनिज निक्षेपों के स्वरूप को प्रभावित करती है। यह जलाशयों को भी प्रभावित करती है …….. लेकिन स्पष्टता की दृष्टि से कुछ को ‘छोड़ दिया गया है। UP Board Class 12 Geography Chapter 1 Other Important QuestionsUP Board Class 12 Geography Chapter 1 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1.
उपर्युक्त परिभाषाओं के अनुसार, मानव भूगोल में यह अध्ययन किया जाता है कि भिन्न-भिन्न भौतिक दशाओं में मनुष्य का प्रत्युत्तर (Response) कैसा होता है? अथवा वह किस प्रकार प्रकृति से समायोजन या संघर्ष करके अपनी आवश्यकताओं को पूरा करता है और उसे अपने लिए उपयोगी बनाता है। यह तभी सम्भव है जब थोड़ा मानव का प्राकृतीकरण हो और कुछ प्रकृति का मानवीकरण हो। मानव भूगोल की प्रकृति प्रश्न 2. राजनीतिक आयाम (Political Dimensions), सामाजिक सम्बद्धता (Social Reference), लिंग असमानता (Sex Inequality), जननीति (Public Policy), नगरीकरण तथा नगर-प्रणाली (Urbanization and Urban System), स्वास्थ्य तथा सामाजिक सुविधाएँ (Health and Social well-being) इत्यादि। अध्ययन क्षेत्र में समसामयिक विषयों को शामिल करते समय मानव भूगोल न केवल समन्वयकारी (Integrating) तथा अन्तर्विषयक (Inter-disciplinary) गुणों से परिपूर्ण हुआ है बल्कि इसके अध्ययन में कई नई विधियाँ भी जुड़ गई हैं। प्रश्न 3. 2. सम्भववाद – सम्भववाद के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है तथा वह प्रकृतिदत्त अनेक सम्भावनाओं का अपने लाभ के लिए इच्छानुसार उपयोग कर सकता है। सम्भववाद प्रकृति की तुलना में मनुष्य को महत्त्वपूर्ण स्थान देता है और उसे सक्रिय शक्ति के रूप में देखता है। सम्भववाद के अनुसार निश्चयवाद का यह सिद्धान्त कि मनुष्य प्रकृति का दास है, अस्वीकृत कर दिया गया। 3. नव-निश्चयवाद – यह विचारधारा उपर्युक्त दोनों विचारधाराओं की चरम अवस्था के बीच का दर्शन है। ग्रिफिथ टेलर का मानना था कि किसी देश द्वारा अपनाए गए सर्वोत्तम आर्थिक कार्यक्रम का एक बड़ा भाग प्रकृति द्वारा निर्धारित होता है और यह भूगोलवेत्ता का कर्तव्य है कि वह इस कार्यक्रम की व्याख्या करे। देश के विकास की प्रगति को आगे बढ़ाने, धीमा या अवरुद्ध करने में मनुष्य सक्षम होता है। वह प्रगति की दिशा के स्थान पर दर को परिवर्तित करता है, यह एक बड़े शहर में यातायात नियन्त्रक की तरह होता है और सम्भवतया ‘रुको और जाओ’ ग्रिफिथ टेलर के दर्शन ‘नव-निश्चयवाद’ को अधिक स्पष्ट करता है। मनुष्य यदि बुद्धिमान हो, तो वह प्रकृति के कार्यक्रम का पालन कर सकता है, जो सम्भावनाओं के इस विवाद को स्वीकारता है कि पर्यावरण द्वारा स्थापित विस्तृत सीमा में से मनुष्य सबसे अन्त में चयन कर सकता है। प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न
6. प्रश्न 7. 2. सांस्कृतिक भूगोल – मानव भूगोल की इस शाखा में स्थान और समय के सन्दर्भ में मनुष्य के सांस्कृतिक पक्षों, धर्म और दृष्टिकोणों का अध्ययन किया जाता है। 3. सामाजिक भूगोल – सामाजिक भूगोल में विभिन्न मानव समूहों और उनके पर्यावरण के बीच सम्बन्धों की समीक्षा की जाती है। 4. जनसंख्या भूगोल – मानव भूगोल की इस शाखा में जनसंख्या, उसके वितरण, घनत्व, जन्म-दर एवं मृत्यु-दर, साक्षरता, आयु, लिंगानुपात, प्रवास तथा जनसंख्या वृद्धि जैसी जनांकिकीय विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है। 5. ऐतिहासिक भूगोल – मानव भूगोल की इस शाखा में ऐतिहासिक घटनाओं का विश्लेषण क्षेत्रीय अथवा भौगोलिक सन्दर्भ में किया जाता है। 6. राजनीतिक भूगोल – राजनीतिक भूगोल में राष्ट्रों अथवा राज्यों की सीमा, विस्तार, उनके विभिन्न घटकों तथा शासित भू-भागों का अध्ययन किया जाता है। 7.सैन्य भूगोल – सैन्य भूगोल का उद्देश्य स्थल तथा समुद्र के भौगोलिक चरित्र का युद्ध की घटनाओं पर पड़ने वाले प्रभावों को स्पष्ट करना है। 8. कृषि भूगोल – मानव भूगोल की इस शाखा में विश्व के विभिन्न भागों में पाए जाने वाले पर्यावरण के सन्दर्भ में कृषि सम्बन्धी तत्त्वों का अध्ययन किया जाता है। 9. मानव भूगोल की अन्य उप – शाखाएँ-मानव भूगोल की अन्य उप-शाखाएँ अधिवास भूगोल, नगरीय भूगोल, चिकित्सा भूगोल, संसाधन भूगोल, परिवहन भूगोल, वाणिज्य भूगोल, औद्योगिक भूगोल तथा व्यावहारिक भूगोल इत्यादि हैं। प्रश्न 8. मानव के प्राकृतीकरण के द्वारा पर्यावरण निश्चयवाद की संकल्पना का विकास लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. उदाहरण – घर्षण व ताप से आग की खोज हुई। उसी तरह डी०एन०ए० के ज्ञान से कई तरह के वंशानुगत रोगी की जानकारी प्राप्त हुई। तकनीकी ज्ञान मनुष्य पर प्रकृति की पकड़ को कमजोर करता है। प्रारम्भ में मानव प्रकृति से अधिक प्रभावित था लेकिन अब उसने उपकरणों तथा तकनीक की सहायता से प्रकृति को अपने अनुकूल बना लिया है। प्रश्न 4. उदाहरण के लिए-टुण्ड्रा क्षेत्र के एस्किमो के बर्फ के घर (इग्लू) व भोजन वालरस व सील मछली होती है। ह्वेल भी उनके जीवन का प्रमुख अंग है। वे मछली के तेल का भी उपयोग करते हैं। थार, सहारा जैसे गर्म मरुस्थलों के लोग भेड़, बकरी तथा ऊँट आदि जैसे जानवरों पर निर्भर करते हैं। निश्चयवादी, साधारणतया मानव को एक निष्क्रिय कारक मानते हैं जो कि पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित हैं। प्रश्न 5.
प्रश्न 6. उदाहरण – मरुस्थल में रहने वाले लोगों की जीवनचर्या मैदानों में रहने वाले लोगों से भिन्न होती है। उसकी आवश्यकताएँ भी भिन्न हैं। लेकिन मनुष्य कठिनाई के बावजूद कठिन वातावरण में रहने का प्रयास करता है। वह नवीन तकनीक व उपकरणों का उपयोग करके वातावरण को अपने रहने के लिए अनुकूल बना लेता है। प्रश्न 7.
प्रश्न 8.
प्रश्न 9. उदाहरण – वर्षा के कार्य को सिंचाई द्वारा पूरा करना, पर्वतीय ढालों पर सीढ़ीदार खेत बनाकर खेती करना आदि। ये उदाहरण प्राकृतिक पर्यावरण पर मनुष्य की श्रेष्ठता सिद्ध करते हैं। सम्भववाद की संकल्पना के अनुसार नियतिवाद का यह सिद्धान्त कि मनुष्य प्रकृति का दास है को अस्वीकृत कर दिया गया। प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12.
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अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7.
प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13.
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प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. आर्थिक भूगोल की उपशाखा है प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. UP Board Solutions for Class 12 Geographyनगर की संकल्पना क्या है?नगर का अर्थ (nagar kise kahte hai)
Nagar ka arth paribhasha visheshtaye;सामान्यतः नगर को एक ऐसे स्थान के रूप मे परिभाषित किया जाता है, जहाँ व्यक्ति कृषि के अलावा अन्य व्यवसायों मे रत होता है। यहाँ जनसंख्या का घनत्व अत्यधिक होता है तथा आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से यहाँ अत्यधिक विषमता पायी जाती है।
सबसे बड़े नगर क्षेत्र को क्या कहते हैं?नगरीय क्षेत्र. बृहत्तर टोक्यो क्षेत्र, विश्व का सबसे विशाल नगरीय क्षेत्र है, जिसकी जनसंख्या लगभग ३.५ करोड़ है।. २००६ में कम से कम दस लाख जनसंख्या वाले नगरीय क्षेत्र। ... . नगरीय पर्यावरण में रहने वाली जनसंख्या को प्रतिशत में दर्शाता एक विश्व मानचित्र।. नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत कितना है?हालांकि, शहरीकरण का स्तर (22.28%) पूरे देश के अनुसार (31.16%) काफी कम है। 2001-2011 दशक की जनगणना के अनुसार शहरी की जनसंख्या 28.75 प्रतिशत है,जो 1991-2001 में 31.80 प्रतिशत थी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2021 तक प्रदेश में शहरों की जनसंख्या 5.83 करोड़ हो जाएगी।
नगरों की उत्पत्ति के क्या कारण है?इस उद्देश्य के लिए लोग मकानों और अन्य इमारतों का निर्माण करते हैं और अपने आर्थिक पोषण-आधार के लिए कुछ क्षेत्र पर स्वामित्व रखते हैं। अतः बस्ती की प्रक्रिया में मूल रूप से लोगों के समूहन और उनके संसाधन आधार के रूप में क्षेत्र का आवंटन सम्मिलित होते हैं।
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